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Tuesday, November 28, 2023

बुरे फंसते जा रहे इमरान खान, जेआईटी ने कहा 9 मई की हिंसा पूर्व पीएम ने करवाई

इस्लामाबाद, (वेब वार्ता)। पाकिस्तान में इस साल नौ मई को सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ अभूतपूर्व हिंसा देखने को मिली थी। इसको लेकर एक संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने यहां आतंकवादी रोधी अदालत को बताया कि साजिश रचने में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान और उनकी पार्टी के कई नेता सीधे तौर पर शामिल थे। भ्रष्टाचार के एक मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान खान को अर्द्धसैनिक रेंजर्स के द्वारा गिरफ्तार किया गया था। इसके पंजाब प्रांत में जमकर हिंसा हुई थी। इसकी जांच के लिए एक संयुक्त जांच दल का गठन किया गया था।

पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार की खबर के मुताबिक, उपमहानिरीक्षक (परिचालन) इमरान किश्वर की अध्यक्षता वाले संयुक्त जांच दल ने गुरुवार को आतंकवाद रोधी अदालत के समक्ष पीटीआई नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए। खबर में कहा गया है कि लाहौर पुलिस के अनुसार इमरान खान (70 वर्षीय) और पीटीआई  के 900 से ज्यादा अन्य नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को नौ मई के मामलों में नामजद गंभीर अपराधों का दोषी ठहराया है। अदालत के समक्ष दायर आरोप पत्र में अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि नौ मई को संदिग्धों के नेतृत्व में हिंसक प्रदर्शन राज्य के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थे। इसने कहा कि पीटीआई प्रमुख के भाषणों सहित 400 से अधिक वीडियो साक्ष्य साबित करते हैं कि छावनी क्षेत्रों में सैन्य प्रतिष्ठानों और परिसरों पर हमले पूर्व नियोजित थे।
पुलिस में दर्ज मामलों के मुताबिक बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने लाहौर में सैन्य प्रतिष्ठानों, पुलिस वाहनों और अन्य सार्वजनिक और निजी संपत्तियों पर हमला किया था। लाहौर कोर कमांडर हाउस (जिन्ना हाउस), अस्करी टॉवर और शादमान पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ हिंसा के दौरान कुछ प्रमुख घटनाएं थीं। अखबार ने उपमहानिरीक्षक किश्वर के हवाले से कहा, ‘हमने लाहौर के विभिन्न पुलिस थानों में आतंकवाद रोधी कानून और अन्य आरोपों के तहत दर्ज कुल 14 मामलों में से 12 में उन्हें मुख्य आरोपी बनाया है और आतंकवाद रोधी अदालत में चालान जमा किए गए हैं।’
उन्होंने कहा कि जेआईटी ने इमरान खान, पंजाब के पूर्व राज्यपाल उमर सरफराज चीमा, पूर्व प्रांतीय मंत्रियों मियां महमूदुर राशिद, डॉ. यास्मीन राशिद और अन्य सहित नामित व्यक्तियों के खिलाफ ‘पर्याप्त सबूत’ हासिल किए। उपमहानिरीक्षक ने कहा कि संदिग्धों के डिजिटल और फोटोग्राममेट्रिक साक्ष्य के साथ-साथ वॉयस मैसेज ने प्रांतीय राजधानी के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज एक दर्जन से अधिक मामलों में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की पुष्टि की।
एक अन्य प्रमुख अखाबर ने अपनी खबर में संयुक्त जांच दल की रिपोर्ट के हवाले बताया कि इमरान खान ने संघीय, प्रांतीय और स्थानीय नेतृत्व के सहयोग से देश को गृह युद्ध की ओर धकेलने के लिए योजना बनाई और जनता को फर्जी और खुद गढ़ी हुई कहानियों से उकसाया।
अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा नौ मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में अशांति फैल गई थी जिसमें रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और फैसलाबाद में आईएसआई की इमारत समेत दर्जनों सैन्य और सरकारी इमारतों में आग लगा दी गई थी और तोड़फोड़ की गई थी।
पुलिस ने पीटीआई के 10 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है और 100 से अधिक पर सेना अधिनियम के तहत मुकदमा चल रहा है। इमरान खान ने हमलों की साजिश रचने या उकसाने से इनकार करते हुए कहा कि यह आगामी चुनावों से पार्टी को बाहर करने के लिए एक सुनियोजित साजिश थी। उन्होंने पिछले साल अप्रैल तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया और वर्तमान में लगभग 180 मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश मामले नौ मई की घटनाओं से पैदा हुए हैं।

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