हवाई, (वेब वार्ता)। हवाई इन दिनों आग का तूफान झेल रहा है. यहां विनाशकारी जंगल की आग से मरने वालों की संख्या 67 हो गई है. सरकार के मुताबिक लाहिना की आग पर अभी तक काबू नहीं पाया गया है. इससे पहले, हवाई के गवर्नर जोश ग्रीन ने कहा कि हवाई के माउई द्वीप पर जंगल की आग से मरने वालों की संख्या 59 तक पहुंच गई है. बीते गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसे ‘बड़ी आपदा’ घोषित कर दी. इस भयानक आग में भारत से आयातित 150 साल पुराना बरगद का पेड़ भी राख हो रहा है.
भारत से आयातित यह बरगद का पेड़ अमेरिका का सबसे पुराना पेड़ माना जाता है. यह माउई के हवाई द्वीप में घातक जंगल की आग के कारण झुलस रहा है. आग ने कई इमारतों को झुलसा दिया है. ऑनलाइन पोर्टल lahainatown.com के अनुसार, इस बरगद के पेड़ को हवाई में पनियाना कहा जाता है, 1873 में जब इसे माउई के लाहिना शहर में लगाया गया था, तब यह महज 8 फुट का पौधा था. बरगद के पेड़ ने इस साल अप्रैल में अपना 150वां जन्मदिन मनाया.
इस बरगद के पेड़ के नीचे अक्सर कार्यक्रम और कला प्रदर्शनियां आयोजित की जाती रही हैं. लाहिना रेस्टोरेशन फाउंडेशन के अनुसार, इस पेड़ में 46 तने हैं और यह लगभग दो-तिहाई एकड़ क्षेत्र को छाया देता है. सीएनएन न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, ऐतिहासिक शहर लाहिना में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है. शहर के केंद्र में जो कुछ भी है वह पूरी तरह से तबाह हो गया है. आग के कारण कोई वनस्पति नहीं बची है.
हालांकि, इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं है, तस्वीरों से पता चलता है कि बरगद का पेड़ जल गया है लेकिन खड़ा है. शहर की वेबसाइट ने सुझाव दिया कि पेड़ ठीक हो जाएगा, ‘यदि जड़ें स्वस्थ हैं, तो यह संभवत वापस बढ़ेगा.’ लाहिना रेस्टोरेशन फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक थियो मॉरिसन ने बीबीसी को बताया ‘बरगद के पेड़ को मारना वास्तव में बहुत कठिन है.’ मुझे विश्वास है कि यह वापस ठीक हो जाएगा. सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका स्वास्थ्य और आकार माउई काउंटी आर्बोरिस्ट कमेटी द्वारा रिकॉर्ड किया जाता है.