-अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौता, $750 अरब डॉलर की ऊर्जा खरीद, $600 अरब का निवेश, ट्रंप बोले- “विश्व अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया आयाम”
एडिनबर्ग (स्कॉटलैंड), (वेब वार्ता)। अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) के बीच बहुप्रतीक्षित व्यापारिक समझौता आखिरकार रविवार को स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में हो गया। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने अपने निजी गोल्फ कोर्स पर EU के 27 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और अंततः यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ बैठक में समझौते को अंतिम रूप दिया।
ट्रंप ने इसे “अब तक का सबसे ज्यादा फायदे वाला व्यापार समझौता” करार दिया और कहा कि इससे न केवल अमेरिका की ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी, बल्कि यह समझौता अमेरिका को वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में और मजबूत बनाएगा।
समझौते के प्रमुख बिंदु:
यूरोपीय संघ अमेरिका से 750 अरब डॉलर की ऊर्जा खरीदेगा।
EU अमेरिका में करेगा 600 अरब डॉलर का निवेश।
EU अब अमेरिकी उत्पादों के लिए शून्य ब्याज दर पर बाजार खोलेगा।
रक्षा उपकरणों की खरीद भी इस समझौते का हिस्सा होगी।
स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ यथावत रहेगा।
चिप्स और सेमीकंडक्टर सेक्टर पर अब तक कोई नई घोषणा नहीं।
वैश्विक आर्थिक असर:
द वॉल स्ट्रीट जनरल के अनुसार, इस समझौते के बाद अमेरिकी शेयर वायदा और यूरोपीय सूचकांकों में तेज़ी देखी गई है। डॉलर ने यूरो के मुकाबले मजबूती हासिल की है। सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया कि ट्रंप इसे अपनी अमेरिकी जीवनशैली में परिवर्तन लाने की योजना की जीत के रूप में देख रहे हैं।
प्रमुख व्यक्ति और प्रतिक्रियाएं:
उर्सुला वॉन डेर लेयेन, यूरोपीय आयोग अध्यक्ष:
“यह समझौता अटलांटिक के दोनों ओर रोजगार, व्यापार और निवेश के संतुलन को मजबूत करेगा। चिप्स सेक्टर की नीति पर जल्द निर्णय लिया जाएगा।”
जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज:
“यह समझौता वैश्विक स्थिरता और अमेरिका-EU संबंधों में नई दिशा देगा।”
डोनाल्ड ट्रंप:
“हमने ऐसा समझौता किया है जो न सिर्फ व्यापारिक लाभ देगा, बल्कि आपसी विश्वास और निकटता भी बढ़ाएगा।”
वार्ता में शामिल प्रमुख प्रतिनिधि:
मारोस सेफ्कोविक (EU मुख्य व्यापार वार्ताकार)
ब्योर्न सीबर्ट (वॉन डेर लेयेन के कैबिनेट प्रमुख)
सबाइन वेयंड (EU व्यापार महानिदेशालय)
टॉमस बार्ट (EU अमेरिका प्रतिनिधिमंडल – कृषि व व्यापार)
भू-राजनीतिक संकेत:
यह समझौता उस समय आया है जब वैश्विक स्तर पर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव, ऊर्जा सुरक्षा की चिंता और यूरोप में महंगाई दबाव बढ़ रहा है। समझौते से ट्रंप का रुख स्पष्ट हुआ कि अमेरिका अब न केवल सैन्य बल्कि ऊर्जा निर्यात की बड़ी शक्ति बनकर उभर रहा है।
विवाद और ट्रंप की प्रतिक्रिया:
हालांकि इस ऐतिहासिक मौके पर भी ट्रंप को जेफरी एपस्टीन मामले से जुड़े सवालों का सामना करना पड़ा। जब एक पत्रकार ने इस पर सवाल किया तो ट्रंप ने भड़कते हुए कहा,
“ओह, आप मज़ाक कर रहे हैं!”