वॉशिंगटन, (वेब वार्ता)। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने एक और बड़ी कामयाबी अपने नाम कर ली है. नासा के अंतरिक्ष यान लूसी ने स्पेस में एक बड़ी खोज की है. लूसी के जरिए एक मिनी मून यानी छोटे चांद के टुकड़े की खोज हुई है, जो एस्टेरॉयड डिंकिनेश की परिक्रमा करते हुए दिखाई पड़ा है. वैज्ञानिकों के मुताबिक इस खोज का मतलब है कि एस्टेरॉयड- डिंकिनेश के पास खुद का चांद है. नासा ने इसकी तस्वीरें भी खीचीं हैं. स्पेसक्राफ्ट ने पुष्टि की है कि डिंकिनेश अकेला नहीं है. इसके चारों ओर चंद्रमा के आकार का दसवां हिस्सा चारों ओर चक्कर लगा रहा है.
वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष यान ने लगभग 434 किमी दूर एस्टेरॉयड डिंकिनेश और उसके ”मिनी मून” की तस्वीर खींची हैं. डिंकिनेश और इसका नया चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 300 मिलियन मील (480 मिलियन किमी) दूर, मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच मुख्य एस्टेरॉयड बेल्ट में रहते हैं.
स्पेसक्राफ्ट लूसी पर नजर रखने वाले हान लेविंसन ने कहा “डिंकिनेश वास्तव में अपने नाम की तरह रहा है, इथियोपिया की अम्हारिक् भाषा में इसका अर्थ है- आप अद्भुत हैं. नासा का यह मिशन भी अद्भुत खोज कर रहा है.” बता दें कि इस मिशन के जरिए रहस्यमय क्षुद्रग्रहों का पता लगाना है, जिसके लिए स्पेसक्राफ्ट लूसी काम पर है. लुसी को सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति के निकट भेजा गया था. इसे 2021 में लॉन्च किया गया था, जो 2027 तक अंतरिक्ष में मौजूद रहेगा. मिशन का मुख्य लक्ष्य 8 क्षुद्रग्रहों का एक समूह है जिन्हें ट्रोजन के नाम से जाना जाता है, उनकी स्टडी करना है.
हाल ही में एरिजोना विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बताया था कि पृथ्वी के चारों ओर घूमने वाला कामो’ओलेवा जिसे एस्टेरॉयड माना जाता था, वह भी चंद्रमा का एक टुकड़ा ही है. वैज्ञानिक इस पर कई सालों से शोध कर रहे हैं. वह चांद का एक संभावित स्रोत इसलिए हो सकता है, क्योंकि इसपर सिलिकेट की मौजूदगी है. शोध करने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह हमारे ग्रह के बेहद करीब है और यह हर साल अप्रैल में पृथ्वी का चक्कर लगाता है.