वाशिंगटन, (वेब वार्ता)। संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास में सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक है 9 सितंबर का हमला, जिसे 9/11 आतंकवादी हमले (9/11 Terrorist Attacks) के रूप में भी जाना जाता है. साल 2001 में न्यूयॉर्क शहर (New York City) और वाशिंगटन डीसी (Washington DC) के खिलाफ एयरलाइन अपहरण (Airline Hijacks) और सुसाइड की एक सीरिज समेत हमलों ने बड़ा विनाश किया और करीब 3,000 लोगों की जान ले ली. जिसमें से करीब 1,000 मानव अवशेषों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है.
ऐसा माना जाता है कि 9/11 हमले का मुख्य साजिशकर्ता खालिद शेख मोहम्मद (Khalid Sheikh Mohammed) था, जो मुस्लिम ब्रदरहुड (Muslim Brotherhood) का सक्रिय सदस्य था. लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि खालिद की योजना 1990 के दशक के दौरान एक दर्जन से अधिक अमेरिकी विमानों को उड़ाने की थी. लेकिन वह अपनी इस नापाक साजिश में कामयाब नहीं हो सका था. इसके बाद उसने दुनिया के सबसे दुर्दांत आतंकवादी ओसामा बिन लादेन (Osama bin Laden) से हाथ मिला लिया था. इसके बाद दोनों ने 9/11 आतंकवादी हमले की साजिश रची थी.
एपी ने बताया कि आतंकवादी हमलों के दो दशकों से अधिक समय के बीत जाने के बाद आज भी करीब 1000 ऐसे मानव अवशेष हैं जिनकी शिनाख्त नहीं की जा सकी है. लेकिन इन दो दशकों के बाद अब वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 9/11 के हमले में मारे गए 2 लोगों के अवशेषों की पहचान की गई है, जो पीड़ितों को उनके परिवारों में वापस लाने के दशकों से किए जा रहे लंबे प्रयास में लेटेस्ट सकारात्मक पहचान की जा सकी है.
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक न्यूयॉर्क शहर के मेडिकल परीक्षक अब वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के 1,649 पीड़ितों के अवशेषों को जोड़ने में सक्षम हो गए हैं, यह एक श्रमसाध्य प्रक्रिया है जो मलबे में बरामद शरीर के टुकड़ों का परीक्षण करने के लिए अग्रणी डीएनए अनुक्रमण तकनीकों (DNA sequencing techniques) पर निर्भर करती है।
अधिकारियों ने बताया कि अनुक्रमण प्रौद्योगिकी में प्रगति, जिसमें परीक्षण संवेदनशीलता में वृद्धि और तेजी से बदलाव के समय शामिल हैं, ने उन्हें उन अवशेषों की पहचान करने की अनुमति दी है, जिनका दशकों से पहचान योग्य डीएनए (DNA) के लिए नकारात्मक परीक्षण किया गया था.
एपी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सेना (US military) द्वारा लापता सेवा सदस्यों की पहचान करने के लिए इसी तरह के प्रयासों का उपयोग किया जाता है. पिछले महीने माउ के जंगलों में भी आग लग गई थी. इस आग में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. वर्तमान में इन सभी लोगों के शरीर के हिस्सों का भी परीक्षण किया जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक 11 सितंबर 2001 के हमलों में मारे गए लोगों की आखिरी पहचान 2019 में की गई थी. इन हमलों 1,000 से अधिक मानव अवशेषों की अभी तक पहचान नहीं की जा सकी है. उन्हें वर्तमान में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्थल पर राष्ट्रीय 11 सितंबर स्मारक और संग्रहालय में संग्रहीत किया जा रहा है.