27.1 C
New Delhi
Monday, March 27, 2023

मौलवियों के सिर से बीच राह उतार फेंकी पगड़ी, वीडियो भी बना रही महिलाएं

तेहरान. ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन लगातारलजारी हैं। 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत से शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में कई लोगों की जान जा चुकी है और कई ईरानी सरकार की कैद में हैं लेकिन प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। यही नहीं, अब ईरान के हिजाब विरोधी प्रदर्शन एक नया मोड़ ले रहे हैं। प्रदर्शनकारी अब हिजाब समर्थक मौलवियों को निशाना बना रहे हैं। युवा ईरानी महिलाएं मौलवियों के सिर से पगड़ी उतारते देखी जा रही हैं। वे इसका वीडियो भी बना रही हैं और शेयर कर रही हैं।

सोशल मीडिया पर कई वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं जिनमें स्कूली छात्राओं और लड़कों को मौलवियों की पगड़ी उतारते देखा जा सकता है। एक वायरल वीडियो में, युवा लड़की खाली सड़क पर चल रहे मौलवी के पीछे भागकर आती है और उसकी पगड़ी उतार देती है। पगड़ी उतराकर लड़की तुरंत भाग जाती है और मौलवी पीछे मुड़कर अपनी पगड़ी को उठाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो शेयर करते हुए लिखा गया कि “सरकार द्वारा सैकड़ों निर्दोष प्रदर्शनकारियों का कत्ल करने के बाद मौलवियों की पगड़ी उतारना विरोध प्रदर्शन का नया तरीका बन गया है।”

एक अन्य वीडियो में मौलवी को बीच सड़क से अपनी पगड़ी उठाते देखा जा रहा है। वीडियो शेयर करते हुए लोग लिख रहे हैं कि अब इन मौलवियों की पगड़ी उतार फेकना युवा ईरानी प्रदर्शनकारियों का रोज काम हो गया है। AlinejadMasih नाम की एक लड़की कहती है, “अगर हम जबरदस्ती थोपे गए हिजाब को पहनने से इनकार करते हैं तो ईरान के ये मुल्ला हमारा सिर कलम कर देते हैं। इसलिए हम अपना गुस्सा दिखाने के लिए उनकी पगड़ी उतार रहे हैं।” डेली टेलीग्राफ का हवाला देते हुए, द स्टफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि “मौलवियों को पब्लिक में बेइज्जत होने का डर सता रहा है और इसी डर की वजह से वे अब सार्वजनिक रूप से अपनी पगड़ी और लबादा पहनने से बच रहे हैं।”

गौरतलब है कि पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमीनी की 16 सितंबर को मौत के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। महिलाओं के लिए ईरान के सख्त ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने के आरोप में अमीनी को हिरासत में लिया गया था। हालांकि, शुरुआत में विरोध प्रदर्शन ईरान में हिजाब पहनने की अनिवार्यता पर केंद्रित थे। बाद में प्रदर्शनों का सिलसिला बढ़ता गया और ये, 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद सत्तारूढ़ शासकों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक में बदल गए हैं।

सुरक्षा बलों ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए गोला-बारूद और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। ईरान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के समूह के अनुसार, कम से कम 270 लोग मारे गए हैं और 14,000 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। प्रदर्शन अब भी जारी हैं। इस बीच, अर्द्धसैन्य बल रिवोल्यूशनरी गार्ड ने भी युवाओं को प्रदर्शन के लिए चेताया है। न्यायिक अधिकारियों ने ईरान के अन्य प्रांतों में भी सैकड़ों लोगों के खिलाफ आरोपों की घोषणा की है। कुछ पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं, जिनमें मृत्युदंड का प्रावधान है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

10,370FansLike
10,000FollowersFollow
1,129FollowersFollow

Latest Articles