मुंबई, (वेब वार्ता)। अमिताभ बच्चन और रजनीकांत भारतीय सिनेमा के 2 ऐसे नाम हैं, जो फिल्म हिट कराने के लिए काफी हैं. आज ये दोनों सितारे अपने करियर के शीर्ष शिखर पर पहुंच गए हैं. इसके पीछ इन दोनों सुपरस्टार्स की मेहनत और फिल्मों का चुनाव रहा है. आज के दौर में अजय देवगन जैसे स्टार दृश्यम जैसी सस्पेंस थ्रिलर फिल्में कर वाहवाही बटोर रहे हैं. अमिताभ बच्चन और रजनीकांत अपने दौर में ऐसी कई शानदार फिल्में दे चुके हैं.
40 साल बाद भी लोगों को पसंद आती है कहानी
80 के दशक में रजनीकांत स्टारर एक फिल्म ‘अंधा कानून’ रिलीज हुई थी. ये फिल्म आज के दृश्यम से भी कहीं बेहतर है. 1983 में रिलीज हुई इस फिल्म में रजनीकांत, अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी और रीना रॉय लीड किरदारों में नजर आए थे. ‘अंधा कानून’ सस्पेंस थ्रिलर की दुनिया का ऐसा चमकता सितारा है जो 40 साल से भी बेमिसाल चमक रहा है. फिल्म की कहानी इतनी जबरदस्त थी कि पूरे 3 घंटे तक पलक झपकने का मन नहीं करेगा. फिल्म को रामाराव तातिनैनी ने डायरेक्ट किया था. फिल्म की कहानी जाननिसार अख्तर खान ने लिखी थी.
किशोर कुमार ने गाए थे फिल्म के गाने
फिल्म के गाने भी लोगों को खूब पसंद आए थे. फिल्म में आनंद बख्शी ने लिरिक्स लिखे थे और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी ने संगीत दिया था. फिल्म के गाने किशोर कुमार ने गाए थे. सस्पेंस थ्रिलर की दुनिया की ये बेहतरीन फिल्म 40 साल बाद भी लोगों को काफी पसंद आती है. फिल्म की कहानी कानूनी रवैये और समाज के आपराधिक तत्वों पर प्रकाश डालती है. कहानी एक फॉरेस्ट अधिकारी की जिंदगी से शुरू होती है. जो जंगल में सरकारी नौकरी करता है.
कानून की व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है फिल्म
अधिकारी बेहद ईमानदार है और अपने फर्ज के लिए जान दांव पर लगाने में भी नहीं हिचकता है. एक दिन चंदन की तस्करी बदमाशों द्वारा की जा रही थी. इसी दौरान अधिकारी उन्हें देख लेता है. अपराधी अधिकारी को मौत के घाट उतार देते हैं. साथ ही हत्या का जुर्म किसी और के माथे मढ़ दिया जाता है. लेकिन अधिकारी के 2 बेटे बड़े होते हैं और अपने पिता की मौत का बदला लेते हैं.
उनकी एक बहन भी जो उन्हें कानूनी तरीके से इस मामले को सुलझाने की सलाह देती है. इस फिल्म की कहानी में पुलिस कातिल को नहीं ढूंढ पाती. पूरी फिल्म एक बेहतरीन सस्पेंस क्रिएट करती है, जिसमें दर्शक खुद को डूबा पाते हैं. 40 साल बाद भी इस फिल्म को एक कल्ट क्लासिक माना जाता है. इस फिल्म के आगे दृश्यम जैसी सस्पेंस थ्रिलर फिल्में भी फीकी पड़ जाती हैं.