अस्सी के दशक में सिनेमाई पर्दे पर Yash Chopra का नाम ही काफी था। उन्हें ‘सिलसिला’ जैसी फिल्म ने सफलता का बेजोड़ स्वाद दिया था। लेकिन फिर एक के बाद एक फिल्म फ्लॉप होने लगी। इनमें से ‘विजय’ एक मल्टीस्टारर फिल्म थी, जिसमें अनिल कपूर भी थे। सीरीज में इस फिल्म की चर्चा करते हुए अनिल कपूर कहते हैं, ‘यह ऐसी फिल्म थी, जैसे यशराज ने अपनी ही पुरानी फिल्मों को फिर से जोड़कर बनाया हो।’ वह आगे कहते हैं कि यश चोपड़ा ने तय कर लिया था कि एक हार्डकोर कमर्शियल फिल्म बनाना है। जिसमें गाने हो, डांस हो, थोड़े बिकिनी शॉट्स हो। वो इस फिल्म को बनाने की प्रक्रिया का खूब आनंद ले रहे थे। जबकि खुद अनिल कहते हैं कि वह या कोई भी उस तरह से एंजॉय नहीं कर रहा था।
यश चोपड़ा, अपनी फिल्म की कास्ट विनोद खन्ना, श्रीदेवी और ऋषि कपूर के साथ
The Romantics सीरीज में करण जौहर के साथ यश चोपड़ा का एक पुराना इंटरव्यू दिखाया जाता है। इसमें यश कहते हैं, ‘मैंने एक बहुत की कैलकुलेशन के साथ डिसीजन लिया। मैं यह नहीं कह सकता कि यह फिल्म मेरे दिल के करीब थी। जब मैं विजय बना रहा था, तब भी मैंने खुद से यह पूछा था कि मैं ये क्यों बना रहा हूं। मेरे अंदर जो कोमलता है, वह कहां चली गई है?’
यश चोपड़ा ने तय किया- जिंदगी का सबसे बड़ा जुआ खेलूंगा
यश चोपड़ा बताते हैं कि उस वक्त इंडस्ट्री ऐसे मुकाम पर पहुंच गई थी, जहां हर कोई निराशा से घिर गया था। वह कहते हैं, ‘मैंने तय किया कि मैं जिंदगी का एक बड़ा जुआ खेलूंगा। मैं अब एक सेट फॉर्मूले पर फिल्म नहीं बनाऊंगा। मैं ऐसी फिल्म बनाऊंगा जो मेरे दिल के करीब हो और इस तरह ‘चांदनी’ की शुरुआत हुई।’
यश चोपड़ा, श्रीदेवी और विनोद खन्ना
ऐसे हुई थी ‘चांदनी’ में श्रीदेवी की कास्टिंंग
ऋषि कपूर बताते हैं कि जब यश चोपड़ा उनके पास ‘चांदनी’ फिल्म की बात करने पहुंचे, तब उसमें श्रीदेवी की कास्टिंग नहीं हुई थी। यश चोपड़ा ने कहा कि उन्होंने श्रीदेवी का काम नहीं देखा है। लेकिन जब अमिताभ बच्चन ने उन्हें तमिल फिल्म में श्रीदेवी का काम दिखाया, तो यश जी मान गए। अपनी पिछली फ्लॉप फिल्मों के कारण वह श्रीदेवी से सीधे संपर्क नहीं करना चाहते थे। ऐसे में अनिल कपूर ने बोनी कपूर से बात की और फिर श्रीदेवी की कास्टिंग हुई। अनिल कपूर कहते हैं, ‘श्रीदेवी की माता जी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि यश चोपड़ा कौन हैं। उनके लिए बस पैसा मायने रखता था।’
‘चांदनी’ में श्रीदेवी
सफेद साड़ी पर श्रीदेवी और उनकी मां की नाराजगी
यश चोपड़ा की बीवी पामेला चोपड़ा सीरीज में सबसे मजेदार खुलासा करती हैं। वह कहती हैं, ‘श्रीदेवी फिल्म में सफेद साड़ी पहनने को लेकर खुश नहीं थीं। फिल्म में अधिकतर सीन्स में वह सफेद साड़ी में दिख रही हैं। श्रीदेवी ने कहा कि यह बहुत ही डल है। उनकी मां ने भी शिकायत की कि सफेद साड़ी उनके समाज में अच्छा नहीं माना जाता है।’ फिल्म में विनोद खन्ना की कास्टिंग भी बड़ी दिलचस्प तरीके से हुई, क्योंकि फिल्म में कोई एक्शन सीन नहीं है। ऐसे में यह विनोद खन्ना का जॉनर नहीं था। विनोद खन्ना ने इस बारे में शिकायत भी की थी। तब यश चोपड़ा ने कहा था, ‘अगर आपको लगता है कि फाइट सीन फिल्म के लिए हाईलाइट हैं, तो मुझे लगता है कि गाने असली हाईलाइट्स हैं। यह फिल्म को बड़ा बनाती हैं और थिएटर छोड़ने के बाद भी दर्शक इससे जुड़े रहते हैं।’
फ्लॉप होती ‘चांदनी’ तो हमेशा के लिए बंद हो जाता YRF
‘चांदनी’ की कास्टिंग हो गई। यश चोपड़ा दिल की आवाज सुनकर इसके काम में जुट गए। लेकिन असली समस्या यह थी कि यशराज फिल्म्स के पास बजट नहीं था। फ्लॉप फिल्मों के कारण पहले ही घाटा हो चुका था। तब बैंक से ओवरड्राफ्ट लेकर ‘चांदनी’ की शूटिंग शुरू हुई। अगर ‘चांदनी’ सुपरहिट नहीं होती, तो शायद यशराज फिल्म्स प्रोडक्शन हाउस हमेशा के लिए बंद हो जाता।
ऋषि कपूर और श्रीदेवी फिल्म ‘चांदनी’ में
डिस्ट्रीब्यूटर्स ने ‘चांदनी’ रिलीज करने से कर दिया इनकार
‘चांदनी’ बनकर तैयार हुई। यश चोपड़ा के दिल के बेहद करीब इस फिल्म के प्रीमियर पर इंडस्ट्री का रिएक्शन और भी डराने वाला था। फिल्म देखने पहुंचे इंडस्ट्री के लोगों ने कहा कि ‘चांदनी’ न सिर्फ बहुत लंबी फिल्म है, बल्कि इसमें बहुत सारे गाने हैं। यह कहीं से भी कमर्शियल फिल्म है और यश चोपड़ा ने बड़ी गलती की है। यश चोपड़ा को बताया गया कि कई डिस्ट्रीब्यूटर्स ने फिल्म खरीदने और रिलीज करने से इनकार कर दिया था। बाजार में यह बात फैल गई या फैला दी गई कि ‘यश चोपड़ा एक और फ्लॉप फिल्म’ लेकर आ रहे हैं।
8 करोड़ के बजट में बनी फिल्म ने कमाए 27 करोड़ रुपये
आखिरकार, 14 सितंबर 1989 को ‘चांदनी’ रिलीज हुई। फिल्म को न सिर्फ दर्शकों ने भरपूर प्यार दिया, बल्कि 8 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने उस दौर में 27 करोड़ रुपये का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया। यानी आज के हिसाब से 250 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार। ‘चांदनी’ यश चोपड़ा के लिए तो वरदान साबित हुई ही। हिंदी सिनेमा के लिए इसने नया बेंचमार्क बनाया। श्रीदेवी, ऋषि कपूर और विनोद खन्ना को भी लोगों ने बेशुमार प्यार दिया।