दिल्ली: देश की सबसे बड़ी मिनरल वाटर डील को तगड़ा झटका लगा है। यह डील टाटा ग्रुप और बिसलेरी इंटरनेशनल (Tata-Bisleri Deal) के बीच शुरू हुई थी अब यह सौदा (Deal Canceled) टूट गया है। टाटा समूह (Tata Group) ने देश के सबसे बड़े बोतलबंद पानी के रिटेलर बिसलेरी को खरीदने का बीड़ा उठाया था। इन दोनों गुटों के बीच बातचीत अंतिम चरण में पहुंच चुकी थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिसलेरी और टाटा के बीच बातचीत बंद हो गई है।
वैल्यूएशन को लेकर विवाद खड़ा
कंपनी के वैल्यूएशन (Valuation) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बिसलेरी कंपनी (Bisleri) को इस डील से बड़ी रकम मिलने की उम्मीद थी। लेकिन खबरें हैं कि टाटा समूह बिसलेरी के लिए इतनी रकम (Money) देने को तैयार नहीं है। पैसे को लेकर अब दोनों कंपनियों के बीच बातचीत ख़त्म हो गई है। यह भी पता चला है कि पैसे को ट्रांसफर (Transfer) करने की योजना पर भी चर्चा हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिसलेरी के प्रमोटर्स को डील से एक अरब डॉलर मिलने की उम्मीद थी। दिलचस्प बात यह है कि दोनों कंपनियां वैल्यूएशन पर सहमत नहीं थीं। इस मसले को दोनों कंपनियां आपसी समझ से सुलझा सकती हैं। दोनों कंपनियां फिर से बातचीत कर सकती हैं। बिसलेरी को खरीदने के लिए दूसरी कंपनियां भी आगे आ सकती हैं।
मिनरल वाटर के बाजार में बिसलेरी का दबदबा
टाटा और बिसलेरी ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। बोतलबंद मिनरल वाटर के बाजार में बिसलेरी का दबदबा है। बिसलेरी की भारतीय बाजार (Indian Market) में 60% हिस्सेदारी है। बिसलेरी की वेबसाइट के अनुसार जयंतीलाल चौहान ने 1949 में पारले शीतल पेय ग्रुप की स्थापना की थी। उन्होंने 1969 में इटली के एक उद्यमी से बिसलेरी को खरीदा था। फिलहाल कंपनी हैंड सैनिटाइजर (Hand Sanitizer) भी बना रही है।
नवंबर में बिसलेरी के चेयरमैन रमेश चौहान द्वारा दिए गए एक इंटरव्यू के मुताबिक उन्होंने कहा कि बिसलेरी टाटा समूह को बेचने की तैयारी कर रहा है। इस डील से टाटा ग्रुप को भी काफी फायदा होगा। बोतलबंद पानी की सेल के कारोबार में टाटा का दबदबा बढ़ जाता। टाटा समूह पहले से ही हिमालयन नेचुरल मिनरल वाटर (Himalayan Natural miniral Water) और टाटा वाटर प्लस ब्रांड (Tata Water Brand Plus Brand) का मालिक है।