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Wednesday, November 29, 2023

रेपो रेट में बदलाव न होने से खुश रियल एस्टेट सेक्टर, घर खरीदारों के लिए एक्सपर्ट मान रहे बेहतर मौका

नई दिल्ली, 06 अक्टूबर (वेब वार्ता)। रियल एस्टेट सेक्टर के दिग्गजों ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लगातार चौथी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने के निर्णय को स्वागत किया है।

रियल एस्टेट क्षेत्र का प्रमुख निकाय नारेडको (नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजन बांदेलकर ने कहा, हम रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के फैसले का स्वागत करते हैं। इस कदम से सभी को फायदा होगा और बाजार में नकदी सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ ही यह आवास लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। त्योहारों को देखते हुए ब्याज दरों में स्थिरता से उन कंपनियों को भी राहत मिलेगी जो जटिल आर्थिक परिदृश्य से जूझ रहे हैं।’’

त्योहारी सीजन में घरों की मांग बढ़ेगी

गौड़ ग्रुप के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एवं रियल एस्टेट कंपनियों का शीर्ष संगठन क्रेडाई के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा, भले ही रियल एस्टेट क्षेत्र को उम्‍मीद थी क‍ि रेपो रेट में कटौती होगी लेकिन आरबीआई का नीतिगत दर को बरकरार रखना एक प्रशंसनीय कदम है। त्योहार पास हैं और उपभोक्ता घर खरीदने की ओर देख रहे हैं। ऐसे में इस क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा बना रहेगा। उन्होंने कहा, हालांकि, मौजूदा रेपो दर अब भी सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर है। इसलिए, हमें उम्मीद है कि आरबीआई मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के अपने इरादे में सफल होगा और हम रेपो रेट में कटौती देख सकते हैं।

नारेडको के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने भी नीतिगत दर को यथावत रखने की सराहना की और कहा, नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर रखना आर्थिक वृद्धि में तेजी को बनाए रखते हुए मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के महत्व को दर्शाता है। उन्होंने कहा, त्योहारों के दौरान आवास ऋण की मांग में उछाल रहने की उम्मीद है, जो मजबूत आवास बिक्री वृद्धि का संकेत देता है।

डेवलपर्स, घर खरीदने वालों के पक्ष में आरबीआई का फैसला

इमामी रियल्टी के प्रबंध निदेशक डॉ.नितेश कुमार ने कहा, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, असमान मानसून और बढ़ती वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों के बावजूद आरबीआई के कदम से डेवलपर्स, घर खरीदने वालों और वित्तीय संस्थानों सहित सभी संबद्ध पक्षों को लाभ होगा और आगामी त्योहारी सीजन में घर खरीदने के प्रति धारणा को बढ़ावा मिलेगा।

त्रेहान ग्रुप के प्रबंध निदेशक सारांश त्रेहान ने कहा, आरबीआई का निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली मुद्रास्फीति की चुनौतियों से लड़ने के लिए उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुद्रास्फीति जैसे आर्थिक गतिरोध से निपटने के लिए आरबीआई का केंद्रित दृष्टिकोण सराहनीय है।

गंगा रियल्टी के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, विकास गर्ग ने कहा कि आरबीआई भविष्य में रेपो रेट पर अपनी स्थिति बदलने के मूड में नहीं है। इस कदम का बड़े पैमाने पर समर्थन किया जाएगा और घरों की मांग बढ़ेगी। रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा कहा, फैसले से रियल एस्टेट बाजार को प्रोत्साहन मिलेगा।

रियल एस्टेट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा

काउंटी ग्रुप के निदेशक अमित मोदी ने कहा, नीतिगत दर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाना आरबीआई का एक सराहनीय कदम है क्योंकि इससे पहले से ही बढ़ते रियल एस्टेट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

मिगसन ग्रुप के निदेशक यश मिगलानी ने कहा, आरबीआई ने चौथी बार रेपो रेट को न बढाते हुए 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का फैसला किया है। यह आर्थिक परिदृश्य में आरबीआई के भरोसे को दर्शाता है। मासिक किस्त न बढने का सीधा लाभ संभावित घर खरीदारों को होगा। यह आम आदमी और घर खरीदार को राहत देने वाला कदम है।

एसकेए ग्रुप के डायरेक्‍टर संजय शर्मा का कहना है कि रेपो रेट को न बढने से ब्‍याज दरें स्थिर रहेंगी और रियल एस्‍टेट क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। देश में महंगाई पहले ही काफी उच्‍च स्‍तर पर है, ऐसे में घर खरीदारों और होम लोन की ईएमआई देने वालों के लिए यह बडी राहत है।

घर खरीदारों को राहत से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी

अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट 6.50% रखने से घर खरीदारों को राहत मिलेगी। अभी भी होम लोन की दर कोरोना महामारी से कम है। यानी घर खरीदारों को होम लोन लेने पर बड़ी बचत हो रही है। लगातार चौथी बार रेपो रेट नहीं बढ़ने से लोग घर खरीदने के लिए उत्साहित होंगे। इससे घरों की मांग बढ़ेगी जो रियल्टी सेक्टर में तेजी लाने का काम करेगा। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे जो भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी लाने में मदद करेगा।

एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) त्रिभुवन अधिकारी ने कहा, नीतिगत दर रेपो को यथावत रखने का रिजर्व बैंक का फैसला अपेक्षित था। यह फैसला वृद्धि को सहयोग करने और आर्थिक स्थिरता को कायम रखने की आरबीआई प्रतिबद्धता दिखाता है। स्थिर ब्याज दर व्यवस्था से हमें मदद मिलेगी।

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