मारुति सुजुकी ने सबको पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है। दरअसल भारत का पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट अप्रैल-जून तिमाही में 26 प्रतिशत बढ़कर 1.60 लाख गाड़ियों से ज्यादा पर पहुंच गया है। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण बीते वित्त वर्ष की इसी तिमाही में पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट प्रभावित हुआ था।
सियाम ने जारी किए आंकड़े
सियाम की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में पैसेंजर व्हीकल का एक्सपोर्ट बढ़कर 1,60,263 गाड़ियों पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की इसी तिमाही में भारत का पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट 1,27,083 इकाई रहा था।
पैसेंजर गाड़ियों का एक्सपोर्ट 88 प्रतिशत बढ़ा
सियाम के आंकड़ों के अनुसार, तिमाही के दौरान पैसेंजर गाड़ियों का एक्सपोर्ट 88 प्रतिशत बढ़कर 1,04,400 गाड़ियों पर पहुंच गया। वहीं, इस अवधि के दौरान यूटिलिटी व्हीकल का एक्सपोर्ट 18 प्रतिशत बढ़कर 55,547 गाड़ियों का रहा।
समीक्षाधीन तिमाही में वैन का एक्सपोर्ट सालाना आधार पर घटकर 316 गाड़ियों का रह गया। एक साल पहले की इसी अवधि में यह 588 गाड़ियों का रहा था।
मारुति ने सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट की गाड़ियां
आंकड़ों के अनुसार, तिमाही के दौरान मारुति सुजुकी इंडिया का पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट 53 प्रतिशत बढ़कर 68,987 गाड़ियों पर पहुंच गया। एक साल पहले इसी समय के दौरान में मारुति का एक्सपोर्ट 45,056 गाड़ियों का रहा था।
मारुति की इन गाड़ियों की विदेशों में सबसे ज्यादा डिमांड
एमएसआई की टॉप पैसेंजर एक्सपोर्ट मार्केट में लैटिन अमेरिका, आसियान, अफ्रीका, मध्य पूर्व और पड़ोसी देश शामिल हैं जबकि इसके टॉप पांच एक्सपोर्ट मॉडल में बलेनो, डिजायर, स्विफ्ट, एस-प्रेसो और ब्रेजा शामिल हैं।
दूसरे नंबर पर रही हुंदै मोटर इंडिया
हुंदै मोटर इंडिया का एक्सपोर्ट 15 प्रतिशत बढ़कर 34,520 यूनिट और किआ इंडिया का 21,459 यूनिट रहा। निसान मोटर इंडिया का एक्सपोर्ट 11,419 यूनिट और फॉक्सवैगन का 7,146 यूनिट रहा।