नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। सरकार भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए उचित बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए मजबूत प्रयास कर रही है। ऑटोमोबाइल कंपनियां चार्जिंग सुविधाओं के साथ-साथ इलेक्ट्रिक दोपहिया और इलेक्ट्रिक कारों के साथ अपनी रैंक बढ़ाने पर जोर दे रही हैं। सरकार दिग्गज उद्योगपतियों से भी बातचीत कर रही है। विशेष रूप से इलेक्ट्रिक कारों के लिए इलेक्ट्रिक हाईवे (Electric Road) बनाने के प्रयास चल रहे हैं। दिल्ली से आगरा और दिल्ली से जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक हाईवे के पायलट प्रोजेक्ट पर काफी काम हो रहा है।
स्वदेशी तकनीक के विकास पर जोर
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस सप्ताह उद्योग परिसंघ (CII) के एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि आर्थिक रूप से व्यवहार्य इलेक्ट्रिक राजमार्गों के विकास के लिए कई कंपनियों के साथ चर्चा चल रही है। प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी तकनीक का विकास जरूरी है। गडकरी ने कुछ दिन पहले इलेक्ट्रिक हाईवे के विकास की अवधारणा की घोषणा की थी।
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टाटा से बातचीत शुरू हुई
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ी कंपनियों से बिजनेस मॉडल बनाने की अपील की है। मैंने इलेक्ट्रिक हाईवे को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के बारे में टाटा और कुछ अन्य लोगों के साथ चर्चा की है। ऐसे हो रहा है हमारे शहर का विकास इसके लिए अंततः हमारे शहर से संबंधित कानून में संशोधन की आवश्यकता है। बेंगलुरु जैसे शहर में लोगों को ऑफिस पहुंचने में दो घंटे लगते हैं। गडकरी ने कहा कि इसे समझना जरूरी है। पानी से हाइड्रोजन बनाने जैसी चीजें संभव हैं। इस काम के लिए आपकी प्रतिभा और ज्ञान का उपयोग किया जा सकता है।