मुंबई, (वेब वार्ता)। करीब 7 महीनों तक एक सीमित रेंज में रहने के बाद शेयर बाजार (Stock Market) अब फिर से नई ऊंचाइयां छूने लगा है। अर्थव्यवस्था की विकास गति तेज होने के साथ अधिकांश फैक्टर पॉजिटिव हो गए हैं। जिससे देशी-विदेशी निवेशकों में नए उत्साह का संचार हुआ है और मुख्य बेंचमार्क सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) सहित अन्य सूचकांक नए उच्च स्तर पर पहुंचने लगे हैं। इस सप्ताह पहली बार सेंसेक्स ने 65,899 अंक और निफ्टी ने 19,523 अंक का आंकड़ा छुआ। जिस तरह से सेंसेक्स अपने पिछले सर्वोच्च स्तर 63,583 अंक (जो 1 दिसंबर 2022 को बना था) को तेज गति से पार कर 65,000 के आंकड़े के पार हुआ है, उसे देखते हुए लग रहा है कि बाजार में कुछ गिरावट के साथ तेजी लंबी चल सकती है।
लेकिन निवेशकों को हमेशा यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि शेयर बाजार अनिश्चितताओं भरा बाजार है, जिसमें सीधे निवेश पर जोखिम भी खूब रहता है। जो निवेशक रिसर्च के साथ पूरी जानकारी हासिल कर नियमित अपने इन्वेस्टमेंट को ट्रैक करता है, वही अच्छा रिटर्न (Return) प्राप्त करने में सफल हो सकता है, लेकिन एक रिटेल निवेशक के लिए यह काम काफी मुश्किल होता है। इसलिए रिटेल निवेशक के लिए म्यूचुअल फंडों (Mutual Funds) के जरिए शेयर बाजार में निवेश करना सुरक्षित और सही माना जाता है। इसी कारण म्यूचुअल फंड लोकप्रिय होते जा रहे हैं। परंतु भारत में कार्यरत 44 म्यूचुअल फंड कंपनियों (फंड हाउस) की सैकड़ों योजनाएं (Funds) होने के कारण भ्रम की स्थिति भी रहती है क्योंकि सभी स्कीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती है।
जिन फंड हाउस के पास स्मार्ट फंड मैनेजरों की टीम है, उन्हीं की स्कीम अच्छा प्रदर्शन कर पा रही हैं। इसलिए म्यूचुअल फंड स्कीमों में भी निवेश से पहले निवेशकों के लिए सोच-विचार जरूरी है। निवेशकों की सुविधा के लिए इस लेख में ‘www.enavabharat.com’ श्रेष्ठ स्कीमों की जानकारी दे रहा है। जिनमें विगत वर्षों में लाखों निवेशकों को बेंचमार्क से अधिक रिटर्न मिला है और अच्छी वेल्थ बनी है। 30 जून 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार, लार्जकैप, लार्ज एंड मिडकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और मल्टीकैप फंड कैटेगरी में 25 श्रेष्ठ इक्विटी स्कीमों ने 25% से लेकर 45% तक का बढ़िया प्रतिफल दिया है।
सेंसेक्स-निफ्टी में 22% तो मिडकैप और स्मॉलकैप में 30% आया उछाल
इक्विटी फंडों में सबसे सुरक्षित माने जाने वाली लार्जकैप फंड स्कीमों के बेंचमार्क मुख्यतः निफ्टी और सेंसेक्स माने जाते हैं। विगत 12 महीनों के दौरान (जुलाई 2022 से जून 2023) सेंसेक्स व निफ्टी में 22% की बढ़त दर्ज हुई है। बीएसई मिडकैप (BSE Midcap) और स्मॉलकैप (BSE Smallcap) में 30% का उछाल आया है। जबकि लार्जकैप कैटेगरी में कुछ फंड ही ऐसे हैं, जिनका रिटर्न निफ्टी से अधिक रहा है। इसमें नंबर वन ‘नवभारत प्लेटिनम अवार्ड’ पुरस्कृत निपोन इंडिया लार्ज कैप फंड (Nippon India Large Cap) रहा है, जिसने 32% का जोरदार रिटर्न प्रदान कर निवेशकों को मालामाल किया है। इसके फंड मैनेजर शैलेष राज भान और आशुतोष भार्गव हैं। दूसरे स्थान पर एचडीएफसी टॉप 100 फंड (HDFC Top 100 Fund) रहा है, जिसने 26.4% रिटर्न दिया है।
इसके फंड मैनेजर राहुल बैजल हैं। 26.3% रिटर्न के साथ एडेलवायज लार्ज कैप (Edelweiss Large Cap Fund) तीसरे स्थान पर है। इसके फंड मैनेजर भावेश जैन और भरत लाहोटी हैं। जबकि 25.7% रिटर्न के साथ एसबीआई ब्लूचिप (SBI BlueChip Fund) चौथे स्थान पर रहा है। इसकी फंड मैनेजर सोहिनी अनदानी हैं। जबकि 25.7% रिटर्न के साथ डीएसपी टॉप 100 इक्विटी फंड (DSP Top 100 Equity Fund) पांचवें स्थान पर रहा है। इसके फंड मैनेजर अभिषेक सिंह और जय कोठारी हैं. ये सभी कोष प्रबंधक अपनी सूझबूझ और चतुराई से निवेश करते हुए बाजार से अच्छा फायदा बटोर कर अपने निवेशकों को खुश कर रहे हैं। एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि सेंसेक्स या निफ्टी में शामिल कंपनियों में सीधे निवेश कर इतना रिटर्न प्राप्त करना मुश्किल होता है क्योंकि सभी शेयर लाभ नहीं देते हैं। जैसे विगत एक साल में सेंसेक्स के सभी शेयर फायदे में नहीं है। सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस के शेयर में तो महज 6% का रिटर्न मिला है। टीसीएस में भी मामूली रिटर्न है। जबकि इंफोसिस और विप्रो में तो नुकसान है।
‘गार्प’ निवेश नीति से सफलता: आशुतोष भार्गव
निपोन इंडिया म्यूचुअल फंड (Nippon India Mutual Fund) के हैड-इक्विटी रिसर्च आशुतोष भार्गव का कहना है कि निवेशकों को बेहतर प्रतिफल प्रदान करने के लिए निपोन इंडिया म्यूचुअल फंड ‘ग्रोथ एट रिजनेबल प्राइस’ (GARP) की निवेश नीति अपनाता है और यह हमें सफलता भी प्रदान कर रही है, जो हमारी स्कीमों के प्रदर्शन में स्पष्ट दिख रही है। हमारा फोकस हाई ग्रोथ वाले सेक्टर पर ज्यादा है। घरेलू मांग वाले सेक्टर्स में ग्रोथ तेजी से हो रही है। इसलिए हम घरेलू मांग वाले सेक्टर्स पर ही फोकस करते हुए बॉटम-अप रिसर्च और रिस्क मैनेजमेंट पर खास ध्यान दे रहे हैं। हम किसी एक सेक्टर पर ज्यादा ओवरवेट होने की बजाय बैलेंस अप्रोच के साथ हाई ग्रोथ स्टॉक्स में निवेश करते हैं। हम सभी स्कीमों पर बराबर ध्यान देते हैं। इस वजह से हमारे फंडों के प्रदर्शन में निरंतरता बनी हुई है।
ग्रोथ और उचित मूल्य वाले क्वालिटी स्टॉक्स पर फोकस: आनंद वरदराजन
टाटा म्यूचुअल फंड (Tata Mutual Fund) के बिजनेस हेड आनंद वरदराजन का कहना है कि लार्ज कैप फंड कैटेगरी बहुत ही प्रतिस्पर्धा वाली श्रेणी है। इसमें हमारे कोष प्रबंधकों ने बढ़िया प्रदर्शन करते हुए टाटा लार्ज कैप फंड (Tata Large Cap Fund) के निवेशकों को अच्छा रिटर्न प्रदान किया है। जबकि टाटा लार्ज एंड मिडकैप फंड (Tata Large & MidCap Fund) तथा टाटा स्मॉलकैप फंड (Tata SmallCap Fund) में हम दो तरह के स्टॉक पर ध्यान देते हैं। एक में हम स्टडी कंपाउंडिंग यानी लगातार ग्रोथ वाले हाई क्वालिटी स्टॉक का चयन करते हैं।
दूसरे, रिरेटेड स्टॉक यानी अभी जिनमें उतार-चढ़ाव है, लेकिन आगे हाई ग्रोथ की संभावना भरपूर है। ऐसे स्टॉक का चयन करते हैं। लार्ज एंड मिडकैप फंड में यह अनुपात लगभग 50 : 50% रखते हैं। जबकि स्मॉलकैप फंड में 70% रिरेडेट स्टॉक में और 30% स्टडी ग्रोथ वाले स्टॉक में निवेश करते हैं। इसके अलावा हम सभी इक्विटी फंडों में जोखिम कम रखने के लिए ग्रोथ एट रिजनेबल प्राइस के आधार पर पोर्टफोलियो बनाते है। यानी ग्रोथ और उचित मूल्य वाले स्टॉक्स का ही चयन करते हैं। इसी निवेश नीति की वजह से सभी फंडों का प्रदर्शन अच्छा रहा है और अच्छे रिटर्न की प्राप्ति हुई है।