नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। सोने के दाम 2025: वैश्विक केंद्रीय बैंकों की लगातार सोने की खरीदारी, भू-राजनीतिक तनाव और मजबूत एशियाई मांग के दम पर सोने के दामों में इस साल 50% से अधिक की तेजी देखने को मिली है। विदेशी बाजारों में सोना 35 बार रिकॉर्ड ऊंचाई छू चुका है और अब $4,000 प्रति औंस को पार कर $4,267 के आसपास पहुंच गया है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि यह रैली अभी थमने वाली नहीं है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) की रिपोर्ट के अनुसार, सोना $4,500 प्रति औंस तक पहुंच सकता है, जबकि भारत में ₹1.35 लाख प्रति 10 ग्राम का लक्ष्य दिख रहा है। चांदी ने सोने से बेहतर प्रदर्शन किया है, जो औद्योगिक मांग और आपूर्ति की कमी से $75 प्रति औंस तक जा सकती है।
सोने के दामों में 50% उछाल: क्या हैं मुख्य कारण?
2025 में सोने की कीमतों में 50% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो $4,000 प्रति औंस को पार कर चुकी है। यह तेजी वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की संभावना और केंद्रीय बैंकों की भारी खरीदारी से प्रेरित है। एशिया, खासकर भारत और चीन में मांग मजबूत रही, जबकि वैश्विक ETF में 450 टन सोने की आमद दर्ज हुई।
भारत में सोने की कीमत हाल ही में ₹1.20 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है। चांदी की कीमतों में 60% की तेजी आई है, जो ₹2.3 लाख प्रति किलोग्राम तक जा सकती है। MOFSL के अनुसार, केंद्रीय बैंकों का विविधीकरण सर्राफा बाजार को नया आकार दे रहा है।
2025 में सोने-चांदी के दाम कितने और चढ़ेंगे?
धातु | वर्तमान मूल्य (अक्टूबर 2025) | 2025 अंत तक अनुमानित मूल्य | मुख्य कारण |
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सोना (प्रति औंस, COMEX) | $4,267 | $4,500 | केंद्रीय बैंक खरीदारी, भू-राजनीतिक जोखिम, कमजोर डॉलर |
सोना (प्रति 10 ग्राम, भारत) | ₹1,20,000 | ₹1,35,000 (डॉलर-रुपया 89 पर) | एशियाई मांग, फेड दर कटौती |
चांदी (प्रति औंस) | $50.63 | $75 | औद्योगिक मांग (सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स), आपूर्ति घाटा |
चांदी (प्रति किलोग्राम, भारत) | ₹1,44,000 | ₹2,30,000 | 60% सालाना तेजी, वैश्विक घाटा |
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं: ‘खरीदें डिप पर’
MOFSL के जिंस एवं मुद्रा विश्लेषक मानव मोदी ने कहा, “सोने की यह तेजी राजकोषीय अनिश्चितता, कमजोर डॉलर और केंद्रीय बैंकों के विविधीकरण का संगम है। एशिया इसका केंद्र बन रहा है। $4,200 का तत्काल लक्ष्य है, और 6-12 महीने में $4,500 संभव।” उन्होंने चांदी के लिए $58-60 का लक्ष्य बताया, जो औद्योगिक मांग से प्रेरित है।
जिंस एवं मुद्रा शोध प्रमुख नवनीत दमानी ने कहा, “केंद्रीय बैंकों का विविधीकरण सर्राफा बाजार को नया आकार दे रहा है। संस्थागत मांग दीर्घकालिक वृद्धि सुनिश्चित करेगी। $4,500 का लक्ष्य संभव है, लेकिन बीच में 5-7% सुधार आ सकता है।” दोनों ने ‘बाय ऑन डिप्स’ रणनीति की सलाह दी।
अन्य एक्सपर्ट्स जैसे गोल्डमैन सैक्स ने $3,700-3,880 का लक्ष्य बताया, जबकि कोइन प्राइस फोरकास्ट ने चांदी के लिए $75 का अनुमान लगाया। भारत में, जब सोना ₹1.20 लाख प्रति 10 ग्राम पर है, तो ₹1.35 लाख का लक्ष्य डॉलर-रुपया 89 पर आधारित है।
यह रैली दीर्घकालिक लग रही है, लेकिन एक्सपर्ट्स ने अल्पकालिक सुधार की चेतावनी दी है। निवेशकों को एसआईपी के माध्यम से खरीदारी की सलाह दी जा रही है।