28.1 C
New Delhi
Thursday, September 28, 2023

इलेक्ट्रिक वाहन बदल देंगे भारत में परिवहन का परिदृश्य: डॉ. वीर सिंह

मुंबई, (वेब वार्ता)।  भारत में टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Electric Mobility) को अपनाते हुए एक्सेसिबिलिटी के चैम्पियन के रूप में आगे बढ़ रहे हैं। चुनौतियों के बावजूद, दूरदर्शी नीतियों और बढ़ती मांग से सड़कों पर हरित और अधिक समावेशी भविष्य का पता चलता है।

इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी लॉर्ड्स ऑटोमेटिव प्राइवेट लिमिटेड (Lord’s Mark Automative Pvt. Ltd.) के सीईओ डॉ. वीर सिंह (Dr. Veer Singh) का कहना है कि भारत में अभी करीब 30 लाख रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle-EV) हैं और इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। देश के ईवी बाजार के बारे में उम्मीद है कि इसकी ग्रोथ साल 2030 तक सालाना 1 करोड़ यूनिट की बिक्री और 5 करोड़ नौकरियां पैदा करने तक पहुंच जाएगी। 2022 में ईवी की बिक्री में 300 फीसदी की वृद्धि हुई है और 2030 तक बाजार के 266 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। एक ऐसे समय में,जब सस्टेनेबिलिटी और पर्यावरण को लेकर जागरुकता पर फोकस बढ़ रहा है, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बदलाव का प्रमुख वाहक बनी हुई है।

इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में अलग-अलग श्रेणियों में टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर एक्सेसिबिलिटी और अफोर्डेबिलिटी में अहम योगदान देने वाले बनकर उभरे हैं। जैसे-जैसे विभिन्न देश ईवी अपनाने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं, भारत का 2030 तक 30% ईवी मार्केट शेयर का विजन बताता है कि आवागमन की स्वच्छ व्यवस्था को अपनाने का प्रयास ठोस है। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर में एक्सेसिबिलिटी को नई परिभाषा देने की जो क्षमता है,वही ठोस प्रयास का केंद्र है।

बिक्री में 3 गुना वृद्धि
ध्यान देने वाली बात है कि ईवी को सिर्फ महानगरों में ही नहीं अपनाया जा रहा है, बल्कि ईवी को अपनाने में टियर-2 और टियर-3 शहर महत्वपूर्ण बनते जा रहे हैं, जिससे पता चलता है कि आवागमन के साधनों के मामले में व्यापक बदलाव हो रहा है। इन आंकड़ों से एक शानदार तस्वीर सामने आती है। 2022 में एक साल पहले की तुलना की तुलना में ईवी की बिक्री में 3 गुना वृद्धि देखी गई, 2023 में भी यह रफ्तार बनी हुई है और जनवरी से अब तक 2.78 लाख से ज्यादा ईवी की बिक्री हो चुकी है, जो हर महीने शानदार 90 हजार की बिक्री का औसत है।

बन रहे सशक्तिकरण के साधन
डॉ. वीर सिंह के मुताबिक, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स का यह आकर्षण आंकड़ों से कहीं बढ़कर है। यह दरअसल एक्सेसिबिलिटी को सार्थक तरीकों से नई परिभाषा देने की उनकी क्षमता के बारे में है। ये वाहन इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को आम लोगों तक पहुंचा रहे हैं, बड़ी आबादी की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं और शहरों व गांवों की परिवहन की जरूरतों के बीच की खाई को पाट रहे हैं।

टियर-2 और टियर-3 शहर ईवी को अपनाकर अधिक समावेशी और टिकाऊ भविष्य की नींव रख सकते हैं। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स की भूमिका केवल परिवहन तक ही सीमित नहीं है। वे ग्रामीण और वंचित समुदायों के लिए सशक्तिकरण के साधन के रूप में भी काम करते हैं, क्योंकि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स से इन वर्गों को आर्थिक अवसर और आवश्यक सेवाओं तक पहुंचने की सुविधा मिलती है। उन क्षेत्रों में जहां परिवहन के पारंपरिक विकल्प सीमित हो सकते हैं, ये ईवी लाइफ लाइन बन जाते हैं, तरक्की को तेज करते हैं और जीवन के स्तर में सुधार लाते हैं।

टिकाऊ विकास में मिलेगा योगदान
एक्सेसिबल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और गांवों के इंफ्रास्ट्रक्चर के बीच जो संबंध है, उसे बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जा सकता। ये वाहन हर तरहकी सड़कों और पतली गलियों में चल जाते हैं, इस तरह वे तरक्की का रास्ता तैयार करते हैं। गांवों के मामले में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स को इंटीग्रेट करने से सूक्ष्म उद्यमिता को बढ़ावा मिल सकता है, कार्बन उत्सर्जन कम हो सकता है और टिकाऊ विकास में योगदान मिल सकता है। जैसे-जैसे हम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी द्वारा संचालित भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, यह स्वीकार करना जरूरी हो जाता है कि टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स  का असर कई गुना होता है। वे आवागमन के साधन के अलावा अधिक समावेशी व पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार समाज में बदलने का भी प्रतीक बन जाते हैं। जैसे-जैसे हम 2030 माइलस्टोन की ओर बढ़ रहे हैं, भारत में परिवहन का परिदृश्य बदलने वाला है, जिसे इनोवेशन, एक्सेसिबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी से मदद मिलने वाली है।

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की क्रांति  
डॉ. वीर सिंह का कहना है कि इस बदलाव को आगे बढ़ाने में वाहन बनाने वाली कंपनियों, नीति निर्माताओं और आम लोगों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वाहनों से परे हटकर देखें तो हम एक ऐसी कहानी बुन रहे हैं, जिसमें इलेक्ट्रिक मोबिलिटी एक विशेषाधिकार न होकर जरूरी अधिकार है। आइए इस यात्रा में हम यह सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर टिके रहें कि हर इंसान, चाहे व किसी भी देश या राज्य का रहने वाला हो, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की इस क्रांति के फायदों में हकदार बनेगा। इस तरह इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स का उभार एक्सेसिबल मोबिलिटी की दिशा में महत्वपूर्ण छलांग है। छोटे-बड़े हर तरह के शहरों में उनकी बढ़ती लोकप्रियता बदलाव को सामूहिक रूप से अपनाए जाने का प्रतीक है। इस बदलाव को आगे बढ़ाने में उद्योग जगत के सभी संबंधित पक्ष एकजुट हो रहे हैं और उसके साथ-साथ हम ऐसे युग की शुरुआत के गवाह बन रहे हैं, जब इलेक्ट्रिक मोबिलिटी भौगोलिक सीमाओं को लांघ रही है और भारत के लिए समावेशी, टिकाऊ और समृद्ध भविष्य तैयार कर रही है।

डॉ. वीर सिंह का कहना है कि इस बदलाव को आगे बढ़ाने में वाहन बनाने वाली कंपनियों, नीति निर्माताओं और आम लोगों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वाहनों से परे हटकर देखें तो हम एक ऐसी कहानी बुन रहे हैं, जिसमें इलेक्ट्रिक मोबिलिटी एक विशेषाधिकार न होकर जरूरी अधिकार है। आइए इस यात्रा में हम यह सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर टिके रहें कि हर इंसान, चाहे व किसी भी देश या राज्य का रहने वाला हो, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की इस क्रांति के फायदों में हकदार बनेगा। इस तरह इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स का उभार एक्सेसिबल मोबिलिटी की दिशा में महत्वपूर्ण छलांग है। छोटे-बड़े हर तरह के शहरों में उनकी बढ़ती लोकप्रियता बदलाव को सामूहिक रूप से अपनाए जाने का प्रतीक है। इस बदलाव को आगे बढ़ाने में उद्योग जगत के सभी संबंधित पक्ष एकजुट हो रहे हैं और उसके साथ-साथ हम ऐसे युग की शुरुआत के गवाह बन रहे हैं, जब इलेक्ट्रिक मोबिलिटी भौगोलिक सीमाओं को लांघ रही है और भारत के लिए समावेशी, टिकाऊ और समृद्ध भविष्य तैयार कर रही है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

10,370FansLike
10,000FollowersFollow
1,145FollowersFollow

Latest Articles