नई दिल्ली/मुंबई. आज बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) को अपना बेबी पाउडर बनाने और बेचने की जरुरी अनुमति दे दी है। वहीं आज न्यायलय ने लाइसेंस रद्द करने के महाराष्ट्र सरकार के आदेश को सख्त बताते हुए उसे भी खारिज किया।
गौरतलब है कि, इस पहले बीते साल दिसंबर 2022 को, बंबई उच्च न्यायालय ने जॉनसन एंड जॉनसन को उसका लाइसेंस 15 दिसंबर को समाप्त होने के बावजूद अपने बेबी पाउडर का उत्पादन जारी रखने की अनुमति दी थी। हालांकि, जॉनसन बेबी पाउडर की बिक्री पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी।
इस बाबत तब न्यायमूर्ति आर डी धानुका और न्यायमूर्ति मिलिंद सथाये की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार के दो आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया था। गौरतलब है कि, महाराष्ट्र सरकार ने अपने आदेश में बीते 15 सितंबर 2022 को इसके प्रोडक्ट का लाइसेंस रद्द कर दिया था और 20 सितंबर को एक दूसरे आदेश में बेबी पाउडर के प्रोडक्शन और बिक्री पर तत्काल रोक भी लगा दी गई थी।
क्या था मामला
जानकारी को कि, FDA ने गुणवत्ता जांच के उद्देश्य से पुणे और नासिक से जॉनसन के बेबी पाउडर के नमूने लिए गए थे। वहीं तब सरकारी एनालिसिस्ट ने पाउडर के नमूनों को मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं होना बताया था, क्योंकि वे PH जांच में शिशुओं के त्वचा पाउडर के लिए आईएस 5339:2004 की विशिष्टता का पालन नहीं करते हैं। इसके बाद FDA ने जॉनसन एंड जॉनसन को Drugs and Cosmetics Act-1940 और नियमों के तहत एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
कंपनी ने किया था प्रोडक्ट बंद करने का ऐलान
वहीं बीते 12 अगस्त 2022 को कंपनी ने साफ़ कहा था कि 2023 से दुनिया भर में जॉनसन ऐंड जॉनसन (johnson and johnson) का बेबी पाउडर (Baby Powder) बंद हो जाएगा। मामले पर कंपनी का कहना था कि वो कानूनी लड़ाई से थक चुकी है। इसलिए वह अपने बेबी टैल्कम पाउडर के प्रोडक्शन पर रोक लगाने जा रही है। ऐसे में आज बंबई उच्च न्यायालय का यह फैसला जॉनसन एंड जॉनसन के लिए संजीवनी बूटी साबित होगा।