नई दिल्ली, 29 सितंबर (वेब वार्ता)। भारत लगातार वर्षों से वैश्विक दूध उत्पादन में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 में देश का दूध उत्पादन बढ़कर 239.30 मिलियन टन तक पहुंच गया। यह जानकारी सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई।
आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत विश्व की आपूर्ति में लगभग एक-चौथाई हिस्सा योगदान देता है और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में डेयरी क्षेत्र का हिस्सा करीब 5 प्रतिशत है। साथ ही, इस उद्योग से 8 करोड़ से अधिक किसानों को रोजगार मिलता है, जिनमें अधिकांश छोटे और सीमांत किसान शामिल हैं।
महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका
आंकड़ों के मुताबिक, दूध उत्पादन और संग्रहण में महिलाओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी इसे ग्रामीण विकास और समावेशी सशक्तिकरण का एक सशक्त माध्यम बनाती है।
पिछले दशक में उन्नति
पिछले 10 वर्षों में भारत के डेयरी क्षेत्र ने 63.56 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। 2014-15 में उत्पादन 146.30 मिलियन टन था। इस अवधि में देश ने 5.7 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखी।
खाद्य एवं कृषि संगठन के आंकड़े पुष्टि करते हैं कि भारत ने दुनिया के अन्य बड़े उत्पादक देशों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, पाकिस्तान, चीन और ब्राजील को पीछे छोड़ते हुए सबसे बड़े दूध उत्पादक का स्थान हासिल किया है।
प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता
भारत में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में भी 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2023-24 में प्रति व्यक्ति उपलब्धता 471 ग्राम/दिन तक पहुंच गई, जबकि वैश्विक औसत लगभग 322 ग्राम/दिन है।
पशु संसाधन और उत्पादकता
देश में 303.76 मिलियन गोजातीय पशु हैं, जिनमें गाय, भैंस, मिथुन और याक शामिल हैं। इसके अलावा, शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में भेड़ और बकरियों का उत्पादन में योगदान महत्वपूर्ण है।
2014 से 2022 के बीच, भारत ने गोजातीय पशुओं की उत्पादकता में 27.39 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की, जो वैश्विक औसत 13.97 प्रतिशत से अधिक है।
सहकारी डेयरी प्रणाली
भारत में सहकारी डेयरी प्रणाली सुव्यवस्थित और व्यापक है। इसमें 22 दुग्ध संघ, 241 जिला सहकारी संघ, 28 विपणन डेयरियाँ और 25 दुग्ध उत्पादक संगठन शामिल हैं। ये लगभग 2.35 लाख गांवों को कवर करते हैं और 1.72 करोड़ डेयरी किसान इनके सदस्य हैं।
महिला सशक्तिकरण
डेयरी फार्मिंग में लगभग 70 प्रतिशत कार्यबल महिलाएं हैं। लगभग 35 प्रतिशत महिलाएं डेयरी सहकारी समितियों में सक्रिय हैं। देशभर में 48,000 से अधिक महिला-नेतृत्व वाली डेयरी सहकारी समितियां ग्राम स्तर पर काम कर रही हैं, जो ग्रामीण समुदायों में समावेशी विकास और सशक्तिकरण ला रही हैं।