वाराणसी/नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विकास परियोजनाओं, किसानों की आर्थिक सहायता, और राष्ट्रीय सुरक्षा पर केंद्रित ऐतिहासिक संबोधन दिया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा, “काशी के मेरे मालिकों, मैंने अपनी बेटियों के सिंदूर का बदला लेने का जो वचन दिया था, वो पूरा हुआ।”
यह बयान उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में दिया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को महादेव के आशीर्वाद और देश की एकता की ताकत करार दिया।
पीएम मोदी का भावुक संबोधन: “बेटियों के सिंदूर का बदला पूरा हुआ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि “जब पहलगाम में मासूमों की हत्या हुई थी, तब मेरा हृदय द्रवित हो उठा था। मैंने बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना की थी कि हर पीड़ित परिवार को साहस दें। आज काशी की धरती से कह सकता हूं कि मैंने उस वचन को पूरा किया है।”
उन्होंने आगे कहा, “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह 140 करोड़ देशवासियों की एकजुटता का परिचायक था। इस ऑपरेशन की सफलता भारत की आंतरिक शक्ति और संकल्प का प्रमाण है।”
काशी में किसान उत्सव: पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त भी जारी की। इसके तहत देशभर के 9.7 करोड़ किसानों को पौने चार लाख करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। अकेले उत्तर प्रदेश के 2.5 करोड़ किसानों को 90 हजार करोड़ रुपये और बनारस के किसानों को 900 करोड़ रुपये सीधे उनके खातों में ट्रांसफर किए गए।
उन्होंने कहा, “यह किसान उत्सव हमारी सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। पहले की सरकारों में सिर्फ घोषणाएं होती थीं, पर हम जो कहते हैं, वो करते हैं।”
सावन में काशी की भक्ति और सौंदर्य का उल्लेख
प्रधानमंत्री ने काशी में सावन के पावन महीने में शिवभक्तों की भक्ति-भावनाओं की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “जब हमारे यादव बंधु बाबा के जलाभिषेक के लिए निकलते हैं, तो गलियों में डमरू की आवाज़, भक्तों की आस्था और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।”
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि वह स्वयं बाबा विश्वनाथ और मां गंगा को सेवापुरी के ई-मंच से प्रणाम कर रहे हैं ताकि उनकी उपस्थिति से भक्तों को असुविधा न हो।
काशी-तमिल संगमम और राष्ट्रीय एकता की चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में काशी-तमिल संगमम का भी उल्लेख किया, जिसे भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि जैसे राजा राजेंद्र चोल ने उत्तर भारत से गंगाजल लाकर दक्षिण से उत्तर को जोड़ा था, वैसे ही आज के भारत में सांस्कृतिक संगम की पुनरावृत्ति हो रही है।
विकास और सुरक्षा एक साथ: भाजपा की नीति
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में साफ किया कि विकास और सुरक्षा दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि “2019 में जब पीएम किसान योजना शुरू हुई थी, तब सपा-कांग्रेस जैसे दलों ने इसे चुनावी स्टंट बताया था। लेकिन अब योजना की 20वीं किस्त जारी हो चुकी है।”
उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्य है कि विपक्ष केवल झूठ पर आधारित राजनीति करता है, जबकि भाजपा सरकार जनहित के कार्यों में विश्वास रखती है।”
निष्कर्ष: काशी से देश को शक्ति और संकल्प का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी का वाराणसी दौरा केवल विकास की योजनाओं का उद्घाटन नहीं था, बल्कि यह एक राष्ट्रीय चेतना का प्रसारण भी था। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, किसानों की आर्थिक मदद, और देश की सांस्कृतिक एकता का संदेश उनके हर शब्द में झलकता रहा।