कोलकाता, (वेब वार्ता)। बंगाली सिनेमा के सदाबहार महानायक उत्तम कुमार की 45वीं पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा,
“मैं महानायक उत्तम कुमार को उनकी पुण्यतिथि पर हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।”
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से अपने संदेश में बंगाल के सांस्कृतिक इतिहास में उत्तम कुमार के योगदान को याद किया और कहा कि उनका काम, व्यक्तित्व और विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।
बंगाली सिनेमा के महानायक
उत्तम कुमार, जिनका असली नाम अरुण कुमार चट्टोपाध्याय था, का जन्म 3 सितंबर 1926 को हुआ था। वे बहुआयामी प्रतिभा के धनी कलाकार थे— अभिनेता, निर्माता, निर्देशक, पटकथा लेखक, संगीतकार और पार्श्वगायक के रूप में उन्होंने 1940 के दशक के उत्तरार्ध से लेकर 1980 में अपनी असामयिक मृत्यु तक सिनेमा को समृद्ध किया।
उनकी लोकप्रियता सिर्फ बंगाल तक सीमित नहीं थी, बल्कि राष्ट्रीय पटल पर भी उनकी अभिनय प्रतिभा का सम्मान हुआ। हिंदी फिल्मों में सत्यजीत रे की फिल्म नायक में उनका यादगार अभिनय आज भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध करता है।
तीन दशक की अमर यात्रा
उत्तम कुमार ने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया और सुचित्रा सेन के साथ उनकी जोड़ी को बंगाली सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित जोड़ियों में गिना जाता है। हरानो सुर, सागरिका, छादीर पात्रो, नायक, एंथनी फिरिंगी, जय जयन्ती, अमानुष जैसी फिल्मों में उनके शानदार अभिनय ने उन्हें ‘महानायक’ की उपाधि दिलाई।
पुण्यतिथि पर विशेष आयोजन
उत्तम कुमार की पुण्यतिथि के अवसर पर पूरे राज्य में कई सांस्कृतिक संगठनों, फिल्म क्लबों और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए गए। कोलकाता के प्रतिष्ठित ‘उत्तम मंच’, जो उनके नाम पर समर्पित है, वहां भी उनके जीवन और सिनेमा पर आधारित विशेष स्मृति कार्यक्रम हुआ। लोगों ने उनकी फिल्मों की स्क्रीनिंग देखी, पोस्टरों की प्रदर्शनी और संवाद सत्रों में भाग लिया।
विरासत अमर है
महानायक उत्तम कुमार सिर्फ एक अभिनेता नहीं थे, बल्कि वे बंगाल की आत्मा के प्रतीक थे। उनकी सहज, भावनात्मक और गहराई से भरी अभिनय शैली ने उन्हें हर वर्ग के दर्शकों का चहेता बना दिया। आज भी वे बंगाली सिनेमा की प्रेरणा हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिया गया यह श्रद्धांजलि संदेश बंगाली सिनेमा की विरासत को संजोने और आगे बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है।