Sunday, December 15, 2024
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मोहन यादव की सहज सरल मुस्कान के मुरीद हुए मतदाता

-कृष्णमोहन झा-

मध्यप्रदेश में लोकसभा की सभी 29 सीटों के लिए मतदान पूर्ण हो चुका है ।यहां हर चरण के मतदान के बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं का अद्भुत आत्मविश्वास देखकर यह अनुमान लगाना गलत नहीं होगा कि मोदी की गारंटी और मध्यप्रदेश के मृदुभाषी मुख्यमंत्री डा मोहन यादव की कुशल चुनावी रणनीति और नेतृत्व कौशल ने राज्य में भाजपा की शानदार जीत की इबारत लिख दी है। राज्य में पार्टी के चुनाव अभियान की बागडोर थामे मुख्यमंत्री मोहन यादव पूरे चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह सहज दिखाई दिए वह भाजपा की शानदार जीत के पूर्वाभास की गवाही दे रहा था। मुख्यमंत्री जिस क्षेत्र में भी पहुंचते , वहां उनकी एक झलक पाने को बेताब लोगों का दिल जीतने के लिए मुख्यमंत्री की एक निश्छल मुस्कान ही पर्याप्त थी। इसके पहले कि, मुख्यमंत्री का अभिवादन करने के लिए उनके प्रशंसकों की भीड़ आगे बढ़ती मुख्यमंत्री स्वयं ही विनम्र मुद्रा में हाथ जोड़कर उनका अभिवादन करने के लिए आगे बढ़ जाते। हर शहर,हर‌ गांव , हर कस्बे में मुख्यमंत्री की अतिशय विनम्रता लोगों को अभिभूत कर रही थी। मुख्यमंत्री यादव प्रदेश के जिस इलाके में गये वहां के लोगों ने उनके सामने दिल खोलकर भाजपा के लिए अपने समर्थन की अभिव्यक्ति करते हुए भरोसा दिलाया कि पिछले लोकसभा चुनावों की इस चुनाव में भी भाजपा को प्रचंड बहुमत से विजयी बनाने का फैसला तो वे पहले ही कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने चुनाव अभियान के दौरान प्रदेश भर में 139 चुनाव सभाओं को संबोधित किया और 49 रोड शो किए। 25 लोकसभा चुनाव क्षेत्रों में वे भाजपा प्रत्याशियों द्वारा नामांकन दाखिल करते वक्त मौजूद रहे।हर जगह मुख्यमंत्री यादव के रोड शो और चुनावी रैलियों में उमड़ी भीड़ उनकी अपार लोकप्रियता की गवाही दे रही थी। मोहन यादव की अपार लोकप्रियता का जादू अब मध्यप्रदेश की सीमाओं के बाहर भी सर चढ़कर बोल रहा है। मुख्यमंत्री बनने के बाद वे उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों के प्रवास पर भी जा चुके हैं। विगत दिनों उन्हें दिल्ली में पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीया श्रीमती सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज के चुनाव क्षेत्र में मतदाताओं को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया। मोहन यादव अपने मजबूत तर्कों और तथ्यों पर आधारित संबोधन से मतदाताओं को सहमत करने में सफल रहे। मुख्यमंत्री ने लोगों से जोर देकर कहा कि वे अपने प्रजातांत्रिक अधिकार का प्रयोग अवश्य करें और अपना बहुमूल्य मत उस दल के प्रत्याशी को दें जिसके पास देश को विकास के मार्ग पर तेजी से आगे ले जाने की इच्छा शक्ति और जज्बा हो। प्रधानमंत्री मोदी के अंदर यह इच्छा मौजूद है इसलिए जनता उन्हें तीसरी बार भी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहती है।
इंदौर में मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की इस बात के लिए तीखी आलोचना की कि वह यहां मतदाताओं से ईवीएम में नोटा बटन दबाने की अपील कर रही है। कांग्रेस की इस अपील को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जनता को उसके प्रजातांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने से इसलिए रोकना चाहती है क्योंकि उसे अभी से हर जगह अपनी हार दिखाई देने लगी है।एक कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा अपना नामांकन वापस लेने की खबर पर चुटकी लेते हुए कहा कि यह तो बिल्कुल वैसा मामला है कि सारे गांव को आमंत्रित कर लिया,बरात भी तैयार थी लेकिन ऐन वक्त पर दूल्हा भाग गया।
मुख्यमंत्री यादव ने चुनावी रैलियों में उन्नत राज्यों की कतार में मध्यप्रदेश का अग्रणी स्थान सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी दी वहीं दूसरी ओर विरोधी दलों पर भी तीखे प्रहार किए। मुख्यमंत्री ‌हर भाषण में अपने तर्कों से लोगों को सहमत करने में सफल रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नकारात्मक विचार धारा वाले कुछ दलों ने मिलकर जो इंडिया गठबंधन बनाया है उसके अंदर इतना विरोधाभास है कि वे कभी एकजुट हो ही नहीं सकते। इंडिया गठबंधन के घटक दलों में से किसी भी दल के पास मोदी के कद का कोई नेता नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी एनडीए के सर्वमान्य नेता हैं। एन डी ए में शामिल सभी दलों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरी आस्था और विश्वास है। एन डी ए के सभी दल यह मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के अंदर ही विकसित भारत के सुनहरे स्वप्न को साकार करने का सामर्थ्य है। मुख्यमंत्री ने एक रैली में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपना सर्वस्व देश के लिए न्यौछावर कर दिया है। वे अपनी आय दूसरों की मदद के लिए दान कर देते हैं। यह सिलसिला तब से निरंतर जारी है जब उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाली थी।
मुख्यमंत्री यादव ने अपनी चुनावी रैलियों में कांग्रेस को इस बात के लिए आड़े हाथों लिया किस उसने अयोध्या में नवनिर्मित भव्य मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का हिस्सा न बनने का फैसला किया जबकि भगवान राम के चरणों में तो करोड़ों हिंदुओं की आस्था है। वे जन जन के आराध्य हैं। कांग्रेस ने जिस तरह अयोध्या में नवनिर्मित भव्य मंदिर में आयोजित प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव से दूरी बनाई उससे क्षुब्ध होकर तो कांग्रेस के ही कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। इसीलिए जनता का भी कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है। मुख्यमंत्री यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बावजूद उनके पद न छोड़ने के फैसले को ग़लत बताते हुए कहा कि उन्हें नैतिकता के आधार पर तत्काल ही अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था। केजरीवाल को यह समझना चाहिए कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने दोषमुक्त नहीं किया है, बल्कि केवल अंतरिम जमानत दी है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जिन कठोर शर्तों पर जमानत दी है उनका उन्हें पूरी तरह पालन करना चाहिए।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनैतिक विश्लेषक है)

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