-सईद अहमद-
लोकसभा चुनाव परिणाम आ गए है। इन परिणामों के बाद सरकार किसी की भी बनें लेकिन एक बात निश्चित है कि चुनाव जनता ने जीता है। इस बार का चुनाव घमंड, संसाधनों का दुरुपयोग, पॉवर का नाजायज उपयोग, मीडिया की चाटुकारिता,भ्रम, डर और नफरत की सियासत के विरुद्ध आया है। यह चुनाव तमाम शक्तियों के विरुद्ध जनता ने लड़ा है। जनता ने अपने खिलाफ हो रहे षडयंत्र, झूठा आसमान स्थापित करने, जनहित की योजनाओं की जगह लालची जुमलों, नफरत, डर और भ्रम को जान लिया था। जब जनता की आंख खुली तो चुनाव नतीजे बदल गए।
इसमें कोई दो राय नहीं की इंडिया गठबंधन ने कोशिशें नहीं की। लेकिन गठबंधन की कोशिशें नाकाफी थी। एक राहुल गांधी ही की कोशिश थी कि वे देश बचाने, देश का संविधान बचाने और नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने निकल पड़े। इस कोशिश में वे जनता के सीधे संपर्क में आए। अपने ही दम पर पूरा हिंदुस्तान पैदल ही अकेले नाप डाला।
राहुल गांधी की कोशिशों को जनता ने खूब सराहा। खूब प्यार और समर्थन भी दिया। लेकिन यह प्यार और समर्थन वोट में बदल जाएगा इसका संशय था। जनता जुमलों के सपनों में खोई हुई थी। इन्हीं सपनों ने जालिमों को दो दो बार अपने ऊपर हावी होने दिया।
लेकिन इस बार इनसे गलती हो गई। गलती भी क्या जब सत्ता का नशा सिर चढ़कर बोलता है तो गलतियां होती ही है। वैसे ये गलतियां निरंतर करते चले आ रहे थे। लेकिन जनता को इनकी गलतियां नजर नहीं आ रहीं थी। जब इन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को भगवान साबित किया और बापू को अपराधी तब हमारी आंखों में झूठ की पट्टी बंधी थी। सरेआम बापू के पुतले को गोली मारी गई, हम चुप रहे। देश के अल्पसंख्यकों की मोबलिंचिंग होती रही, हम खुश होते रहे। दलित बेटियों के साथ ये बलात्कार करते रहे, हम खामोश देखते रहे। दलितों के ऊपर ये पेशाब करते रहे, हम गंगा स्नान करते रहे। देश के किसानों को आतंकी कहा जाता रहा, सैकड़ों किसान शहीद हो गए, हजारों परिवार यतीम हो गए और हम इन पर विश्वास करते रहे। युवाओं की नौकरियां छीनी जाती रही, वे बेरोजगार होते रहे और हम धर्म की चासनी में डूबे रहे। राष्ट्रवाद के नाम पर देश के जवानों को मौत के घाट उतारा जाता रहा और हम फर्जी देशभक्ति में रहे। हमारी संस्कृति पर्दा प्रथा का ये मजाक उड़ाते रहे, एक विशेष समुदाय की महिलाओं के पर्दे ( हिजाब) का तमाशा बनाया गया और हम ताली पीटते रहे।
बेरोजगारी हमें पल पल डस्ती रही और हम नशे में मदहोश रहे। व्यापारी आत्महत्या करता रहा और हम उसकी मौत पर जश्न मनाते रहे। देश की भूमि पर विदेशी कब्जा करते रहे और हम जानबूझकर न कोई घुसा है वाले झूठ पर भरोसा करते रहे। दुनिया जब कोविड में संयम बरत रही थी, तब हम विदेशी मेहमानों को अपने देश में घुमाते रहे। जब हमकों देश की जनता के साथ होना चाहिए था तब हमने देश की जनता पर ज्यादतियां की, उनको कैद करने का जालिमाना फरमान जारी कर दिया। देश की गरीब मजदूर जनता ने पैदल ही देश को नाप दिया। एक नहीं दो दो बार देश में लाशों के ढेर लग गए। दफनाने और दाह संस्कार करने के लिए अपने भी नहीं आए। इलाज के स्थान पर संकट और जहर बेचा गया। और सरकारें साजिश रचती रही तथा आपदा में अवसर तलाशती रहीं। देश की जनता के बीच नफरतें फैलाई गई। अफवाहें फैलाई गई कि फला समुदाय का व्यक्ति कोविड सेंटर में गंदगी फैला रहा है, विशेष समुदाय का व्यक्ति सब्जी में थूक लगाकर बेच रहा है। विशेष समुदाय के प्रार्थना स्थल बंद कर दिए गए। विशेष धर्म के हजारों विदेशी मेहमानों को बेवजह सताया और परेशान किया गया। हम अपने पर्व पूरी आजादी से मनाएं लेकिन दूसरे धर्म के लोग अपना रोजा नमाज (प्रार्थना और व्रत) भी करने की इजाजत नहीं। उनकी हर साजिश को आंख में पट्टी बांधकर सहते रहे और शायद सहते ही रहते।
लेकिन कहते है कि विनाश काले विपरीत बुद्धि। यही हाल मोदी जी का हो गया। वे मद में ऐसे डूबे और मान बैठे कि हम कुछ भी बोलेंगे जनता मान लेगी। जनता की बुद्धि का कई बार टेस्ट करके भी देखा था मोदी जी ने। कभी ताली थाली बजाने को कहा, जनता ने ताली थाली को खूब पीटा। कभी दीपक और टॉर्च जलवाई। हमने भी खूब जलाई। हमारी रक्षा के लिए खरीदे गए रक्षा मंत्रालय के विमान की रक्षा के लिए रक्षा मंत्री नींबू मिर्चों से विमान की रक्षा का टोटका करता है। विज्ञान के इस युग में हम इनके टोटकों पर यकीन करते रहे। हद तो तब हो गई जब वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष में यान भेजने के लिए भी टोटकों का सहारा लेना पड़ा।
लेकिन चुनाव में मुसलमानों और मैन्यूफैस्टो पर जब मोदी जी ने झूठ बोला तो जनता ने इनका झूठ पकड़ लिया। मुसलमानों ने कभी आरक्षण मांगा ही नहीं, फिर भी झूठी बकवास करके मुसलमानों को आरक्षण न देने का प्रोपोगेंडा रच दिया। कांग्रेस के मैन्यूफैस्टो में देश के सभी संसाधन पर अल्पसंख्यकों का सबसे बड़ा हकदार बता डाला। लोगों ने कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए कांग्रेस का मैन्यूफैस्टो डाऊनलोड करना शुरू किया। मोदी जी के इसी झूठ ने जनता की आंखे खोल दी। लोगों ने कांग्रेस का मैन्यूफैस्टो डाऊनलोड कर जब पढ़ना शुरू कर दिया। तब लोगों की आंख खुली। फैन्यूफैस्टो पढ़कर जहां कांग्रेस के बारे में जानकारी मिली, वहीं भाजपा के झूठ का पर्दा उठ गया। जिस जिस ने भी यह सच्चाई जानी वही इनके खिलाफ दलों के साथ खड़े हो गए। जनता खुद ही चुनाव लड़ने लड़ी। जनता ने इनकी हर साजिश और हर तंत्र को डिफ्यूज कर दिया।
(लेखक वेब वार्ता समाचार एजेंसी के संपादक है)