Sunday, October 19, 2025
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़ें

विकसित भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी भोपाल जीआईएस

-पवन वर्मा-

डॉ. मोहन यादव ने जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की सवा साल पहले शपथ ली थी, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वे एक विजनरी नेता भी साबित होंगे। वे अपने विजन के साथ न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 के विकसित भारत के विजन के लिए भी साथ में कदमताल करते हुए दिखाई देने लगे हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेर्स्ट समिट इसी का परिणाम है। भोपाल में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट हो रही है। जैसे-जैसे इन समिट के दिन करीब आते जा रहे हैं, प्रदेश के नागरिकों में इसे लेकर उत्सुकता और उत्साह भी बढता जा रहा है।

मध्य प्रदेश की राजधानी पहली बार देश ही नहीं वरन दुनिया भर के उद्योगपतियों के स्वागत के लिए सज रही है। राजा भोज और तालों की नगरी के नाम से अब दुनिया भर में विख्यात भोपाल मध्य प्रदेश में उद्योगों का जाल फैलाने और बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए नई इबादत लिखने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस समिट से पहले मध्यप्रदेश के संभागीय मुख्यालयों पर रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव का आयोजन किया। जब उन्होंने रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव करने की करने की घोषणा की थी तब भी किसी को यह यकीन करना आसान नहीं था कि यह कॉन्क्लेव हकीकत में सफल होगी, लेकिन यह हुआ और हर संभाग में अलग-अलग उद्योगपति शामिल हुए और उन्होंने यहां पर उद्योग लगाने के वादे किए। इन पर अब तेजी से काम चल रहा है। इधर मध्य प्रदेश में निवेश लाने के लिए मोहन यादव के प्रयास सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रहे, वे यूके, जर्मनी और जापान की भी यात्रा कर निवेश प्रस्ताव लाने में सफल रहे।

रीजनल इंडस्ट्रीज कॉनक्लेव की सफलता ने ही यह संकेत दे दिए थे कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की सोच मध्यप्रदेश के विकास को लेकर एकदम स्पष्ट है। भोपाल में 24 और 25 फरवरी को होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ऐतिहासिक होगी, यह भरोसा राजनीतिक ही नहीं बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों और आम नागरिकों को भी हो गया है। अपने अमेरिका की सफलतम यात्रा से लौटने के ठीक दस दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समिट का उद्घाटन करेंगे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस समिट में आना ही यह संकेत देता है कि मध्य प्रदेश में इस बार की ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट पुरानी सभी जीआईएस से ज्यादा कामयाब होगी।

विश्व स्तरीय संस्थाएं भी होगी शामिल

जीआईएस में विदेशों से भी उद्योगपति आएंगे, इनके अलावा विश्व बैंक सहित 11 प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वैश्विक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगें। वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एजेंसीज अपनी विशेषज्ञता यहां प्रदान करेंगी। जापान एक्सटर्नल ट्रेड आर्गनाईजेशन (जेटो) और ताइवान एक्सटर्नल ट्रेड डेवलपमेंट काउंसिल (टेटा) भी इसमें भागीदारी करेगें। इससे इंडो पैसिफिक आर्थिक साझेदारी संभव हो सकेगी। सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स और इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स इन कोरिया की भागीदारी क्षेत्रीय संबंधों को मजबूत करेगी। इसी तरह यूरोपिय हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जर्मनी ट्रेड एंड इन्वेस्ट, इंडो जर्मन चेंबर ऑफ कॉमर्स, इंडिया आयरलैंड काउंसिल और इटालियन ट्रेड एजेंसी भी यहां पर अपनी भागीदारी करेगी। यूरोपिय हितों से जुड़ी एजेंसियों का भोपाल में होने वाली जीआईएस में शामिल होना मध्य प्रदेश की विकास यात्रा में यूरोप की गहरी रूचि को बताता है। इस समिट में ओटावा कनाडा और उत्तर अमेरिका से जुड़े उद्योगपतियों का सम्मिलित होना भी उनके यहां पर निवेश करने की संभावनाओं को बढाता है।

तीस देशों के प्रवासी भारतीय भी होंगे शामिल

जीआईएस में पहली बार अलग से प्रवासी भारतीय समिट भी होगी। इसमें तीस देशों के 550 से अधिक प्रवासी भारतीय शामिल होंगे। इसमें अमरीका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, यूएई से प्रतिनिधि आएंगे। ब्रिटेन की गैरार्ड क्रॉस टाउन काउंसिल की पहली महिला मेयर प्रेरणा भारद्वाज और हाउस ऑफ लॉर्डस के सदस्य रेमी रेंजर भी इस सम्मिट में शामिल होंगे। इसी तरह अमेरिका में फ्रेंडस ऑफ एमपी के अध्यक्ष प्रमीत माकोडे, ब्रिटेन में फ्रेंडस ऑफ एमपी रोहित दीक्षित, यूएई अबू धाबी चैप्टर की अध्यक्ष लीना वैद्य, यूएई चैप्टर के संयोजक जितेंद्र वैद्य भी इसमें शामिल होंगे।

जीसीसी नीति होगी सहायक

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर जीसीसी पॉलिसी 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लांच कर दिया है। जीसीसी के क्षेत्र में राज्य नई उंचाईयों तक पहुंच सकता है। मध्य प्रदेश इस सेक्टर में अपनी भागीदारी को तेजी से बढाने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह नीति विशेष रूप से आइटी, इंजीनियरिंग, वित्त, बिजनेस प्रोसेस, आउटसोर्सिंग जैसे क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करने पर केंन्द्रित है और राज्य का औद्योगिक परिदृश्य पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखती है। इस समिट से जीसीसी के लिए बड़ी संख्या में निवेश प्रस्तावों की उम्मीद जागी है। जीसीसी वे केंद्र है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अपने मुख्यालय से अलग अन्य देशों में स्थापित करती है। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर अपने ऑपरेशंस को सुचारू रूप से चलाना और अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ उठाना होता है। इन केंद्रों में साफ्टवेयर डेवलपमेंट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स, वित्तीय सेवाएं, अनुसंधान एवं विकास, सप्लाई चेन मैनेजमेंट और ग्राहक सहायता जैसी सेवाएं दी जाती हैं।

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest

More articles