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स्वास्थ्य पर असर डालने वाले कारकों के आधार पर तय होगा प्रीमियम, बीमा कंपनियां कर रही ये तैयारी

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। आने वाले दिनों में आपको स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारकों के आधार पर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए ज्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है। स्वास्थ्य बीमा कंपनियां इस तरह की योजना बना रही हैं। इसकी शुरुआत दिल्ली से हो सकती है, जहां बीमा प्रीमियम में 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।  बीमा कंपनियों का मानना है कि कई ऐसे कारक होते हैं, जिनकी वजह से उन्हें ज्यादा दावों का भुगतान करना होता है, जबकि प्रीमियम एक ही तरह का होता है। हालांकि, बीमा कंपनियों को यह नियम लागू करने के लिए

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) से मंजूरी लेनी होगी। बता दें कि यह पहली बार होगा जब देश में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की गणना में वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों को शामिल किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि जहरीली हवा के कारण 2024 में दिल्ली के ज्यादातर निवासी अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और हृदय संबंधी बीमारियों के कारण अस्पतालों में भर्ती हुए।

इससे बीमा कंपनियों को दावे के एवज में ज्यादा भुगतान करना पड़ा। इंश्योरेंस कंपनी स्टार हेल्थ के परिचालन प्रमुख अमिताभ जैन ने कहा, हमें मूल्य निर्धारण में एक अलग कारक के रूप में प्रदूषण के बारे में विचार करना होगा। इसके बाद हम उन क्षेत्रों के लिए एक विशेष शुल्क लागू कर सकते हैं, जो इससे प्रभावित होते हैं। 2024 में सांस संबंधी बीमारियों वाले मरीजों की संख्या दूसरी छमाही में 18 फीसदी तक बढ़ गई, जबकि पहली छमाही में यह छह फीसदी तक ही थी।

1.06 लाख करोड़ मिला प्रीमियम

इरडाई की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में बीमा कंपनियों ने 1.06 लाख करोड़ रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में हासिल किया, जो उसके पहले के वर्ष की तुलना में लगभग 20 फीसदी ज्यादा है।

सांस की बीमारियों के एवज में 8.3% बढ़े दावे

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और मेडी असिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में वित्त वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक सांस से संबंधित बीमारियों के दावों में 8.3 फीसदी की वृद्धि हुई। इससे स्वास्थ्य देखभाल लागत में सबसे अधिक वृद्धि हुई।

स्टार हेल्थ व आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने कहा, अगर खराब वायु गुणवत्ता बनी रही तो प्रदूषण जल्द ही स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम निर्धारित करने में प्रत्यक्ष कारक बन सकता है।

बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस ने कहा, उद्योग विशेष रूप से प्रदूषण से स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का एक नया सेगमेंट पॉलिसी में जोड़ सकता है।

बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों पर ज्यादा बोझ

वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों, बाहरी पेशेवरों और पहले से ही सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को संभवतः सबसे अधिक प्रीमियम का भुगतान करना होगा। यदि यह योजना मंजूर हो जाती है तो ऐसे लोग भारी प्रीमियम के कारण बीमा लेना बंद कर देंगे।

हर साल दिल्ली का होता है बुरा हाल

वाहन उत्सर्जन, निर्माण, धूल और खेतों की आग के धुएं के मिश्रण के कारण नई दिल्ली हर सर्दियों में धुंध से घिर जाती है। नवंबर में दिल्ली ने पाकिस्तान के लाहौर को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर के रूप में पछाड़ दिया था।मुंबई और कोलकाता भी सबसे जहरीली हवा वाले शीर्ष 10 शहरों में शामिल हो गए। नवंबर में दिल्ली का एक्यूआई 491 पर पहुंच गया था, जो खतरनाक श्रेणी में आता है।

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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