Wednesday, March 12, 2025
Homeलेखदोस्ती इम्तिहान लेती है-मेक इन इंडिया बनाम अमेरिकी फर्स्ट

दोस्ती इम्तिहान लेती है-मेक इन इंडिया बनाम अमेरिकी फर्स्ट

-किशन सनमुखदास भावनानीं-

वैश्विक स्तरपर हर देश की नज़रें 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शपथ ग्रहण करने से लेकर उनके द्वारा करीब रोज़ लिए जा रहे निर्णयों पर लगी हुई है, जिससे पूरी दुनियाँ अपने नफे नुकसानों के आकलन पर मंथन करने लग गई है, परंतु अब पूरी दुनियाँ की निगाहें भारतीय समय अनुसार गुरुवार अर्ली मॉर्निंग 2.30 बजे भारतीय पीएम अमेरिकीराष्ट्रपति के मुलाकात पर लगी रही जिसमें सभी की नजरे टैरिफ, अवैध आवर्ज़न अवैध प्रवासी भारतीयों की वापसी, चीन मुद्दा, रक्षा, नई टेक्नोलॉजी सहित अनेक मुद्दों पर बनी हुई थी, हालांकि भारत ने अमेरिकी दौरे से पूर्व ही अपने मैक्सिमम अमेरिकी टैरिफ को 150 पेर्सेंट से घटकर 70 पेर्सेंट कर दिए ताकि बातचीत की सकारात्मकता की गुंजाइश को बल मिले भारत सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों मेंशामिल रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 1990-91 तक औसत टैरिफ 125 पेर्सेंट तक था। उदारीकरण के बाद यह कम होता चला गया। 2024 में भारत का एवरेज टैरिफ रेट 11.66 पेर्सेंट था। ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद भारत सरकार ने टैरिफ रेट में बदलाव किया। द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार ने टैरिफ के 150 पर्सेंट, 125 पर्सेंट और 100 पर्सेंट वाली दरों को खत्म कर दिया है। अब भारत में सबसे ज्यादा टैरिफ रेट 70 पर्सेंट है। भारत में लग्जरी कार पर 125 पर्सेंट टैरिफ था, अब यह 70 पर्सेंट कर दिया गया है। ऐसे में साल 2025 में भारत का एवरेज टैरिफ रेट घटकर 10.65 पर्सेंट हो चुका है। आमतौर पर सभी देश टैरिफ लगाते हैं। किसी देश में इसका रेट कम और किसी में ज्यादा हो सकता है। हालांकि, बाकी देशों से तुलना की जाए तो भारत सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है।

संभवत लाखों लोगों के साथ मैं खुद भी शुक्रवार अर्ली मॉर्निंग 2:30 बजे से 6 बजे तक संचार माध्यमों टीवी चैनलों से जुड़ा रहा इन दोनों महाशक्तियों के बीच हुई मुलाकात को लगातार देखता फिर सुबह 6 के दोनों की संयुक्त प्रेस वार्ता के बाद यह आर्टिकल तैयार किया हूं। इसके पूर्व हम देखें कि पीएम अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी पहुंचे, जहां उनका ज़बरदस्त स्वागत हुआ, इसके बाद पीएम की पहली आधिकारिक मुलाकात अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया विभाग की निदेशक तुलसी गबार्ड से हुई, जो खुद को भगवान श्री कृष्ण की भक्त कहती हैं। फ़िर पीएम ने गुरुवार रात करीब 9 बजे अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज से मुलाकात की। इस बैठक में भारतीय विदेश मंत्री और एनएसए भी मौजूद रहे। इसके बाद पीएम इलॉन मस्क से मिले। मस्क अपने परिवार के साथ ब्लेयर हाउस पहुंचे थे। मस्क ने पीएम को तोहफे में मेमेंटो (स्मृतिचिह्न) दिया। दोनों के बीच करीब एक घंटे बातचीत हुई। मस्क से मुलाकात के बाद पीएम ने भारतवंशी बिजनेसमैन विवेक रामास्वामी से करीब आधा घंटा मुलाकात की। मुलाकात के बाद रामास्वामी ने कहा कि पीएम का स्वागत करना उनके लिए सम्मान की बात थी। चूँकि विश्व की नज़रे भारत अमेरिका प्रमुखों की देर रात्रि हुई मुलाकात पर लगी हुई थी, अवैध अप्रवासी मुद्दा व्यापार तकनीकी बात टैरिफ साहित अनेक एमओयू जिसके दूरगामी परिणाम निकलने की पूरी संभावना है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, दोस्ती इम्तिहान लेती है, मेक इन इंडिया बनाम अमेरिकी फर्स्ट।

साथियों बात अगर हम गुरुवार सुबह 6 बजे दोनों वैश्विक नेताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की करें तो इस दौरान जब पूछा गया कि ट्रंप और मोदी में कौन टफ नेगोशिएटर (वार्ताकार) है, तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ कह दिया कि इस मामले में भारतीय प्रधानमंत्री बहुत आगे हैं। ट्रंप ने कहा, वह (पीएम मोदी) मुझसे कहीं ज्यादा टफ नेगोशिएयर हैं और मुझसे कहीं बेहतर वार्ताकार भी हैं। इसमें कोई मुकाबला ही नहीं है। पीएम मोदी ने कहा, जो लोग दूसरे देशों में अवैध रूप से रहते हैं, उन्हें वहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। जहां तक भारत और अमेरिका का सवाल है, हमने हमेशा कहा है कि जो लोग सत्यापित हैं और वास्तव में भारत के नागरिक हैं-अगर वे अवैध रूप से अमेरिका में रहते हैं, तो भारत उन्हें वापस लेने के लिए तैयार है। लेकिन यह हमारे लिए यहीं तक सीमित नहीं है। ये सामान्य परिवारों के लोग हैं। उन्हें बड़े सपने दिखाए जाते हैं और उनमें से अधिकांश ऐसे होते हैं जिन्हें गुमराह करके यहां लाया जाता है। इसलिए, हमें मानव तस्करी की इस पूरी व्यवस्था पर हमला करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और भारत को मिलकर इस तरह के पारिस्थितिकी तंत्र को जड़ से खत्म करने का प्रयास करना चाहिए ताकि मानव तस्करी खत्म हो जाए।

हमारी बड़ी लड़ाई उसपूरे पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ है और हमें विश्वास है कि राष्ट्रपति ट्रंप इस पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने में भारत का पूरा सहयोग करेंगे। वाइट हाउस में पीएम ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और अमेरिका एक साथ खड़े रहेंगे। हम इस बात पर सहमत हैं कि सीमा पार आतंकवाद के उन्मूलन के लिए ठोस कार्रवाई आवश्यक है। मैं राष्ट्रपति का आभारी हूं कि उन्होंने 2008 में भारत में नरसंहार करने वाले अपराधी तहव्वुर राणा को अब भारत के हवाले करने का निर्णय किया है। भारत की अदालतें उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगी। अमेरिकी राष्ट्रपति से जब पूछा गया, अगर आप भारत के साथ व्यापार पर सख्त रुख अपनाएंगे तो चीन से कैसे लड़ेंगे तो उन्होंने कहा, हम किसी को भी हराने के लिए बहुत अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन हम किसी को हराने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, हम वाकई अच्छा काम करना चाहते हैं। हमने अमेरिकी लोगों के लिए शानदार काम किया है।

हमारे चार साल बहुत अच्छे रहे और हमें एक भयानक प्रशासन ने बाधित किया, अब, हम इसे फिर से एक साथ ला रहे हैं। मुझे लगता है कि यह पहले की तुलना में बहुत मजबूत होने जा रहा है या पहले की तुलना में और भी ज्यादा मजबूत होने जा रहा है। बांग्लादेश मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, इसमें डीप स्टेट की कोई भी भूमिका नहीं है, यह कुछ ऐसा है जिस पर पीएम मोदी लंबे समय से काम कर रहे हैं, मैं बांग्लादेश को पीएम पर छोड़ देता हूं। आगे कहा हम व्यापार के बारे में बात करने जा रहे हैं, हम कई चीजों के बारे में बात करने जा रहे हैं, लेकिन आपसे मिलना वास्तव में सम्मान की बात है, आप लंबे समय से मेरे मित्र हैं। शानदार काम करने के लिए बधाई। पीएम और मैं ऊर्जा पर एक महत्वपूर्ण समझौते पर भी पहुंचे, जो यह सुनिश्चित करेगा कि अमेरिका भारत को तेल और प्राकृतिक गैस का अग्रणी आपूर्तिकर्ता बने, उम्मीद है कि नंबर 1 आपूर्तिकर्ता बने। अमेरिकी परमाणु उद्योग के लिए अभूतपूर्व विकास में, भारत अमेरिकी परमाणु प्रौद्योगिकी का स्वागत करने के लिए कानूनों में सुधार भी कर रहा है, जो भारतीय बाजार में उच्चतम स्तर पर है।

साथियों बात अगर हम दोनों नेताओं की मुलाकात के कुछ घंटे पहले ट्रंप के एक पोस्ट या ट्वीट की करें तो, अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारतीय पीएम से मुलाकात से कुछ घंटे पहले सोशल मीडिया पर एक रहस्यमयी पोस्ट किया, जिसने अटकलों को तेज कर दिया। उन्होंने लिखा, तीन महान हफ्ते, शायद अब तक के सबसे अच्छे, लेकिन आज सबसे बड़ा दिन है:पारस्परिक टैरिफ अमेरिका को फिर से महान बनाएं (पारस्परिक टैरिफ) नीति के तहत अमेरिका उन देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा जितना वे अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाते हैं, इससे वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल मच सकती है और भारत समेत कई बड़े व्यापारिक साझेदार प्रभावित हो सकते हैं। ट्रंप ने पहले ही कहा था पारस्परिक होने का समय आ गया है।

अगर वे हमसे शुल्क लेते हैं, तो हम उनसे शुल्क लेंगे, उनका यह बयान संकेत देता है कि अमेरिका जल्द ही उन देशों की सूची जारी करेगा जिन पर यह टैरिफ लागू होगा। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि भारत की टैरिफ नीतियां अमेरिकी व्यापार के लिए बाधा हैं, ट्रंप ने भारत को कई बार टैरिफ किंग कहा है, क्योंकि वे मानते हैं कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर अधिक टैक्स लगाता है। यदि अमेरिका भारत पर नया टैरिफ लगाता है, तो यह भारतीय निर्यात को प्रभावित कर सकता है। ट्रंप पहले ही कई देशों पर टैरिफ लगा चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही मैक्सिको और कनाडा से आयातित उत्पादों पर 25 पेर्सेंट टैरिफ और चीनसे आयातित उत्पादों पर 10 पेर्सेंट टैरिफ लगाया था, हालांकि, मैक्सिको और कनाडा के साथ 1 मार्च तक टैरिफ रोकने का निर्णय लिया गया, क्योंकि दोनों देशों ने अवैध आव्रजन और मादक पदार्थों की तस्करी पर कड़ा रुख अपनाने का आश्वासन दिया था। भारतीय पीएम राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने वाले चौथे विदेशी नेता हैं।

अतः अगर हम अपरूप पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि दोस्ती इम्तिहान लेती है-मेक इन इंडिया बनाम अमेरिकी फर्स्ट तुलसी… मस्क..रामास्वामी के बाद, मोदी की ट्रंप से ऐतिहासिक मुलाकात। भारत अमेरिका के पौराणिक संबंधों और वर्तमान नेतृत्व की दोस्ती के दूरगामी सकारात्मक परिणाम निकलेंगे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमारे बारें में

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments

Webvarta

FREE
VIEW