श्रीहरिकोटा, (आंध्र प्रदेश), (वेब वार्ता)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए शार रेंज से एक रिकॉर्ड और ऐतिहासिक 100वें लॉन्च मिशन में, स्वदेशी क्रायोजेनिक तीसरे चरण के साथ जीएसएलवी-एफ15 रॉकेट ने एनवीएस-02 नेविगेशन उपग्रह को बुधवार की सुबह वांछित परिक्रमा सफलतापूर्वक ‘इंजेक्ट’ किया।
भारी प्रक्षेपण यान ने 27 घंटे की सहज उलटी गिनती के बाद 19 मिनट की उड़ान अवधि के बाद दूसरे लॉन्च पैड से शानदार ढंग से उड़ान भरी, 2,250 किलोग्राम उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया।
इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने मिशन नियंत्रण केंद्र के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए मुस्कुराते हुए कहा, “जीएसएलवी-एफ15/एनवीएस02 मिशन पूरा हुआ।” वैज्ञानिकों ने कहा कि यह 1979 में एसएलवी से शुरू हुआ एसएचएआर से इसरो का 100वां मिशन है।
सर्द मौसम का सामना करते हुए और राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए सैकड़ों दर्शक प्रक्षेपण को देखने के लिए दर्शक दीर्घा में एकत्र हुए। इस दौरान प्रक्षेपण के दौरान रॉकेट से नारंगी रंग का धुंआ निकला जिससे आसमान में अंधेरा छा गया।
दो सप्ताह पहले नए इसरो प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद डॉ. नारायणन का यह पहला मिशन है और यह 16 जनवरी को दो स्पेडएक्स उपग्रहों के सफल डॉकिंग की पृष्ठभूमि में आया है।
इसरो ने कहा कि एनवीएस-02 एनएवीएलसी श्रृंखला के हिस्से के रूप में उन्नत भारत की क्षेत्रीय नेविगेशन क्षमताएं प्रदान करेगा।
एनवीएस-02 नेविक उपग्रहों की श्रृंखला में दूसरा है। भारतीय तारामंडल के साथ नेविगेशन (एनएवीएएलसी) भारत की स्वतंत्र क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली भारत के साथ-साथ लगभग भारतीय भूभाग से परे 1500 किमी तक फैले क्षेत्र के उपयोगकर्ताओं के लिए वेलोसिटी और टाइमिंग (पीवीटी) सेवा सटीक स्थिति प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
#100thLaunch:
Congratulations @isro for achieving the landmark milestone of #100thLaunch from #Sriharikota.
It’s a privilege to be associated with the Department of Space at the historic moment of this record feat.
Team #ISRO, you have once again made India proud with… pic.twitter.com/lZp1eV4mmL— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) January 29, 2025