नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारतीय आयकर विभाग अलग-अलग टैक्सपेयर्स के लिए उनके अनुरूप विभिन्न आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म प्रदान करता है। सही फॉर्म का चयन आपकी आय की सटीक और सुव्यवस्थित रिपोर्टिंग सुनिश्चित करता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्त वर्ष 2023-24 (आय वर्ष 2024-25) के लिए सात आईटीआर फॉर्म जारी किए हैं। किस आईटीआर फॉर्म का उपयोग करना है, यह निर्धारण व्यक्तिगत आय स्रोतों, कर योग्य आय और करदाता श्रेणियों जैसे व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), कंपनियां आदि जैसे कारकों पर निर्भर करता है। आज हम आईटीआर -1 फॉर्म यानी सहज के बारे में बात करेंगे। आइए जानते हैं कि कौन-कौन आईटीआर-1 फाइल कर सकता है।
कौन फाइल कर सकता है आईटीआर-1 (सहज)?
निवासी और साधारण रूप से निवासी व्यक्ति आईटीआर-1 दाखिल कर सकते हैं। सभी स्रोतों से उनकी कुल आय ₹50 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए और उनकी आय निम्न स्रोतों से होनी चाहिए:
- वेतन या पेंशन
- एक मकान संपत्ति (संयुक्त रूप से स्वामित्व वाली संपत्तियों के अपवादों के साथ)
- अन्य स्रोत जैसे ब्याज, डिविडेंड या फैमिली पेंशन (कृषि आय पर ₹5,000 की सीमा के साथ)
ये व्यक्ति आईटीआर-1 फाइल नहीं कर सकते हैं:
- अनिवासी भारतीय (NRI)
- निवासी लेकिन साधारण रूप से निवासी नहीं (RNOR) टैक्सपेयर्स
- ₹50 लाख से अधिक आय वाले व्यक्ति
- व्यापार या पेशे से आय वाले व्यक्ति
- ₹5,000 से अधिक कृषि आय वाले व्यक्ति
- कैपिटल गेन्स (शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म) से आय वाले व्यक्ति
- अनलिस्टेड इक्विटी शेयरों में निवेश वाले व्यक्ति
- कंपनियों के डायरेक्टर्स
- आयकर अधिनियम की धारा 194N के तहत कर टैक्स डिडक्शन का क्लेम करने वाले व्यक्ति