Saturday, October 18, 2025
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‘अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा भारत’, डोनाल्ड ट्रंप ने फिर किया दावा; MEA कर चुका है खारिज

नई दिल्ली (वेब वार्ता)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (17 अक्टूबर 2025) को व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक के दौरान फिर दावा किया कि भारत अब रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। इससे पहले बुधवार (15 अक्टूबर 2025) को उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इसकी आश्वासन दिया है। ट्रंप ने कहा कि भारत ने पहले ही आयात कम कर दिया है, जो “बड़ा कदम” है। अब वे चीन पर भी दबाव डालेंगे।

ट्रंप का बयान

ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे दोस्त हैं। हमारे बीच अच्छे संबंध हैं। मुझे पसंद नहीं था कि भारत रूस से तेल खरीदे। उन्होंने आज आश्वासन दिया कि अब भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह बड़ा कदम है। अब चीन को भी ऐसा करने के लिए तैयार करना होगा।”

ट्रंप ने रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए आर्थिक समर्थन रोकने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने 8 बड़े युद्ध रोके हैं।

विदेश मंत्रालय का खंडन

भारत ने ट्रंप के दावे को सिरे से खारिज कर दिया। गुरुवार (16 अक्टूबर 2025) को प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हाल में कोई बातचीत या फोन कॉल नहीं हुई। आश्वासन का सवाल ही नहीं।” मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं की आखिरी आधिकारिक बातचीत 9 अक्टूबर को हुई थी।

क्यों भड़के ट्रंप? रूसी तेल पर तनाव

अमेरिका का मानना है कि भारत का रूस से तेल खरीदना मॉस्को को यूक्रेन युद्ध के लिए फंडिंग देता है। भारत ने कहा कि वह ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों के आधार पर निर्णय लेता है। 2025 में भारत ने रूस से 34% तेल आयात किया, लेकिन वॉल्यूम में 10% कमी आई है।

हंगरी पर नरमी, भारत पर सख्ती

ट्रंप ने हंगरी के रूसी तेल आयात पर नरमी बरती। उन्होंने कहा, “हंगरी फंस गया है। उनके पास समुद्र नहीं, केवल पाइपलाइन है। वे तनाव कम कर रहे हैं।” हंगरी के PM विक्टर ऑर्बन को “महान नेता” बताया।

रूस से आयात जारी, लेकिन कमी

ट्रंप के दावे के बावजूद, अक्टूबर के पहले 15 दिनों में रूस से भारत का तेल आयात मजबूत रहा। जुलाई-सितंबर में वॉल्यूम 1.6 मिलियन बैरल प्रतिदिन था। अक्टूबर में सुधार का संकेत। रिफाइनरियां त्योहारी मांग के लिए तैयार हैं।

सामाजिक संदर्भ

ट्रंप के बयान ने भारत-अमेरिका संबंधों पर सवाल उठाए। भारत ने अपनी स्वतंत्र नीति पर जोर दिया।

निष्कर्ष

ट्रंप का दावा झूठा साबित हुआ। भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा, लेकिन कमी से बाजार प्रभावित हो सकता है। विदेश मंत्रालय का खंडन सही समय पर आया।

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