घटना का विवरण
पुलिस के अनुसार, जीवन गौड़ा छठे सेमेस्टर का छात्र है, जबकि पीड़िता सातवें सेमेस्टर में पढ़ती है। दोनों पहले क्लासमेट थे और एक-दूसरे को जानते थे। घटना के दिन, पीड़िता कुछ सामान लेने के लिए गौड़ा से मिली थी। लंच ब्रेक के दौरान गौड़ा ने उसे बार-बार फोन कर आर्किटेक्चर ब्लॉक की सातवीं मंजिल पर बुलाया। वहां उसने जबरदस्ती किस करने की कोशिश की। पीड़िता के लिफ्ट से निकलने पर उसका पीछा किया और छठी मंजिल के मेल टॉयलेट में घसीटकर रेप किया।
FIR के अनुसार, घटना दोपहर 1:30 से 1:50 बजे के बीच हुई। गौड़ा ने दरवाजा बंद कर पीड़िता का फोन जब्त कर लिया। बाद में उसने फोन कर पूछा, “क्या तुम्हें गोली चाहिए?” (गर्भनिरोधक दवा)। पीड़िता ने डर के कारण तुरंत शिकायत नहीं की, लेकिन दो सहेलियों को बताया। माता-पिता की मदद से उसने शिकायत दर्ज की। मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) धारा 64 (बलात्कार) के तहत दर्ज हुआ।
पुलिस जांच
पुलिस ने 11 अक्टूबर को क्राइम सीन रीक्रिएट किया। घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरा न होने से सबूत जुटाने में दिक्कत हो रही है। पुलिस अब डिजिटल और फॉरेंसिक सबूतों की जांच कर रही है। आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना ने कर्नाटक की राजनीति में भूचाल ला दिया। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर कानून व्यवस्था की विफलता का आरोप लगाया। विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा, “चार महीनों में 979 यौन हमले हुए, जिनमें 114 बेंगलुरु के हैं। यह सरकार की नाकामी है। महिलाएं और बच्चे डर में जी रहे हैं।” उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) से जांच समिति भेजने की मांग की और कहा, “जब तक बहनें-बेटियां असुरक्षित हैं, भाजपा चुप नहीं बैठेगी।”
कांग्रेस सरकार ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।
कॉलेज प्रशासन की चुप्पी
निजी इंजीनियरिंग कॉलेज ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है। जनता और छात्रों को कॉलेज से सुरक्षा नीति और जवाबदेही की उम्मीद है।
सामाजिक प्रभाव
यह घटना कॉलेज परिसरों में सुरक्षा और महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों पर सवाल उठाती है। समाज और प्रशासन से सख्त कदमों की मांग हो रही है।
निष्कर्ष
जीवन गौड़ा की गिरफ्तारी से जांच शुरू हो चुकी है, लेकिन सीसीटीवी की कमी चुनौती है। यह मामला कर्नाटक में सुरक्षा और जवाबदेही पर बहस छेड़ेगा।