रायपुर (वेब वार्ता)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अवैध निर्माण के खिलाफ नगर निगम ने सख्त कार्रवाई की। रविवार को जोन 8 के अंतर्गत शहीद भगत सिंह वार्ड क्रमांक 21 के टाटीबंध क्षेत्र में स्वीकृति के विपरीत लगभग 1746 वर्ग फुट पर किया गया अवैध निर्माण बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई नगर निगम आयुक्त विश्वदीप के निर्देश पर की गई, जिससे इलाके में अवैध निर्माण पर लगाम लगाने का संदेश गया। संबंधित निर्माणकर्ता को भविष्य में नियमानुसार निर्माण करने की कड़ी हिदायत दी गई है।
टाटीबंध क्षेत्र में कार्रवाई: स्वीकृति का उल्लंघन
रायपुर नगर निगम के जोन 8 के नगर निवेश विभाग ने रविवार को विशेष अभियान चलाया। जोन कमिश्नर राजेश्वरी पटेल के निर्देश पर उप अभियंता लोचन प्रसाद चौहान की देखरेख में अवैध निर्माण को तत्काल तोड़ा गया। यह निर्माण योजना के अनुसार स्वीकृत क्षेत्र से अधिक था, जिसके कारण इसे अवैध घोषित कर कार्रवाई की गई। विभाग ने कहा कि यह कदम शहर के नियोजित विकास को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि अवैध निर्माण से न केवल शहर की सुंदरता प्रभावित होती है, बल्कि यह सार्वजनिक सुविधाओं और सुरक्षा को भी खतरे में डालता है। इस कार्रवाई से स्थानीय निवासियों में जागरूकता आई है, और कई लोगों ने नगर निगम की तारीफ की है।
नगर निगम की सख्ती: अवैध निर्माण पर लगाम
रायपुर नगर निगम ने हाल के महीनों में अवैध निर्माण के खिलाफ कई अभियान चलाए हैं। आयुक्त विश्वदीप ने स्पष्ट किया कि कोई भी उल्लंघन बख्शा नहीं जाएगा। निर्माणकर्ताओं को चेतावनी दी गई है कि स्वीकृति के बिना कोई निर्माण न करें, अन्यथा बुलडोजर कार्रवाई के साथ जुर्माना भी लगेगा। जोन 8 में यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है, जो शहर को अवैध अतिक्रमणों से मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
भविष्य के लिए निर्देश: नियमों का पालन अनिवार्य
कार्रवाई के बाद नगर निवेश विभाग ने निर्माणकर्ता को कड़ी हिदायत दी कि भविष्य में सभी निर्माण नियमानुसार ही किए जाएं। विभाग ने कहा कि नियमित निरीक्षण जारी रहेगा, और किसी भी उल्लंघन पर तत्काल कार्रवाई होगी। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि ऐसे अभियान अन्य जोनों में भी तेज किए जाएं ताकि रायपुर एक नियोजित शहर बने।
रायपुर नगर निगम का यह कदम शहर के विकास और नागरिक सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में सकारात्मक है। अवैध निर्माणों पर लगाम लगाने से न केवल यातायात और जल निकासी सुधरेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी होगा।