खरखौदा/सोनीपत, सुनील कुमार (वेब वार्ता)। खरखौदा, सोनीपत में राष्ट्रीय लोक अदालत अभियान के तहत शनिवार, 13 सितंबर 2025 को आयोजित लोक अदालत में उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी (एसडीजेएम) विक्रांत ने 100 से अधिक मामलों का त्वरित निपटारा किया। इस दौरान विशेष रूप से ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों में सख्त रुख अपनाते हुए उन्होंने दोषियों को कड़ी चेतावनी दी। जज विक्रांत ने नशे में वाहन चलाने वालों को भविष्य में सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी और लोगों से अपील की कि वे लोक अदालत में अपने लंबित मामलों को निपटाने के लिए आगे आएं। यह आयोजन न केवल त्वरित न्याय प्रदान करने में सफल रहा, बल्कि सड़क सुरक्षा और जिम्मेदार नागरिकता के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण रहा।
लोक अदालत की उपलब्धियां
खरखौदा न्यायालय परिसर में आयोजित इस राष्ट्रीय लोक अदालत में एसडीजेएम विक्रांत की बेंच ने विभिन्न प्रकार के मामलों का निपटारा किया। कुल 100 से अधिक मुकदमों का समाधान मौके पर ही किया गया, जिसमें ट्रैफिक चालान, छोटे आपराधिक मामले और अन्य विवाद शामिल थे। लोक अदालत का यह प्रयास पक्षकारों को बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया के आपसी सहमति से विवाद सुलझाने का अवसर प्रदान करता है।
जज विक्रांत ने बताया कि लोक अदालत में मामलों का निपटारा त्वरित और सौहार्दपूर्ण ढंग से होता है, जिससे समय और धन दोनों की बचत होती है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने लंबित मामलों को लोक अदालत में लाएं, ताकि उन्हें त्वरित न्याय मिल सके।
ड्रिंक एंड ड्राइव पर सख्ती
लोक अदालत के दौरान ड्रिंक एंड ड्राइव से संबंधित चालानों पर विशेष ध्यान दिया गया। जज विक्रांत ने इस तरह के मामलों में शामिल चालकों को कम राहत प्रदान की, क्योंकि नशे में वाहन चलाने से सड़क दुर्घटनाओं और बड़े हादसों का खतरा रहता है। उन्होंने ड्रिंक एंड ड्राइव के दोषियों को कड़ी फटकार लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि भविष्य में दोबारा ऐसा उल्लंघन पाया गया, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और कोई राहत नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा, “नशे में गाड़ी चलाना न केवल चालक की जान को खतरे में डालता है, बल्कि सड़क पर चलने वाले राहगीरों और अन्य वाहन चालकों की सुरक्षा को भी जोखिम में डालता है। यह एक गंभीर अपराध है, और इसे रोकने के लिए जागरूकता और सख्ती दोनों जरूरी हैं।”
सड़क सुरक्षा पर जोर
जज विक्रांत ने सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे शराब पीकर वाहन न चलाएं और सड़क नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए समाज में जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देना जरूरी है। लोक अदालत जैसे मंच न केवल विवादों का समाधान करते हैं, बल्कि सामाजिक जागरूकता को भी प्रोत्साहित करते हैं।
राष्ट्रीय लोक अदालत का महत्व
राष्ट्रीय लोक अदालत, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) और हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के तहत आयोजित की जाती है। यह वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पक्षकारों को लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रियाओं से बचाता है। लोक अदालत में निपटाए गए फैसले दीवानी अदालत की डिग्री के समान होते हैं और बाध्यकारी होते हैं। इसके अलावा, इसमें कोई न्यायालय शुल्क नहीं देना पड़ता, और पहले जमा किया गया शुल्क भी वापस किया जाता है।
जज विक्रांत ने कहा, “राष्ट्रीय लोक अदालत अभियान लगातार लोगों को त्वरित और सस्ता न्याय प्रदान करने के लिए काम कर रहा है। यह एक ऐसा मंच है जहां छोटे-बड़े सभी तरह के मामले आपसी सहमति से हल किए जा सकते हैं।”
निष्कर्ष
खरखौदा में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने 100 से अधिक मामलों का निपटारा कर त्वरित न्याय की मिसाल कायम की। जज विक्रांत की सख्ती और सड़क सुरक्षा के प्रति उनकी अपील ने इस आयोजन को और प्रभावी बनाया। ड्रिंक एंड ड्राइव जैसे गंभीर मामलों में उनकी चेतावनी समाज में जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रीय लोक अदालत का यह प्रयास न केवल न्याय प्रणाली को मजबूत करता है, बल्कि सामाजिक जागरूकता और एकता को भी प्रोत्साहित करता है।