सोनीपत, राजेश आहूजा (वेब वार्ता)। सोनीपत में शनिवार, 13 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला स्तर के साथ-साथ उपमंडल गोहाना, गन्नौर और खरखौदा के न्यायालय परिसरों में किया गया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. नरिंदर कौर की अध्यक्षता में आयोजित इस लोक अदालत में 16,884 मुकदमों का आपसी सहमति से निपटारा किया गया, जिसमें कुल 6 करोड़ 65 लाख 39 हजार 580 रुपये की राशि का समझौता हुआ। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) की सचिव और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रचेता सिंह ने इसकी जानकारी दी। यह आयोजन न केवल लंबित मामलों को कम करने में सहायक रहा, बल्कि पक्षकारों को त्वरित और सौहार्दपूर्ण न्याय प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण साबित हुआ।
राष्ट्रीय लोक अदालत: प्रमुख उपलब्धियां
डीएलएसए सचिव प्रचेता सिंह ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के मामलों का निपटारा किया गया। इनमें शामिल हैं:
मोटर दुर्घटना क्लेम: 33 केसों का निपटारा, जिसमें 2 करोड़ 61 लाख 82 हजार 730 रुपये की समझौता राशि प्रदान की गई।
ट्रैफिक चालान: 8,618 चालानों का निस्तारण, जिससे 1 करोड़ 14 लाख 18 हजार 200 रुपये की वसूली हुई।
फौजदारी मामले: 138 केसों का निपटान।
सिविल मामले: 341 केसों का समाधान।
वैवाहिक विवाद: 211 मामलों का निपटारा।
चेक बाउंस: 184 केसों का निस्तारण, जिसमें 32 लाख 62 हजार 330 रुपये की राशि का समझौता हुआ।
बैंक रिकवरी: जिला एडीआर सेंटर में स्थाई लोक अदालत के माध्यम से 56 केसों का निपटान।
इसके अतिरिक्त, उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, सोनीपत ने उपभोक्ता मामलों का निपटारा किया, जबकि पुलिस विभाग, जिला राजस्व अधिकारी, तहसीलदार और अन्य संबंधित बेंचों ने राजस्व और सहायक मामलों को हल किया।
आयोजन का नेतृत्व और सहभागिता
लोक अदालत का संचालन अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश डॉ. नरिंदर कौर के कुशल निर्देशन में हुआ। उनके साथ अन्य प्रमुख न्यायिक अधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिनमें शामिल हैं:
अतिरिक्त प्रिंसिपल जज (फैमिली कोर्ट) ललिता पटवर्धन
अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार मान
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, सोनीपत नेहा गोयल
न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी आजाद सिंह और आकांक्षा सैनी
खरखौदा में एसडीजेएम विक्रांत
गन्नौर में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सागर शर्मा
गोहाना में न्यायिक दंडाधिकारी कोमल राव
इन बेंचों ने विभिन्न श्रेणियों के मामलों को सुनकर उनका त्वरित और निष्पक्ष निपटारा किया। इसके अलावा, सोनीपत, गोहाना, गन्नौर, खरखौदा, खानपुर और राई के तहसीलदारों और राजस्व अधिकारियों ने राजस्व से संबंधित मामलों को हल करने में योगदान दिया।
राष्ट्रीय लोक अदालत का महत्व
राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) और हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के तहत किया जाता है। यह एक वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र है, जो पक्षकारों को बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया के आपसी सहमति से विवाद सुलझाने का अवसर प्रदान करता है। प्रचेता सिंह ने बताया कि लोक अदालत में निपटाए गए फैसलों को दीवानी अदालत की डिग्री का दर्जा प्राप्त होता है, और ये फैसले बाध्यकारी होते हैं। इसके अलावा, लोक अदालत में कोई न्यायालय शुल्क नहीं देना पड़ता, और यदि पहले शुल्क जमा किया गया हो, तो वह वापस कर दिया जाता है। यह प्रणाली समय और धन दोनों की बचत करती है।
निष्कर्ष
सोनीपत में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र न केवल न्याय प्रक्रिया को सरल बनाता है, बल्कि समाज में सौहार्द और सहमति को भी बढ़ावा देता है। 16,884 मामलों का निपटारा और 6.65 करोड़ रुपये का समझौता इस आयोजन की सफलता का प्रमाण है। डीएलएसए सचिव प्रचेता सिंह ने सभी पक्षकारों, वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के सहयोग की सराहना की, जिनके बिना यह उपलब्धि संभव नहीं थी।