ब्रासीलिया, (वेब वार्ता)। ब्राजील की राजनीति में भूचाल आ गया है। पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो (70 वर्ष) को 2022 के चुनाव में हार के बाद सत्ता पर काबिज रहने की साजिश रचने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 27 साल तीन महीने की सजा सुनाई है। सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों के पैनल ने यह फैसला सुनाते हुए ब्राजील के लोकतंत्र को बचाने की दिशा में एक मजबूत संदेश दिया है। बोल्सोनारो, जो पहले से ही घर में नजरबंद हैं, अब अपना बाकी जीवन जेल में बिताने की कगार पर हैं। इस फैसले ने न केवल ब्राजील, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचा दी है।
साजिश का पूरा मामला: चुनाव हार के बाद सत्ता की भूख
2022 के राष्ट्रपति चुनाव में बोल्सोनारो को वामपंथी उम्मीदवार लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा से हार का सामना करना पड़ा था। हार स्वीकार न करने वाले बोल्सोनारो पर आरोप है कि उन्होंने सैन्य तख्तापलट की साजिश रची, जिसमें चुनाव परिणामों को उलटने, अदालतों को भंग करने, सैन्य को विशेष शक्तियां देने और लूला की हत्या की योजना शामिल थी। अभियोजकों का कहना है कि यह साजिश चुनाव से बहुत पहले शुरू हो गई थी, जिसमें सैन्य कमांडरों को तख्तापलट का प्रस्ताव दिया गया और चुनाव प्रणाली पर बेबुनियाद शक फैलाया गया।
सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने बोल्सोनारो को पांच आरोपों में दोषी पाया, जिनमें तख्तापलट का प्रयास, सशस्त्र आपराधिक संगठन में भागीदारी, लोकतांत्रिक व्यवस्था को बलपूर्वक उखाड़ फेंकने का प्रयास, राज्य संस्थाओं पर हिंसा और सरकारी संपत्ति को नुकसान शामिल हैं। चार न्यायाधीशों ने उन्हें दोषी ठहराया, जबकि एक ने बरी करने की राय दी। पैनल की एकमात्र महिला न्यायाधीश कारमेन लूसिया ने कहा, “ब्राजील की लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में है और अधिनायकवाद को कोई छूट नहीं दी जा सकती।”
सह-साजिशकर्ताओं को भी सजा: सैन्य और मंत्रियों पर गिरी गाज
बोल्सोनारो के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने उनके सात सहयोगियों को भी दोषी ठहराया, जिनमें दो पूर्व रक्षा मंत्री, एक पूर्व जासूस प्रमुख और पूर्व सुरक्षा मंत्री शामिल हैं। न्यायाधीशों ने कहा कि बोल्सोनारो ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ मिलकर एक सुनियोजित साजिश रची थी। एकमात्र न्यायाधीश लुईस फुक्स ने बोल्सोनारो को बरी करने की सिफारिश की थी, लेकिन बहुमत के फैसले ने उन्हें सजा सुनिश्चित कर दी।
बोल्सोनारो इस मुकदमे में शामिल नहीं हुए, क्योंकि वे घर में नजरबंद हैं। उनके वकील अब कम सजा या नजरबंदी की मांग करेंगे, लेकिन अपील का विकल्प सीमित है।
अमेरिका का हस्तक्षेप: रुबियो की धमकी पर ब्राजील का सख्त जवाब
इस फैसले पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने “पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो को कैद करने का अन्यायपूर्ण फैसला सुनाया है” और “इस षड्यंत्र का जवाब देने” की धमकी दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसे “विच हंट” करार दिया और अपनी तुलना बोल्सोनारो से की।
ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने तुरंत एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जवाब दिया: “मार्को रुबियो की धमकियां ब्राजीलियाई प्राधिकरण पर हमला हैं और तथ्यों की अनदेखी करती हैं। यह हमारे लोकतंत्र को प्रभावित नहीं करेगा।” इस बयान से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है, और ब्राजील अब भारत, मैक्सिको और चीन जैसे देशों के साथ व्यापार बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
बोल्सोनारो का राजनीतिक भविष्य: 2060 तक चुनाव से बाहर
इस सजा के साथ बोल्सोनारो सार्वजनिक पद पर 2060 तक चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं। 70 वर्षीय बोल्सोनारो के लिए यह सजा जीवन भर की कैद जैसी है। उनके समर्थक इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं, जबकि आलोचक इसे लोकतंत्र की जीत मान रहे हैं।
निष्कर्ष: ब्राजील के लोकतंत्र की मजबूती का संदेश
जेयर बोल्सोनारो को 27 साल की सजा ब्राजील के इतिहास में एक मील का पत्थर है। यह फैसला न केवल पूर्व राष्ट्रपति को सजा देता है, बल्कि दुनिया को संदेश देता है कि लोकतंत्र के खिलाफ साजिशें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। अमेरिका के हस्तक्षेप के बावजूद ब्राजील ने अपनी संप्रभुता बनाए रखी। अब बोल्सोनारो के वकीलों की अपील पर नजरें टिकी हैं, लेकिन सजा अंतिम रूप ले चुकी है। यह घटना दक्षिण अमेरिका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में राजनीतिक स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।