वाराणसी, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम भारत की राजकीय यात्रा पर आए। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा की और मॉरीशस सरकार के अनुरोध पर कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए सैद्धांतिक सहमति जताई। भारत और मॉरीशस ने संयुक्त रूप से 680 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 30.90 बिलियन एमयूआर) के विशेष आर्थिक पैकेज के तहत विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने का निर्णय लिया है।
अनुदान आधारित परियोजनाएँ
भारत सरकार मॉरीशस में निम्नलिखित परियोजनाओं के लिए अनुदान आधारित सहायता प्रदान करेगी, जिनकी अनुमानित लागत 215 मिलियन अमेरिकी डॉलर (9.80 बिलियन एमयूआर) है:
नया सर शिवसागर रामगुलाम राष्ट्रीय अस्पताल: मॉरीशस में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए एक अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण।
आयुष उत्कृष्टता केंद्र: आयुर्वेद और पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की स्थापना।
पशु चिकित्सा विद्यालय और पशु अस्पताल: पशु स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में मॉरीशस की क्षमता को बढ़ाने के लिए।
हेलीकॉप्टरों का प्रावधान: आपातकालीन सेवाओं और निगरानी के लिए हेलीकॉप्टर प्रदान करना।
अनुदान-सह-एलओसी आधारित परियोजनाएँ
इसके अतिरिक्त, अनुदान और रियायती ऋण (एलओसी) के आधार पर निम्नलिखित परियोजनाओं के लिए 440 मिलियन अमेरिकी डॉलर (20.10 बिलियन एमयूआर) की सहायता प्रदान की जाएगी:
एसएसआर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नया एटीसी टावर: हवाई यातायात नियंत्रण को और सुदृढ़ करने के लिए टावर का निर्माण।
मोटरवे एम4 का विकास: मॉरीशस में सड़क अवसंरचना को बेहतर बनाने के लिए।
रिंग रोड चरण II का विकास: शहरी यातायात को सुगम बनाने के लिए रिंग रोड का विस्तार।
सीएचसीएल द्वारा बंदरगाह उपकरणों की खरीद: बंदरगाह की दक्षता बढ़ाने के लिए आधुनिक उपकरणों की आपूर्ति।
रणनीतिक सहयोग
दोनों देशों ने रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर भी सहमति जताई:
मॉरीशस में बंदरगाह का पुनर्विकास और पुनर्निर्माण: बंदरगाह की क्षमता और दक्षता को बढ़ाने के लिए।
चागोस समुद्री संरक्षित क्षेत्र का विकास और निगरानी: समुद्री संरक्षण और निगरानी में भारत की सहायता।
बजटीय सहायता
इसके अलावा, भारत सरकार ने चालू वित्त वर्ष में मॉरीशस को 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बजटीय सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई है। यह सहायता मॉरीशस की आर्थिक स्थिरता और विकास योजनाओं को समर्थन देगी।
भारत-मॉरीशस संबंधों को नई ऊँचाई
दोनों नेताओं ने भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया। मॉरीशस के साथ भारत का यह सहयोग न केवल द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करेगा, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी को भी बढ़ावा देगा। ये परियोजनाएँ मॉरीशस में स्वास्थ्य, शिक्षा, अवसंरचना, और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में विकास को गति देंगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर कहा, “भारत और मॉरीशस के बीच साझेदारी हमारी साझा संस्कृति और मूल्यों पर आधारित है। यह विशेष आर्थिक पैकेज मॉरीशस के विकास में योगदान देगा और दोनों देशों के बीच सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।”
मॉरीशस के लिए भारत की प्रतिबद्धता
यह विशेष आर्थिक पैकेज भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मॉरीशस के साथ यह सहयोग न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि में भी योगदान देगा।
Addressing the press meet with PM Dr. Navinchandra Ramgoolam of Mauritius.@Ramgoolam_Dr
https://t.co/UC4Ly08nDY— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2025