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उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सेना के 32 जवानों को बेकरी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किए, खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने पर जोर

लखनऊ, अजय कुमार (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने 10 सितंबर 2025 को लखनऊ में खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय के अधीन रीजनल फूड रिसर्च एण्ड एनालिसिस सेंटर (आर-फ्रैक) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सेना के 32 अधिकारियों और कर्मचारियों को “सर्टिफिकेट इन बेकरी एण्ड कन्फेक्शनरी” के 16 सप्ताह के प्रशिक्षण के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने चार उद्यमियों को 9 करोड़ रुपये से अधिक की अनुदान राशि के डेमो चेक और कुछ उद्यमियों को प्रशस्ति पत्र भी वितरित किए।

सेना के जवानों को स्वरोजगार का अवसर

कार्यक्रम अपने कैंप कार्यालय, 7-कालिदास मार्ग, लखनऊ में आयोजित हुआ, जिसमें 26 आर्मी, 5 नेवी, और 1 वायुसेना के अधिकारियों/कर्मचारियों ने भाग लिया। यह प्रशिक्षण रक्षा मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल री-सेटलमेंट के तहत स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया था। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रशिक्षण सेना के जवानों के लिए नई रोजगार और उद्यमिता की संभावनाओं के द्वार खोलेगा। उन्होंने सभी प्रशिक्षणार्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।

श्री मौर्य ने कहा, “सेना ने हमेशा देश का मान-सम्मान बढ़ाया है। सेवानिवृत्ति के बाद भी ये जवान अपने गाँव और क्षेत्र में उद्यम स्थापित कर प्रेरणास्रोत बनेंगे। यह प्रशिक्षण उन्हें आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करने में योगदान देने का अवसर देगा।”

खाद्य प्रसंस्करण: किसानों की आय बढ़ाने का संकल्प

उप मुख्यमंत्री ने खाद्य प्रसंस्करण को कृषि और उद्योग के बीच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बताया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि किसानों का कोई भी उत्पाद बर्बाद न हो। एक चेन बनाकर किसानों का उत्पादन बढ़ाना, उनके उत्पादों का उचित दाम दिलाना, और प्रोसेसिंग यूनिट्स तक पहुँचाना हमारी प्राथमिकता है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि उद्यमियों और व्यापारियों की आमदनी भी बढ़ेगी।”

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में देश में अग्रणी है, जहाँ सर्वाधिक इकाइयाँ स्थापित हैं। यह सेक्टर ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों की आय वृद्धि का सबसे बड़ा साधन है। प्रदेश सरकार की नीतियाँ किसानों, युवाओं, और उद्यमियों को जोड़कर उत्तर प्रदेश को खाद्य प्रसंस्करण का हब बनाने की दिशा में काम कर रही हैं।

विकसित भारत और आत्मनिर्भरता का मिशन

श्री मौर्य ने कहा कि 2014 में जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ली थी, तब भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में 11वें स्थान पर थी, जो अब चौथे स्थान पर पहुँच चुकी है। उन्होंने जोर दिया कि खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देगा। साथ ही, सभी क्षेत्रों में काम करके भारत को एक बड़ा निर्यातक देश बनाना है।

उन्होंने सेना के जवानों के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का प्रतीक है, जो सैनिकों के अनुभव और अनुशासन को समाज और विकास कार्यों से जोड़ेगा।

प्रशासन और उद्यमियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण, और रेशम विभाग श्री बी.एल. मीणा ने प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। विशेष सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्रीमती प्रेरणा शर्मा, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री बी.डी. राम, संयुक्त निदेशक श्री सर्वेश कुमार, उप निदेशक श्री एम.पी. सिंह, और आर-फ्रैक के निदेशक श्री सुजीत राजभर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

उप मुख्यमंत्री ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं और विश्वास जताया कि वे अपने अगले जीवन अध्याय में भी राष्ट्र का गौरव बढ़ाएँगे।

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