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सी.पी. राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए: एनडीए की जीत

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारत के 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन ने जीत हासिल की है। उन्होंने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को हराकर यह पद प्राप्त किया। इस जीत के साथ एनडीए ने अपनी राजनीतिक स्थिति को और मजबूत किया है, जो देश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव का संकेत देती है। मतदान के बाद देर शाम घोषित परिणामों में राधाकृष्णन को बहुमत प्राप्त हुआ, जबकि विपक्ष की उम्मीदें धराशायी हो गईं।

चुनाव परिणाम और मतगणना

उप राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 781 सांसदों ने मतदान किया। गुप्त मतदान और एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली के तहत राधाकृष्णन को 422 वोटों से अधिक का बहुमत मिला, जबकि रेड्डी को 324 वोट प्राप्त हुए। क्रॉस वोटिंग और 18 अनिश्चित सांसदों के रुख ने चुनाव को रोमांचक बनाया, लेकिन एनडीए की संख्याबल में मजबूती ने जीत सुनिश्चित की। बीजू जनता दल (बीजद) के बहिष्कार ने विपक्ष को नुकसान पहुंचाया।

कौन हैं सी.पी. राधाकृष्णन?

सी.पी. राधाकृष्णन तमिलनाडु के प्रमुख ओबीसी गौंडर समुदाय से आते हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि वाले हैं। उनका जन्म तमिलनाडु में हुआ और उन्होंने राजनीति में लंबा अनुभव प्राप्त किया है:

  • 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए।
  • 2023 में झारखंड और 2024 में महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे।
  • आरएसएस से जुड़ाव के कारण वे भारतीयता और राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति समर्पित माने जाते हैं।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सादगी और जनसेवा की सराहना की है।

राधाकृष्णन ने जीत के बाद कहा:

“यह जीत भारत के लोगों की है। मैं उपराष्ट्रपति के रूप में संविधान की रक्षा और राष्ट्र निर्माण में योगदान दूंगा।”

राजनीति में बड़ा बदलाव

यह जीत एनडीए के लिए एक बड़ी सफलता है, जो 2024 लोकसभा चुनावों के बाद की राजनीतिक स्थिरता को मजबूत करती है। विपक्ष के लिए यह झटका है, क्योंकि इंडिया गठबंधन ने इसे वैचारिक लड़ाई के रूप में पेश किया था। जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद यह चुनाव हुआ था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राधाकृष्णन की नियुक्ति राज्यसभा में एनडीए की स्थिति को और मजबूत करेगी।

आगे क्या होगा?

  • शपथ ग्रहण: राधाकृष्णन का शपथ ग्रहण 10 सितंबर 2025 को राष्ट्रपति भवन में होगा, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें पद की शपथ दिलाएंगी।
  • राज्यसभा अध्यक्ष: उपराष्ट्रपति के रूप में वे राज्यसभा के सभापति का दायित्व संभालेंगे।
  • राजनीतिक प्रभाव: एनडीए को विधेयकों को पास करने में आसानी होगी, जबकि विपक्ष को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।
  • संवैधानिक भूमिका: राधाकृष्णन संविधान की रक्षा और संसदीय कार्यवाही की निगरानी करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए कहा:

“राधाकृष्णन जी की जीत एनडीए की एकता का प्रतीक है। वे राष्ट्र सेवा में योगदान देंगे।”

विपक्ष की प्रतिक्रिया

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा:

“चुनाव परिणाम स्वीकार करते हैं, लेकिन लोकतंत्र की लड़ाई जारी रहेगी।”

निष्कर्ष

सी.पी. राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति पद पर चुनाव भारत की राजनीति में एक नया अध्याय है। उनकी आरएसएस पृष्ठभूमि और अनुभव से एनडीए को मजबूती मिलेगी। यह जीत विकसित भारत @ 2047 के विजन को आगे बढ़ाने में सहायक होगी।

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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