लखनऊ, अजय कुमार (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश डेयरी उद्योग विभाग द्वारा “विकास एवं संभावनाएं” विषय पर आयोजित निवेशक सम्मेलन में राज्य के डेयरी क्षेत्र में उभरती संभावनाओं और निवेशक-अनुकूल नीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई। लखनऊ में आयोजित इस कार्यक्रम में इन्वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री शशांक चौधरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश, जो पहले से ही भारत का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक राज्य है, अब मूल्य संवर्धन, आधुनिक प्रोसेसिंग, और वैश्विक मानकों की अवस्थापना पर ध्यान केंद्रित कर डेयरी निवेश के लिए पहली पसंद बन रहा है।
डेयरी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां
श्री चौधरी ने सम्मेलन में डेयरी क्षेत्र की हालिया उपलब्धियों को साझा करते हुए बताया कि पिछली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के बाद ₹4,000 करोड़ से अधिक का निवेश डेयरी क्षेत्र में वाणिज्यिक उत्पादन में प्रवेश कर चुका है। इस निवेश ने न केवल रोजगार सृजन में योगदान दिया है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई गति प्रदान की है। उन्होंने कहा:
“उत्तर प्रदेश अब केवल दूध उत्पादन तक सीमित नहीं है। हम मूल्य संवर्धन और आधुनिक प्रोसेसिंग इकाइयों पर ध्यान दे रहे हैं, जो निवेशकों के लिए नए अवसर खोल रहे हैं।”
At Niveshak Karyashala – Uttar Pradesh Dairy Udyog: Vikas aur Sambhavnayein, hosted at Hotel Taj Mahal, Lucknow, Shri Shashank Chaudhary, Additional CEO, Invest UP, highlighted the immense opportunities emerging in the state’s dairy sector. He emphasized that Uttar Pradesh,… pic.twitter.com/3zTpVNsWNg
— INVEST UP (@_InvestUP) September 8, 2025
प्रगतिशील नीतियां और निवेशक-अनुकूल माहौल
इन्वेस्ट यूपी प्रदेश की 34 से अधिक क्षेत्र-विशिष्ट नीतियों के माध्यम से निवेशकों को सक्रिय सहयोग प्रदान कर रहा है। प्रगतिशील डेयरी नीति और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (EoDB) मानदंडों ने निवेश प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया है। इसके अतिरिक्त, आगामी निवेश मित्र 3.0 सिंगल विंडो सिस्टम निवेशकों को तेजी से स्वीकृति और सहज समर्थन सुनिश्चित करेगा। यह सुधार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे।
उत्तर प्रदेश की प्रमुख ताकतें
उत्तर प्रदेश ने डेयरी निवेश के लिए कई विशेषताएं विकसित की हैं, जो इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती हैं:
विश्वस्तरीय अवस्थापना: आधुनिक कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट्स, और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क।
नीतिगत प्रोत्साहन: डेयरी नीति के तहत सब्सिडी, कर छूट, और अन्य प्रोत्साहन।
कुशल मानव संसाधन: ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कुशल और अकुशल श्रमशक्ति।
मजबूत कनेक्टिविटी: नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और बेहतर सड़क-रेल नेटवर्क।
निवेशक सम्मेलन: सतत और समावेशी विकास पर जोर
इस सम्मेलन ने उत्तर प्रदेश की निवेशक-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराया। शशांक चौधरी ने कहा कि गतिशील सुधारों और सुदृढ़ नीतिगत ढांचे ने उत्तर प्रदेश को डेयरी निवेश के लिए भारत का अग्रणी केंद्र बना दिया है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि राज्य न केवल औद्योगिक विकास पर ध्यान दे रहा है, बल्कि सतत विकास और समावेशी वृद्धि को भी प्राथमिकता दे रहा है।
डेयरी क्षेत्र में निवेश के लाभ
रोजगार सृजन: डेयरी उद्योग में निवेश से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती: डेयरी प्रोसेसिंग इकाइयों ने किसानों की आय में वृद्धि की है।
वैश्विक बाजार में पहुंच: आधुनिक प्रोसेसिंग और गुणवत्ता मानकों ने उत्तर प्रदेश के डेयरी उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाया है।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश की प्रगति और निवेशक-अनुकूल नीतियां इसे एशिया का सबसे आकर्षक डेयरी निवेश केंद्र बनाने की क्षमता रखती हैं। इन्वेस्ट यूपी की सक्रिय भूमिका और निवेश मित्र 3.0 जैसे नवाचारों के साथ, राज्य डेयरी उद्योग में और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए तैयार है।
निष्कर्ष: डेयरी निवेश का नया गंतव्य
उत्तर प्रदेश ने अपनी प्रगतिशील नीतियों, आधुनिक अवस्थापना, और निवेशक-अनुकूल माहौल के साथ डेयरी निवेश के लिए नई पहचान बनाई है। ₹4,000 करोड़ से अधिक के निवेश और निवेश मित्र 3.0 जैसे सुधारों के साथ, राज्य न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर डेयरी उद्योग का नेतृत्व करने की दिशा में अग्रसर है। यह सम्मेलन उत्तर प्रदेश के सतत और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।