हरदोई, लक्ष्मीकान्त पाठक (वेब वार्ता)। तहसील संडीला क्षेत्र में श्री हनुमान जी मंदिर (महावीरन) परिसर में 1 से 4 सितंबर 2025 तक आयोजित होने वाले सैकड़ों वर्ष पुराने ऐतिहासिक महावीर जी झंडा मेले की तैयारियों का निरीक्षण सोमवार को जिलाधिकारी अनुनय झा, पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन, और संडीला विधायक अलका अर्कवंशी ने किया। इस दौरान उन्होंने शोभा यात्रा मार्ग, साफ-सफाई, और सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा मंदिर में पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
डीएम के निर्देश: श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोपरि
जिलाधिकारी अनुनय झा ने संबंधित अधिकारियों और मेला कमेटी को निर्देश दिए कि मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने स्वच्छता, पेयजल, प्रकाश व्यवस्था, और ठहरने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने पर जोर दिया। साथ ही, शोभा यात्रा के सकुशल आयोजन के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती के निर्देश दिए।
एसपी ने दिए सुरक्षा के सख्त निर्देश
पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने पुलिस अधिकारियों को श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए निर्धारित स्थानों पर बैरिकेटिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने अराजक तत्वों पर कड़ी नजर रखने और किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचने की हिदायत दी, ताकि मेले का आयोजन सुचारू और सुरक्षित रूप से हो सके।
मेले का महत्व और तैयारियां
महावीर जी झंडा मेला संडीला में सैकड़ों वर्षों से आयोजित होने वाला एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन है, जो हनुमान भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। मेले के दौरान होने वाली शोभा यात्रा और अन्य धार्मिक गतिविधियों में भारी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस वर्ष मेले के आयोजन को भव्य और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारियां की जा रही हैं।
उपस्थित अधिकारी
निरीक्षण के दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नारायणी भाटिया, तहसीलदार अमित कुमार यादव, सीओ संडीला, और प्रभारी जिला सूचना अधिकारी दिव्या निगम सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उनकी उपस्थिति ने तैयारियों में समन्वय और प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित किया।
निष्कर्ष
हरदोई के संडीला में आयोजित होने वाला महावीर जी झंडा मेला एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन है, जिसके लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिलाधिकारी अनुनय झा और पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन के नेतृत्व में की गई निरीक्षण और तैयारियां यह सुनिश्चित करेंगी कि मेला सुचारू, सुरक्षित, और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक हो। यह आयोजन स्थानीय समुदाय और श्रद्धालुओं के लिए आस्था और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा।