उमरिया, (वेब वार्ता)। यह सुनकर अजीब लगता है लेकिन यह सच्चाई है कि मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में एक गांव ऐसा भी है जहां सड़क न होने के कारण युवाओं की शादियां नहीं हो पा रही हैं। रिश्तेदार भी रिश्ता जोड़ने से पहले शिक्षा, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की जानकारी लेते हैं और असुविधा देखकर पीछे हट जाते हैं। आज़ादी के 79 साल बाद भी अगर गांव सड़क, पानी और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हों तो विकास पर सवाल उठना लाज़मी है।
चार साल से नगर परिषद में शामिल, फिर भी बदहाल हालात
यह कहानी है मानपुर नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 15 हनचौरा की। चार साल पहले इस पंचायत को नगर परिषद में शामिल कर लिया गया, लेकिन हालात आज भी जस के तस बने हुए हैं। आवागमन के लिए बनी सड़क जर्जर हालत में है। बच्चों को स्कूल जाने में मुश्किल होती है और प्रसूताओं तक के लिए 108 एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती।
ग्रामीण बताते हैं कि सड़क और पानी की दिक्कतें अब सामाजिक समस्याओं का रूप ले चुकी हैं। यहां कई युवाओं की शादी सिर्फ इसलिए नहीं हो पा रही क्योंकि रिश्तेदार गांव की स्थिति देखकर रिश्ते से इंकार कर देते हैं।
“दो बार रिश्ते आए लेकिन सड़क देखकर लौट गए”
ग्रामीण संग्राम का कहना है—
“मेरे लिए दो बार रिश्तेदार शादी का रिश्ता लेकर आए, लेकिन सड़क की बदहाली देखकर बिना रिश्ता पक्का किए लौट गए। आज तक मेरी शादी नहीं हो पाई।”
यह स्थिति बताती है कि कैसे बुनियादी ढांचे की कमी सीधे तौर पर सामाजिक जीवन को प्रभावित कर रही है।
नेताओं के वादे, लेकिन हकीकत शून्य
गांव के लोगों ने आरोप लगाया कि यहां की विधायक मीना सिंह, जो मंत्री भी रह चुकी हैं, चुनाव के समय वादे तो करती हैं लेकिन बाद में नदारद हो जाती हैं। विकास के वादे केवल चुनावी नारों तक ही सीमित रह गए हैं।
अधिकारियों का दावा – प्राथमिकता पर काम होगा
इस मामले पर नगर परिषद के मुख्य अधिकारी राजेंद्र कुशवाहा ने कहा:
“हनचौरा को हाल ही में नगर परिषद में शामिल किया गया है। जिन कार्यों की मांग होगी, उन्हें प्राथमिकता पर पूरा किया जाएगा।”
विकास की असली परिभाषा पर सवाल
हनचौरा की यह स्थिति सरकार की विकास योजनाओं और जमीनी हकीकत के बीच की खाई को उजागर करती है। अगर लोग सड़क और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहेंगे तो यह केवल उनकी दैनिक ज़िंदगी को ही नहीं बल्कि सामाजिक रिश्तों और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को भी प्रभावित करेगा।