नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार रात जापान और चीन की चार दिवसीय महत्वपूर्ण यात्रा पर रवाना हो गए। इस यात्रा के दौरान वह पहले जापान में १५वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और उसके बाद चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
जापान यात्रा: रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा
प्रधानमंत्री की यह यात्रा भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अपने प्रस्थान वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह यात्रा भारत के राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाएगी और क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति, सुरक्षा तथा सतत विकास को बढ़ावा देने में सार्थक योगदान देगी।”
जापान में प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से होगी। दोनों नेता नई और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, भारत-जापान आर्थिक और निवेश संबंधों के दायरे को विस्तार देने पर भी ध्यान केंद्रित रहेगा।
चीन यात्रा: SCO शिखर सम्मेलन में भागीदारी
जापान की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर चीन के तियानजिन शहर में SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। भारत SCO का एक सक्रिय और रचनात्मक सदस्य है और इस संगठन के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य देशों के नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें होने की संभावना है। इन बैठकों में साझा चुनौतियों का समाधान और क्षेत्रीय सहयोग को गहरा बनाने जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
यात्रा के प्रमुख उद्देश्य
१. भारत-जापान रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना
२. नई प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना
३. SCO के माध्यम से क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग को बढ़ावा देना
४. वैश्विक शांति और सतत विकास में योगदान देना
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के लोगों के बीच सभ्यतागत बंधनों और सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने का भी एक अवसर प्रदान करेगी।
PM @narendramodi embarks on a two-nation visit to Japan and China. pic.twitter.com/CjUUY0RhGl
— PMO India (@PMOIndia) August 28, 2025