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कुशीनगर: जिला अस्पताल में बिचौलियों पर नहीं हुई कार्रवाई तो संलिप्त डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई – जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर का ऐलान

कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने जिला अस्पताल में सक्रिय बिचौलियों और दलालों पर कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि इन बिचौलियों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई तो इस कार्य में संलिप्त चिकित्सकों और स्टाफ के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यह चेतावनी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति (शासी निकाय) की बैठक में दी गई।

बैठक में संस्थागत प्रसव, आशा बहुओं के भुगतान, बच्चों के टीकाकरण, गर्भवती माताओं की जांच, मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु रिपोर्टिंग सहित विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर विस्तृत समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई।

अवैध अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई का आदेश

जिलाधिकारी ने जनपद में संचालित अस्पतालों की नियमित निगरानी के निर्देश देते हुए कहा कि अगले 10 दिनों में पंजीकृत, अपंजीकृत और पंजीकरण हेतु आवेदन किए गए सभी अस्पतालों की सूची तैयार की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि सीएससी वार तीनों प्रकार के अस्पतालों की सूची एमवाईसी द्वारा तैयार की जाएगी और यदि कोई छूटता है तो उसकी जिम्मेदारी एमवाईसी की होगी।

जिलाधिकारी ने कहा, “आए दिन अवैध अस्पताल द्वारा किसी न किसी की मृत्यु संबंधी खबरें आती हैं। इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही है?” उन्होंने सभी अवैध अस्पतालों को चिन्हित करते हुए प्रभावी कार्रवाई किए जाने का निर्देश दिया। साथ ही यह भी कहा कि तमकुहीराज में मात्र 2 पंजीकृत अस्पतालों की जानकारी चिंताजनक है और इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान में पारदर्शिता

जिलाधिकारी ने आशा बहुओं और एएनएम के कार्यों की मॉनिटरिंग पर विशेष जोर देते हुए निर्देश दिए कि आभा आईडी बनाने में खराब प्रगति वाले कर्मचारियों को तुरंत सुधार के निर्देश दिए जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी जिम्मेदारियां पूरी करने के बाद ही आशा और एएनएम का वेतन जारी किया जाए।

एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा, “जब फसल का बीमा हो सकता है तो गर्भ में पल रहे बच्चे का क्यों नहीं? आशा द्वारा प्रथम सूचना दिए जाने के बाद ही बीमा हो जाना चाहिए।” उन्होंने इस पर होमवर्क करने और यदि गाइडलाइन में व्यवस्था नहीं है तो शासन को पत्र भेजने के निर्देश दिए।

मानव संसाधन प्रबंधन और स्थानांतरण

जनपद के चार ब्लॉकों में मैनपावर की कमी के दृष्टिगत चिकित्सक/एएनएम तथा अन्य स्टाफ के स्थानांतरण के संबंध में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कमेटी बनाकर आवश्यकतानुसार सूची फाइनल कर ली जाए और किसी के दबाव में आकर फाइनल सूची में किसी प्रकार का संशोधन नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार चिकित्सकों की भर्ती के संबंध में भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।

जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवाओं का विस्तार

जिलाधिकारी ने जिला अस्पताल में हो रहे अल्ट्रासाउंड के संबंध में पूछताछ के बाद निर्देश दिया कि यदि मरीजों/अल्ट्रासाउंड कराने वालों की संख्या अधिक है तो दो शिफ्टों में सेवाएं संचालित की जाएं। उन्होंने कहा कि मरीजों को लंबे समय तक प्रतीक्षा न करनी पड़े, इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटलीकरण और निगरानी

बैठक में अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम और ई-संजीवनी के माध्यम से ऑनलाइन वीडियो कंसलटेंसी की प्रगति की समीक्षा की गई। साथ ही मंत्रा पोर्टल पर डाटा फीडिंग और आधार प्रमाणीकरण की प्रगति पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी सीएचसी में शौचालय सहित बेहतर Infrastructure विकसित किया जाए और इसके लिए एक-एक लाख रुपये मुहैया कराए जाएं।

VHSND सत्रों में गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच सुनिश्चित करने के आदेश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सभी एमओआईसी इन सत्रों का निरीक्षण निरंतर अंतराल पर करते रहें। उन्होंने जिन क्षेत्रों में विभिन्न टीकाकरण से बच्चे छूट गए हैं, उनमें अभियान चलाकर वृहद स्तर पर टीकाकरण करने के निर्देश भी दिए।

संस्थागत प्रसव और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं

जिलाधिकारी ने संस्थागत प्रसव के मामले में प्रगति की समीक्षा की और संस्थागत प्रसव के मामलों में संगिनी एवं आशा के कार्यों की विस्तृत समीक्षा कर यथावश्यक सुधार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी पीएचसी एवं सीएचसी पर आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और सभी चिकित्सीय भवनों को चिकित्सीय उपकरणों से लैस कर जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्था को उत्कृष्ट बनाया जाए।

मेडिकल कॉलेज/जिला अस्पताल से रेफर किए जाने वाले मरीजों के संबंध में डॉ. रोहित द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई और अनुरोध किया गया कि सब सेंटरों पर डिलेवरी की संख्या में कमी लाना आवश्यक है, क्योंकि सब सेंटर पर हर प्रकार की सुविधाओं का अभाव है।

निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश

जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में चल रही शासन की स्वास्थ्य योजनाओं को प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाने हेतु विशेष रणनीति तैयार कर क्रियान्वित की जाए। उन्होंने सीएमओ और सभी एमओआईसी को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो और कोई भी व्यक्ति स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित न रहे।

बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी ब्रजनंदन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, एडिशनल सीएमओ एस. एन. त्रिपाठी, पीडी पीयूष सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी, समस्त एमओआईसी, स्वास्थ्य विभाग के सभी संबंधित अधिकारी और कर्मचारी गण मौजूद रहे।

जिलाधिकारी ने अंत में कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सभी अधिकारियों को मिलकर काम करना होगा और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जनता के स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गुणवत्तापूर्ण सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

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