कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के पडरौना विकास खंड में आयोजित किसान मेले को संबोधित करते हुए ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि मनोज सिंह ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने की सलाह दी।
मनोज सिंह ने कहा कि
“भूमि को उर्वरा बनाए रखने के लिए प्राकृतिक खेती बेहद जरूरी है। किसानों को समय के अनुसार बदलाव करना होगा और खेती को महंगी नहीं बनने देना होगा। कम खर्च में फसल उत्पादन पर ध्यान देना होगा।”
जैविक खाद का उपयोग और फसल विविधता पर जोर
उन्होंने कहा कि किसानों को जैविक खाद का प्रयोग बढ़ाना होगा ताकि स्वास्थ्य भी बेहतर रहे। कृषि विभाग समय-समय पर किसानों को मेला, प्रशिक्षण और टूर कराकर आधुनिक व पारंपरिक खेती की जानकारी दे रहा है।
गन्ना और केले की खेती पर विचार
मनोज सिंह ने बताया कि गन्ना भारत की पारंपरिक फसल नहीं रही है, इसे अंग्रेजों ने लाकर प्रचारित किया था। पूर्वांचल के किसानों को इससे लाभ हुआ था, लेकिन आज गन्ने की खेती महंगी हो चुकी है, इसलिए किसान केले की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
मिलेट्स को बढ़ावा
उन्होंने कहा कि पहले की खेती में मडुआ, टांगुन, बाजरा, कोदो जैसी फसलें होती थीं। सरकार अब इन फसलों को प्रोत्साहन देने के लिए सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इन फसलों को अपनाना समय की मांग है।
किसान मेले में मल्टी परपज सीड स्टोर इंचार्ज सिद्धेश्वर प्रसाद गौड़, सहायक दीपक कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।