-बच्चों की प्रवेश आयु 4 वर्ष करना संभव नहीं, आरटीई नहीं देता अनुमति
लखनऊ, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने विपक्ष के शिक्षा संबंधित आरोपों का आंकड़ों के साथ करारा जवाब दिया। सदन में उन्होंने छात्रों के नामांकन, शिक्षकों की नियुक्ति, स्कूल मर्जर, शिक्षा भर्ती और बच्चों की प्रवेश आयु 4 वर्ष करने जैसे मुद्दों पर विस्तार से जानकारी दी।
आंकड़ों से किया विपक्ष के आरोपों का खंडन
मंत्री ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में कुल नामांकित छात्रों की संख्या 1.48 करोड़ से अधिक है। शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की कुल संख्या 6.28 लाख से ऊपर है। प्राथमिक विद्यालयों में 1 करोड़ 4 लाख 93 हजार 389 बच्चे पढ़ रहे हैं, जिनके लिए 3,38,590 शिक्षक और 1,43,450 शिक्षामित्र तैनात हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 43,01,483 बच्चों को पढ़ाने के लिए 1,20,860 शिक्षक और 25,223 अनुदेशक कार्यरत हैं। छात्र-शिक्षक अनुपात प्राथमिक शिक्षा में 30:1 तथा उच्च प्राथमिक शिक्षा में 35:1 है, जो संतुलित माना गया।
उन्होंने बताया कि पेयरिंग के बाद 50 से कम नामांकन वाले विद्यालयों में दो शिक्षक और एक शिक्षामित्र की नियुक्ति होगी। सरकार ने किसी भी विद्यालय को बंद नहीं किया है, सभी परिषदीय विद्यालय बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत ही संचालित हैं।
प्रवेश आयु 4 वर्ष पर स्पष्ट मंत्री का रुख
संदीप सिंह ने कहा कि बच्चों की प्रवेश आयु 4 वर्ष करना संभव नहीं है, क्योंकि राष्ट्रीय शैक्षिक अधिकार (RTE) अधिनियम में देशभर में 6 वर्ष से प्रवेश की व्यवस्था है। 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में पढ़ाई और पोषण की व्यवस्था पहले से है।
स्कूल मर्जर पर मंत्री की व्याख्या
मंत्री ने बताया कि केवल 1 किलोमीटर के दायरे में और 50 से कम छात्रों वाले स्कूलों को ही पेयर किया गया है। इस प्रक्रिया में खाली विद्यालयों में ICDS विभाग के साथ मिलकर प्री-प्राइमरी कक्षाएं चलाई जा रही हैं। अब तक 3000 से अधिक स्कूलों में यह व्यवस्था की जा चुकी है, और 19,484 ACCE संविदा कर्मी नियुक्त किए गए हैं।
सरकार की उपलब्धियां और विपक्ष पर कटाक्ष
संदीप सिंह ने कहा कि 2017 से 2025 तक सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है, जिसमें 27 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि सपा सरकार के दौरान 3.45 करोड़ बच्चे शिक्षा से दूर थे, जबकि वर्तमान सरकार ने अभियान चलाकर बच्चों को स्कूलों तक पहुँचाया है।
मंत्री ने आगे कहा कि प्रत्येक जनपद में दो मॉडल कंपोजिट विद्यालय बनाए जाएंगे, जिनकी लागत 30 करोड़ प्रति विद्यालय होगी। उन्होंने यह भी कहा कि योगी सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।