नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि 1 सितंबर से चांदी के आभूषणों के लिए भी हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी जाएगी। इस कदम का उद्देश्य चांदी के आभूषणों की गुणवत्ता और शुद्धता की पुष्टि करना है, ताकि उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाया जा सके कि वे जो वस्तु खरीद रहे हैं, वह मानकीकृत और प्रमाणित है।
यह निर्णय बहुमूल्य धातु के आभूषणों में गुणवत्ता आश्वासन और मानकीकरण की दिशा में बीआईएस की व्यापक पहल का हिस्सा है। बीआईएस के उप महानिदेशक चित्रा गुप्ता ने यह जानकारी देशभर के स्वर्ण आभूषण संघों के साथ हुई एक बैठक में दी।
बैठक में यह भी पुष्टि हुई कि अब नौ कैरेट सोने के आभूषणों के लिए भी हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। भविष्य में सात कैरेट सोने के आभूषणों के लिए भी हॉलमार्किंग की अनुमति देने की योजना है।
व्यापारी संघ के प्रतिनिधियों ने बैठक में यह जताया कि सोने के सिक्कों और बुलियन को हॉलमार्क करने का अधिकार केवल रिफाइनरियों को देना उचित नहीं होगा। इसके अतिरिक्त, यह भी निर्णय लिया गया कि हॉलमार्क प्रमाणपत्र वाले स्वर्ण आभूषणों पर वस्तु का वजन और उसकी तस्वीर दोनों प्रदर्शित होंगी, जिससे उपभोक्ताओं को और अधिक पारदर्शिता मिलेगी।
हाल की बाजार स्थिति और अन्य जानकारियां
सोने और चांदी की कीमतों में हाल के दिनों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने की कीमतें रिकॉर्ड उच्च स्तर से 900 रुपये गिरकर 1,02,520 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गईं। वहीं, चांदी की कीमतें 1,000 रुपये गिरकर 1,14,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गईं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस गिरावट के पीछे वैश्विक तनाव में कमी और अमेरिकी व्हाइट हाउस द्वारा सोने की छड़ों पर 39 प्रतिशत शुल्क के संबंध में स्पष्टता देना शामिल है। इसके अतिरिक्त, रूस-यूक्रेन संघर्ष से संबंधित शांति प्रयासों के चलते वैश्विक बाजार में स्थिरता आई है, जिससे कीमतों पर दबाव पड़ा है।
हॉलमार्किंग के महत्व और उपभोक्ताओं के लिए फायदे
हॉलमार्किंग का उद्देश्य ग्राहकों को गुणवत्ता और शुद्धता का भरोसा देना है। इससे बाजार में नकली और मिलावट वाले आभूषणों की बिक्री पर नियंत्रण मिलता है। हॉलमार्किंग प्रमाणपत्र में धातु की शुद्धता, निर्माण की जानकारी और निरीक्षण की पुष्टि होती है।
चांदी और सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग की अनिवार्यता से उपभोक्ताओं को संरक्षण मिलेगा और व्यापारियों को भी प्रमाणित और मानकीकृत वस्तुएं बेचने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।