लखनऊ, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 11 अगस्त से आरंभ हो गया है और 16 अगस्त तक जारी रहेगा। इस बार का सत्र कई मायनों में खास माना जा रहा है, क्योंकि इसमें ‘विकसित भारत–विकसित उत्तर प्रदेश–2047’ विजन डॉक्यूमेंट पर नॉनस्टॉप चर्चा का प्रस्ताव है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी सदस्यों से अपील की कि सदन को सुचारू रूप से चलाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
सत्र के पहले दिन का माहौल
पहले दिन सदन में सत्ता और विपक्ष दोनों की ओर से बयानबाजी तेज़ रही। सत्ताधारी दल ने इस सत्र को ऐतिहासिक बताया, जबकि विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह गंभीर मुद्दों पर खुली और सार्थक चर्चा से बच रही है।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा,
“लोकतंत्र में चर्चा और परिचर्चा ही वह माध्यम है जिसके जरिए जनता की समस्याओं को उच्च पटल पर रखा जा सकता है। सभी दलों ने सर्वदलीय बैठक में वादा किया है कि सत्र को सुचारू रूप से चलाया जाएगा, अब इसे निभाना सभी की जिम्मेदारी है।”
महाना ने यह भी जोड़ा कि विजन डॉक्यूमेंट 2047 के माध्यम से प्रदेश के विकास की दीर्घकालिक रूपरेखा तय की जाएगी, और इस पर नॉनस्टॉप चर्चा होगी।
विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर फोकस
इस सत्र का मुख्य आकर्षण है “विकसित भारत–विकसित उत्तर प्रदेश–2047” विजन डॉक्यूमेंट। इसके तहत यह चर्चा होगी कि 1950 से अब तक प्रदेश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति कैसी रही और 2047 तक इसे किस तरह विकसित राज्यों की श्रेणी में लाया जा सकता है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह सत्र उत्तर प्रदेश के भविष्य की दिशा तय करेगा।
“हमारे पास विजन है, और बिना विजन के विकास संभव नहीं है। इस सत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, रोजगार और कृषि जैसे क्षेत्रों पर विस्तृत चर्चा होगी।”
सत्ता पक्ष का दावा
सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा,
“उत्तर प्रदेश को राष्ट्र और सनातन संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। विधानसभा के 24 घंटे चलने की पहल का हम स्वागत करते हैं, क्योंकि कर्म के आधार पर ही प्रदेश का विकास संभव है।”
मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी को प्रदेश में हो रहे विकास कार्यों को भी देखना चाहिए।
“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हमने प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, लेकिन विपक्ष केवल हंगामा करता है।”
विपक्ष का पलटवार
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह गंभीर मुद्दों पर चर्चा से बच रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. संग्राम यादव ने कहा,
“हमारे पास किसानों, बेरोजगार युवाओं, शिक्षा व्यवस्था और परीक्षाओं में अनियमितताओं जैसे कई मुद्दे हैं, लेकिन सरकार इनमें चर्चा से बचती है।”
सपा ने 24 घंटे के विशेष सत्र में भाग लेने से इनकार कर दिया है। पार्टी का कहना है कि यह केवल दिखावा है और जनता की समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया जा रहा।
जनता से जुड़े मुद्दे भी केंद्र में
नेता माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि जनता से जुड़े हर मुद्दे पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि यही लोकतंत्र की बुनियाद है। उन्होंने कहा कि कृषि संकट, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था, और शिक्षा जैसे मुद्दे प्रत्यक्ष रूप से जनता के जीवन को प्रभावित करते हैं, और इन पर ठोस समाधान निकलना जरूरी है।
निष्कर्ष
यूपी विधानसभा का यह मानसून सत्र राजनीतिक रूप से काफी अहम है। जहां सत्ता पक्ष इसे प्रदेश के विकास का रोडमैप बनाने वाला ऐतिहासिक सत्र बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे महज औपचारिकता करार दे रहा है। अब देखना यह होगा कि विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर होने वाली चर्चा किस हद तक ठोस नीतियों और जनता के हित में कारगर कदमों का रूप ले पाती है।