नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। ऑस्ट्रेलियाई सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल साइमन स्टुअर्ट 10 से 14 अगस्त तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। मौजूदा समय में यह यात्रा भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच रणनीतिक और सैन्य सहयोग के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और नियम-आधारित व्यवस्था बनाए रखने के साझा प्रयासों के संदर्भ में।
उच्च स्तरीय वार्ता और मुलाकातें
यात्रा के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल स्टुअर्ट भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा न केवल भारत की क्षेत्रीय भूमिका को मान्यता देती है, बल्कि इंडो-पैसिफिक में सामूहिक तैयारी और रणनीतिक विश्वास को गहरा करने का एक अहम कदम है।
रक्षा साझेदारी का विस्तार
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है। नवंबर 2023 में नई दिल्ली में आयोजित 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता इसका बड़ा उदाहरण है, जिसकी अगली बैठक 2025 में ऑस्ट्रेलिया में प्रस्तावित है। इसके अलावा, जुलाई 2023 में ऑस्ट्रेलिया में हुई रक्षा नीति वार्ता ने नई पहलों की पहचान और मौजूदा सहयोग की समीक्षा के लिए एक अहम मंच प्रदान किया।
संयुक्त सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण
दोनों सेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यास इस साझेदारी का महत्वपूर्ण स्तंभ बन चुके हैं। वर्ष 2016 में शुरू हुआ द्विपक्षीय अभ्यास ‘ऑस्ट्राहिंद’ अब आतंकवाद-रोधी अभियानों, करीबी लड़ाई और संयुक्त रणनीतिक संचालन पर केंद्रित प्रमुख फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास है। इसका अगला संस्करण नवंबर 2025 में ऑस्ट्रेलिया में होगा।
भारतीय सेना ने ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित बहुराष्ट्रीय युद्ध अभ्यास ‘टैलिस्मन सेबर’ में सक्रिय भागीदारी की है। वहीं, ‘इंडो-पैसिफिक एंडेवर’ के दौरान विशाखापत्तनम में दोनों सेनाओं ने संयुक्त व्यावसायिक आदान-प्रदान, मानवतावादी राहत कार्य, जंगल युद्ध और आतंकवाद-रोधी अभियानों पर चर्चा की थी।
संस्थानिक और शैक्षिक सहयोग
भारतीय सेना के अधिकारी नियमित रूप से ऑस्ट्रेलियाई रक्षा और रणनीतिक अध्ययन पाठ्यक्रम, सेना कमांड और स्टाफ पाठ्यक्रम, तथा रक्षा खुफिया विश्लेषण पाठ्यक्रम में भाग लेते हैं। इसी तरह, ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी भारत के राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और उच्च रक्षा ओरिएंटेशन कोर्स में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। मिजोरम के वैरेंगटे स्थित काउंटर-इंसर्जेंसी और जंगल वारफेयर स्कूल में प्रशिक्षक विनिमय कार्यक्रम भी दोनों सेनाओं के सामरिक तालमेल को मजबूत करता है।
रक्षा उद्योग में सहयोग
रक्षा उद्योग में भी भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग लगातार बढ़ रहा है। भारतीय कंपनियां ऑस्ट्रेलिया को आईएसआर (इंटेलिजेंस, सर्विलांस, रिकॉनिसेंस), मोबिलिटी और संरक्षित प्रणालियों जैसी सामरिक क्षमताओं का निर्यात कर रही हैं। साथ ही, आर्मी डिजाइन ब्यूरो और ऑस्ट्रेलिया के डिगर वर्क्स के बीच संयुक्त विकास परियोजनाएं चल रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा हिंद-प्रशांत में नियम-आधारित व्यवस्था और क्षेत्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी को एक नई ऊँचाई पर ले जाएगी।