नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। राज्य सभा में गुरुवार को भारी हंगामे के बीच तटीय पोत परिवहन विधेयक, 2025 को पारित कर दिया गया, जिससे इस विधेयक को संसद की अंतिम मंजूरी मिल गई। यह विधेयक पहले ही लोक सभा द्वारा 3 अप्रैल 2025 को पारित किया जा चुका था। विधेयक पारित होते ही, विपक्षी दलों के तीव्र विरोध और लगातार हंगामे के चलते राज्य सभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
⚓ क्या है तटीय पोत परिवहन विधेयक, 2025?
यह विधेयक भारतीय तटीय जलक्षेत्र में चलने वाले व्यापारिक जहाजों को विनियमित करने और तटीय नौवहन (कोस्टल शिपिंग) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाया गया है। इसके माध्यम से सरकार का उद्देश्य है कि देश में समुद्री व्यापार को अधिक संगठित, टिकाऊ और प्रतिस्पर्धी बनाया जाए, जिससे परिवहन लागत में कमी आए और बंदरगाहों से जुड़े क्षेत्रों का विकास हो।
इस विधेयक के माध्यम से “मेड इन इंडिया शिपिंग” को बल मिलने की उम्मीद जताई जा रही है और यह ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन की दिशा में भी एक कदम माना जा रहा है।
🏛️ विधेयक पारित होने की प्रक्रिया: हंगामे की पृष्ठभूमि
गुरुवार को जब राज्य सभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे शुरू हुई, तब भी विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा। इस बीच पीठासीन उप सभापति घनश्याम तिवाड़ी ने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल को यह विधेयक पेश करने की अनुमति दी।
हंगामे के बावजूद मंत्री ने संक्षिप्त भाषण में विधेयक की आवश्यकता को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह भारत की समुद्री क्षमताओं को सुदृढ़ करेगा और तटीय राज्यों की अर्थव्यवस्था को नई गति देगा।
विपक्ष के कुछ सदस्यों ने विधेयक में संशोधन प्रस्ताव भी दिए थे, लेकिन पीठासीन अधिकारी द्वारा उन्हें संशोधन प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किए जाने पर उन्होंने पहले मतदाता सूची पुनरीक्षण पर चर्चा कराने की मांग रखी और संशोधन वापस ले लिए।
🗣️ विपक्ष का विरोध और सदन की स्थगन
कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद प्रमोद तिवारी ने इस दौरान व्यवस्था का प्रश्न उठाना चाहा लेकिन आसन ने उन्हें अनुमति नहीं दी। इसके बाद हंगामा और बढ़ गया, जिसके कारण पीठासीन उप सभापति ने सदन की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया।
गौरतलब है कि दिन की शुरुआत में भी शून्यकाल के दौरान विपक्षी हंगामे की वजह से राज्य सभा की कार्यवाही सुबह से दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी थी।
📌 विधेयक का संभावित प्रभाव:
तटीय व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
यह विधेयक समुद्र के रास्ते सामान ढुलाई को सुगम, सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल बनाएगा।स्थानीय उद्योगों को समर्थन
तटीय जहाजरानी को नियामित करके स्थानीय बंदरगाहों और सूक्ष्म व्यापार इकाइयों को प्रतिस्पर्धी लाभ मिलेगा।हरित (ग्रीन) परिवहन नीति
यह कदम केंद्र सरकार की “हरित लॉजिस्टिक्स नीति” के अनुरूप है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की कोशिश की जा रही है।शिपिंग क्षेत्र में निवेश को मिलेगा बल
इसके पारित होने से प्राइवेट निवेशकों को भी इस क्षेत्र में अधिक भरोसा मिलेगा।