Monday, October 20, 2025
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़ें

बांग्लादेश में फरवरी 2026 में होंगे आम चुनाव, शेख हसीना की पार्टी पर लगा बैन

ढाका, (वेब वार्ता)। बांग्लादेश में राजनीति का परिदृश्य एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने ऐलान किया है कि देश का अगला आम चुनाव फरवरी 2026 में रमजान माह से पहले कराया जाएगा। पहले यह चुनाव अप्रैल 2026 में प्रस्तावित था, लेकिन अब सभी प्रमुख दलों से परामर्श के बाद इसे दो महीने पहले आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।

यूनुस ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “बांग्लादेश अब एक नई दिशा की ओर अग्रसर है। हमारा लक्ष्य एक शांतिपूर्ण, पारदर्शी और लोकतांत्रिक चुनाव कराना है, जिसमें जनता की भागीदारी सर्वोपरि होगी।”

🔺 अंतरिम सरकार का बड़ा कदम: अवामी लीग पर प्रतिबंध

सबसे बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम यह रहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चुनाव आयोग ने उसका पंजीकरण भी रद्द कर दिया है, जिससे यह पार्टी अब आगामी चुनाव नहीं लड़ सकेगी। यह कदम उस समय उठाया गया है जब शेख हसीना, जो 15 वर्षों तक सत्ता में रहीं, अगस्त 2024 में हुए भारी जनआंदोलन के बाद भारत भाग गई थीं

ढाका की सड़कों पर उस विदाई की वर्षगांठ को लेकर जनता में उत्साह देखा गया। मानिक मिया एवेन्यू पर हजारों लोगों ने मार्च किया और इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया।

📜 ‘जुलाई डिक्लेरेशन’ बना नए बांग्लादेश का ब्लूप्रिंट

अंतरिम सरकार ने ‘जुलाई डिक्लेरेशन’ नाम से एक 26 बिंदुओं वाला दस्तावेज़ जारी किया है। यह दस्तावेज़ बांग्लादेश के शासन और संविधान में बड़े बदलावों का खाका पेश करता है। इसमें 1972 के संविधान को असफल बताते हुए, जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप नया संविधान लाने की बात कही गई है।

इस घोषणा में पूर्व सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया कि “शेख हसीना की सत्ता में बांग्लादेश एक तानाशाही, माफिया और असफल राष्ट्र में बदल गया था।”

🔍 बीएनपी, जमात और एनसीपी को मिली राजनीतिक स्वीकृति

नए राजनीतिक ढांचे में मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी), जमात-ए-इस्लामी और नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) को राजनीतिक स्वीकृति दी गई है। ये वे दल हैं जिन्होंने शेख हसीना सरकार के खिलाफ जनआंदोलन का नेतृत्व किया था।

⚠️ मानवाधिकारों को लेकर सवाल

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने इस परिवर्तनशील दौर पर चिंता जताई है। एचआरडब्ल्यू की एशिया डायरेक्टर मीनाक्षी गांगुली ने कहा, “अंतरिम सरकार को कट्टरपंथी ताकतों और राजनीतिक दबावों के बीच संतुलन बनाने में दिक्कत हो रही है। उन्हें न्यायिक सुधार और मानवाधिकारों के संरक्षण में तेजी दिखानी होगी।”

🗳️ चुनाव की तैयारी और अंतरराष्ट्रीय निगरानी

बांग्लादेश में फरवरी 2026 के चुनाव को लेकर संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय यूनियन और कॉमनवेल्थ देशों ने चुनावी प्रक्रिया पर निगरानी रखने की इच्छा जताई है। अंतरिम सरकार ने भी इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय चुनाव पर्यवेक्षकों को आमंत्रित करने की बात कही है।

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest

More articles