वाशिंगटन, (वेब वार्ता)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत पर आर्थिक दबाव बढ़ाने का संकेत देते हुए कहा है कि अमेरिका के लिए भारत “अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं है”। ट्रंप ने भारत पर अत्यधिक टैरिफ लगाने की बात कहकर आगामी 24 घंटों में टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत और भारतीय मूल की नेता निक्की हेली ने ट्रंप को सावधान किया है कि भारत जैसे भरोसेमंद मित्र देश से रिश्ते बिगाड़ना अमेरिका के दीर्घकालिक हित में नहीं है।
ट्रंप की नाराज़गी: भारत पर ज्यादा टैरिफ का आरोप
सीएनबीसी को दिए साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ बड़ा व्यापार करता है, लेकिन बदले में अमेरिका को उसका उतना लाभ नहीं मिल पाता क्योंकि भारत का आयात शुल्क बहुत अधिक है। उन्होंने कहा, “मैं 25% टैरिफ पर सहमत हुआ था लेकिन अगले 24 घंटों में इसे और बढ़ा दूंगा। भारत रूस से तेल खरीद रहा है और युद्धक विमानों को ईंधन भी दे रहा है।”
ट्रंप ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए अमेरिका की व्यापार नीति को “राष्ट्रहित” में बताया। साथ ही उन्होंने सेमीकंडक्टर और चिप्स पर भी नए टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिसका मकसद अमेरिका में इनकी घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है।
निक्की हेली की नसीहत: चीन को छूट, भारत पर शिकंजा?
निक्की हेली ने ट्रंप की आलोचना करते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए दोषी ठहराया जा रहा है जबकि चीन को टैरिफ से 90 दिनों की छूट दी गई है। भारत जैसे मजबूत सहयोगी से रिश्ते बिगाड़ना अमेरिका की विदेश नीति के लिए गलत होगा।” उन्होंने ट्रंप पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि इससे भारत-अमेरिका की लंबे समय से चली आ रही मित्रता को खतरा हो सकता है।
भारत की प्रतिक्रिया: दोहरे मापदंड बंद हों
भारत ने ट्रंप के आरोपों को “गैरवाजिब और तर्कहीन” बताते हुए कहा है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ खुद भी रूस से फर्टिलाइजर, तेल और केमिकल्स जैसे उत्पाद आयात कर रहे हैं। ऐसे में केवल भारत को निशाना बनाना अनुचित है। विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के पास भारत पर टैरिफ लगाने का नैतिक आधार नहीं है जब तक वह खुद रूस के साथ व्यापार बंद नहीं करता।
ट्रंप का रूसी तेल मुद्दा और अमेरिका की भूमिका
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर भी भारत को लेकर सख्त टिप्पणी करते हुए लिखा कि “भारत को रूस की वॉर मशीन से जुड़े तेल का आयात नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे यूक्रेन में हजारों लोग मारे जा रहे हैं।” उन्होंने संकेत दिए कि भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाएंगे, ताकि उसे रूस से व्यापार पर पुनर्विचार के लिए मजबूर किया जा सके।
हालांकि, जब सीएनबीसी ने उनसे पूछा कि क्या अमेरिका खुद रूस से व्यापार कर रहा है, तो ट्रंप ने जवाब दिया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और वे इस पर जांच कराएंगे।
🔍 निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ को लेकर दिए गए बयानों और भारत पर लगाए गए आरोपों से दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक बार फिर खटास की स्थिति बन रही है। लेकिन निक्की हेली जैसे रिपब्लिकन नेताओं की सलाह और भारत की तर्कपूर्ण प्रतिक्रिया यह दिखाती है कि द्विपक्षीय संबंधों को नाजुकता से संभालने की जरूरत है। यदि अमेरिका ने वाकई भारत पर और टैरिफ लगाए, तो यह एशिया में चीन को अप्रत्यक्ष रूप से और मजबूत कर सकता है — जो शायद अमेरिका की रणनीतिक नीति के विरुद्ध ही होगा।
India should not be buying oil from Russia. But China, an adversary and the number one buyer of Russian and Iranian oil, got a 90-day tariff pause. Don’t give China a pass and burn a relationship with a strong ally like India.
— Nikki Haley (@NikkiHaley) August 5, 2025