नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बहुचर्चित वैश्विक साइबर धोखाधड़ी मामले में मनीलॉन्ड्रिंग की जांच के तहत दिल्ली-एनसीआर और देहरादून के 11 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की डिजिटल पारदर्शिता और कालेधन के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत की गई सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही है।
🔍 ईडी की कार्रवाई: दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और देहरादून में छापे
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को सुबह से ही दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और देहरादून स्थित 11 परिसरों में एक साथ तलाशी अभियान (सर्च ऑपरेशन) चलाया। ईडी की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है।
ईडी ने यह कार्रवाई सीबीआई और दिल्ली पुलिस द्वारा पहले से दर्ज एफआईआर के आधार पर की। यह मामला एक ऐसे साइबर गिरोह से जुड़ा है, जिसने भारतीय और विदेशी नागरिकों को ऑनलाइन माध्यम से करोड़ों रुपये की चपत लगाई थी।
💻 ठगी का तरीका: क्रिप्टो में ₹260 करोड़ और हवाला के ज़रिए यूएई में ट्रांसफर
सूत्रों के अनुसार, इस साइबर गिरोह ने ठगी की गई राशि को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित कर विभिन्न वॉलेट्स में जमा किया। इस रकम का अनुमानित मूल्य लगभग ₹260 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। बाद में इस क्रिप्टो करेंसी को यूएसडीटी (USDT) यानी स्टेबल कॉइन में बदलकर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में हवाला ऑपरेटरों के जरिए नकदी में बदल दिया गया।
यह गिरोह विदेशी प्लेटफॉर्म्स और फेक वेबसाइट्स के माध्यम से निवेश, ट्रेडिंग, टेक्निकल सपोर्ट और लॉटरी स्कीमों की आड़ में लोगों को फंसा कर धन वसूलता था। इसके बाद ठगी की राशि को डिजिटल लेन-देन के माध्यम से छिपाया जाता था।
🕵️♂️ जांच का दायरा होगा और व्यापक
ईडी इस पूरे मामले में जिन व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, उनमें आईटी कंपनियों के नाम पर बनाए गए फर्जी फर्म्स, फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर्स, क्रिप्टो एक्सचेंज अकाउंट्स और हवाला चैनल्स शामिल हैं। संभावना है कि एजेंसी निकट भविष्य में कई और राज्यों में इसी तरह की कार्रवाई करेगी।
ईडी यह भी जांच कर रही है कि क्या इस गिरोह का कोई संबंध चीन, हांगकांग या अन्य साइबर क्राइम हॉटस्पॉट से है।
🛑 डिजिटल धोखाधड़ी पर केंद्र सरकार की सख्ती
यह मामला केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों पर जताई गई चिंता और उसके विरुद्ध कठोर कदम उठाने की नीति के अनुरूप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हाल ही में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में साइबर सुरक्षा को लेकर विशेष रणनीति बनाने का निर्देश दिया गया था।
📌 निष्कर्ष
इस वैश्विक साइबर धोखाधड़ी मामले में ईडी की कार्रवाई न केवल साइबर अपराधियों को चेतावनी है, बल्कि यह डिजिटल वित्तीय प्रणाली की पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए एक ठोस कदम है। आने वाले समय में इस मामले में और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।