Thursday, August 7, 2025
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E20 फ्यूल विवाद : केंद्र ने बताया, पुरानी कारों को नुकसान पहुंचाने की अफवाहें हैं निराधार

  • केंद्र ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के नकारात्मक प्रभाव की खबरों का किया खंडन

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। पेट्रोल में 20 % इथेनॉल (E20) मिश्रण को लेकर हाल ही में जो मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया चर्चाएं फैली हैं—उनमें दावा किया गया कि यह मिश्रण विशेषतः पुरानी कारों में इंजन को नुकसान पहुंचा सकता है, माइलेज पर असर डाल सकता है और ग्राहक अनुभव खराब कर सकता है। लेकिन केंद्रीय सरकार ने इन आरोपों का संपूर्ण खंडन करते हुए कहा है कि ये सभी चिंताएं वैज्ञानिक प्रमाणों से परे, निराधार और तकनीकी रूप से गलत हैं।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने अपने X (पूर्व ट्विटर) पोस्ट और आधिकारिक बयान में साफ कहा कि E20 फ्यूल से संबंधित जो भी डराए गए दावे सामने आए हैं—वो वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सत्यापित नहीं हैं। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ये पत्रकारिता की गलती या अनुमानित अवधारणाएं हैं, न कि ठोस तथ्य।


🚗 क्या है E20 और क्यों है यह ज़रूरी?

E20 मिश्रण यानी पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाकर इस्तेमाल किया जाने वाला ईंधन, भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा मिशन का एक अहम हिस्सा है। यह मिश्रण न केवल कच्चे तेल के आयात पर भारत की निर्भरता को कम करता है, बल्कि किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है।

🧪 वैज्ञानिक परीक्षणों और निष्कर्ष:

  • कार्ब्युरेटेड और फ्यूल‑इंजेक्टेड दोनों प्रकार की गाड़ियों में 1 लाख किलोमीटर तक हर 10,000 किमी पर किया गया इंडियन और आंतरराष्ट्रीय स्तर का परीक्षण यह दर्शाता है कि पावर, टॉर्क या फ्यूल खपत में कोई सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण अंतर नहीं मिलता

  • ARAI, IIP और Indian Oil (R&D) द्वारा चलाए गए सामग्री अनुकूलता (material compatibility) और चलाने योग्य (drivability) परीक्षणों में यह पुष्टि हुई कि legacy यानी पुरानी गाड़ियों में भी ई20 से कोई अनियंत्रित टूट‑फूट, खराब प्रदर्शन या जोखिम नहीं दिखता।इसके अलावा, गाड़ियाँ कोल्ड और हॉट स्टार्टेबिलिटी टेस्ट बेझिझक पास करती हैं।

  • मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि इथेनॉल की ऊर्जा घनत्व पेट्रोल से कम होती है, जिससे माइलेज में 1‑2 % की मामूली कमी हो सकती है—विशेषकर उन वाहनों में जो E10‑से E20 में अपडेट किए गए हैं। अन्य पुराने मॉडल में यह गिरावट 3‑6 % तक हो सकती है। लेकिन यह गिरावट बहुत मामूली है और उन्नत इंजन ट्यूनिंग व E20‑संगत सामग्रियों के साथ और कम हो सकती है।


🛠️ पुराने वाहनों से जुड़ी चिंताओं पर मंत्रालय की प्रतिक्रिया:

कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि पुराने वाहनों में रबर के गास्केट या पाइप इथेनॉल से कमजोर हो सकते हैं, जिससे रोकड़ मरम्मत की आवश्यकता पड़ सकती है। मंत्रालय ने बताया कि वास्तव में:

  • कुछ मामलों में 20,000–30,000 किमी के बाद सामान्य सर्विसिंग के दौरान कुछ रबर-पुर्जों की जगह लेना हो सकता है, लेकिन यह महँगा नहीं है।

  • अधिकतर मामलों में E20‑संगत सामग्री और बड़ी कंपनियों के वाहन अप्रैल 2023 से ही मार्केट में आ चुके हैं, जिनमें यह बदलाव पहले ही किया गया है।


🌍 पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ:

  • इथेनॉल (जैसे गन्ना, मक्का, बचा हुआ अनाज) renewable स्रोत है, जिससे CO₂ उत्सर्जन पेट्रोल की तुलना में लगभग 50–65 % तक कम होता है। एक NITI आयोग अध्ययन के अनुसार, गन्ना-आधारित इथेनॉल से लगभग 65 %, और मक्का-आधारित में लगभग 50 % कम GHG उत्सर्जन होता है

  • 2014‑15 से भारत ने अब तक ₹1.4 लाख करोड़ विदेशी मुद्रा की बचत की, साथ ही किसानों को ₹1.2 लाख करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। यह ऊर्जा सुरक्षा और ग्रामीण रोजगार के लिए दोहरा लाभ है।


📊 E20 के फायदे और भविष्य की राह:

पहलूविवरण
ऑक्टेन संख्याइथेनॉल की ऑक्टेन संख्या 108.5, जबकि पेट्रोल की 84.4 – जिससे हाई-कंप्रेशन इंजन बेहतर प्रदर्शन देते हैं।
E20‑संगत वाहनSIAM के अनुसार, अप्रैल 2023 से E20‑compliant वाहनों का उत्पादन और बिक्री शुरू।
BIS मानकसंक्षारण अवरोधक (corrosion inhibitors) और E20‑compatible फ्यूल सिस्टम सामग्रियों के लिए बीआईएस विनिर्देश मौजूद हैं।

✅ निष्कर्ष:

सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि E20 मिश्रण पर फैल रही अफवाहें—चाहे वे माइलेज को लेकर हों या इंजन को नुकसान पहुंचाने की—वैज्ञानिक आधारहीन और अतिशयोक्ति पर आधारित हैं। जो कमी माइलेज में होती है, वह गंभीर नहीं है और उसे आपके वाहन की सर्विसिंग और सही पार्ट्स से पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। मंत्रालय ने यह भी जोर दिया है कि पर्यावरणीय, आर्थिक, और ऊर्जा सुरक्षा के कारण E20 लॉन्च किया गया है, और इसके लाभ बहुमुखी और ठोस हैं

आपके वाहन के लिए E20 सुरक्षित है—चाहे वह पुराना मॉडल हो या नया—जब तक कि नियमित रख‑रखाव और उचित सामग्रियाँ ध्यान में रखी जाएँ।

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